जुड़वाँ बहनें

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Two twin sisters have sex with each other's husbands.
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जुड़वाँ बहनें
लेखक: पार्तो सेनगुप्ता ©
********************************

मेरा नाम हेमा है। मेरी एक जुड़वा बहन सीमा है। मैं बहुत ही सैक्सी हूँ लेकिन वो सैक्स में ज्यादा रुचि नहीं लेती। हम दोनों दिखने में एक जैसी हैं। कोई भी हम दोनों को देख कर नहीं बता सकता कि कौन सीमा है और कौन हेमा। हम दोनों की आवाज़, बोलने की स्टाइल, सारा बदन, सब एक जैसा है। हम दोनों की शादी पाँच महीने पहले ही हो चुकी है। हम दोनों की कोई भी बात एक दूसरे से छिपी नहीं है। मेरे पति का नाम धरम है और सीमा के पति का नाम राज है।

मेरे पति धरम और सीमा के पति राज, दोनों ही बहुत ज्यादा सैक्सी हैं। दोनों में फर्क केवल लंड के साइज़ का है। धरम का लंड आठ इंच लंबा और बहुत मोटा है लेकिन राज का लंड पाँच इंच ही लंबा है। धरम मेरी खूब चुदाई करते हैं। संडे को तो वो मुझे पूरे दिन में कई बार चोदते है। राज भी सीमा को खूब चोदते हैं लेकिन सीमा को सैक्स करना ज्यादा पसंद नहीं है। राज भी संडे को धरम कि तरह ही सीमा कि खूब चुदाई करते है लेकिन सीमा चुदवाते समय चुपचाप पड़ी रहती है।

एक बार मैं सात दिन के लिये सीमा के घर गयी। मैं अपना कोई भी सामन नहीं ले गयी थी, इसलिये मैं सीमा के ही कपड़े पहनती थी। राज जीजू भी मुझे नहीं पहचान पाते थे। कभी-कभी वो मुझे सीमा समझ कर मुझे पकड़ लेते थे। मेरे मन में एक दिन शरारत सूझी। मैं बहुत ही सैक्सी हूँ इसलिये मैंने सोचा एक दिन राज जीजू से चुदवा कर मज़ा लेना चाहिये। संडे का दिन था। राज अभी सो रहे थे और सीमा को अपनी एक फ्रैंड के घर जाना था। सीमा ने मुझसे कहा, “राज को जगा देना और नाश्ता करा देना। मैं दो-तीन बजे तक वापस आ जाऊँगी। कोई शरारत मत करना।”

मैंने कहा, “ठीक है।”

इतना कहने के बाद सीमा अपनी फ्रैंड के घर चली गयी। सीमा के जाने के बाद मैं नहाने चली गयी। नहाने के बाद मैंने अपने बदन पर एक टॉवल लपेट लिया और और ऊँची हील वाली चप्पल पहन कर राज जीजू को जगाने के लिये उनके रूम में पहुँच गयी। मैंने जीजू को जगाया तो वो उठ गये। उन्होंने मुझे सीमा समझ कर पूछा, “हेमा सो रही है क्या?”

मैं मन ही मन खुश हो गयी और कहा, “वो अपनी एक फ्रैंड के पास गयी है। दो-तीन बजे तक वापस आ जायेगी।”

इतना सुनते ही उन्होंने मुझे बेड पर खींच लिया और मुझे चूमने लगे। मैं भी राज को चूमने लगी। थोड़ी देर बाद वो बोले, “हेमा बहुत ही सैक्सी है और तुम हो कि तुम्हें सैक्स में मज़ा ही नहीं आता।”

मैं चुप रही। उन्होंने मेरे बदन पर लिपटा टॉवल खींच लिया तो मैं एक दम नंगी हो गयी। राज ने भी कपड़े उतारने शुरु कर दिये। अब हम दोनों एक दम नंगे हो चुके थे।

राज ने मुझे पलंग पर लिटा दिया और मेरे ऊपर सिक्स्टी-नाईन की पोज़िशन में हो गये। उन्होंने मेरी चूत को चाटना शुरु कर दिया और मुझसे अपना लंड चूसने को कहा। मैंने जीजू का लंड मुँह में ले लिया और बड़े प्यार से चूसने लगी। आज पहली बार कोई दूसरा मेरी चूत को चाट रहा था। मुझे बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था। थोड़ी ही देर बाद जीजू का लंड खड़ा हो गया। मैंने उनका लंड अपने मुँह के अंदर बाहर करना शुरु कर दिया तो जीजू बोले, “सीमा, लगाता है कि आज तुम मूड में हो।”

मैंने कहा, “हाँ राज, आज मैं चूत चुदवाने के मूड में हूँ। हेमा सुबह मुझे धरम और अपना किस्सा बता रही थी इसलिये मुझे भी आज थोड़ा जोश आ गया। आज मेरा मन भी कई बार चुदवाने का हो रहा है।”

राज बोले, “तब तो आज खूब मज़ा आयेगा।”

राज अभी भी मेरी चूत चाट रहे थे और मैं बहुत ज्यादा जोश में आ चुकी थी। थोड़ी ही देर में मैं झड़ गयी तो राज ने कहा, “आज तो तुम्हारी चूत ने पानी भी छोड़ दिया।”

मैंने कहा, “हाँ, आज मैं भी जोश में हूँ।”

उसके बाद राज मेरे ऊपर से हट कर मेरी टाँगों के बीच आ गये। उन्होंने मेरी टाँगों को उठा कर मेरे पैरों को अपने कंधे पर रख लिया। मेरे पैरों में अभी भी हील वाली चप्पल मौजूद थी। फिर उन्होंने मेरी चूत की लिप्स को फैला कर अपने लंड का टोपा बीच में रख दिया। मेरी चूत पर आज पहली बार किसी दूसरे आदमी ने अपना लंड रखा था इसलिये मैं जोश के मारे एक दम पागल सी होने लगी। मेरे सारे बदन में सनसनी सी दौड़ गयी। तभी राज ने एक धक्का मारा तो उनका पूरा का पूरा लंड मेरी चूत में समा गया। वो बोले, “क्या बात है। आज तुम्हारी चूत एक दम ढीली लग रही है। मेरा पूरा का पूरा लंड बिना किसी रुकावट के अंदर चला गया।”

मैं तो धरम के आठ इंच लंबे लंड से चुदवाने की आदी थी और राज का लंड केवल पाँच इंच का था। मैंने कहा, “आज मैं ज्यादा जोश में हूँ और एक बार झड़ भी चुकी हूँ इसलिये तुम्हें मेरी चूत धीली लग रही होगी।”

राज कुछ नहीं बोले और उन्होंने मुझे तेजी के साथ चोदना शुरु कर दिया। वो एक दम धरम कि तरह मेरी चुदाई कर रहे थे। अंतर केवल इतना था कि राज का लंड धरम के लंड से छोटा था। मैं बहुत ज्यादा जोश में थी इसलिये पाँच मिनट में ही झड़ गयी। मेरी चूत से पानी निकलता देखकर राज बहुत ज्यादा जोश में आ गये और उन्होंने अपनी स्पीड बढ़ा दी। वो मुझे एक दम आँधी कि तरह चोदने लगे। पूरा बेड हिलने लगा और रूम में फच-फच की आवाज़ होने लगी। लगभग पंद्रह मिनट बाद राज के लंड ने पानी छोड़ दिया और मेरी चूत भरने लगी। राज के साथ ही साथ मैं भी फिर से झड़ गयी। पूरी तरह से झड़ जाने के बाद राज ने अपना लंड मेरी चूत से बाहर निकाला और हट गये। मैंने राज को अपनी तरफ़ खींच लिया और उनका लंड चाटने लगी। वो बहुत खुश हो गये और बोले, “तुम तो मेरा लंड झड़ने के बाद अपने मुँह में नहीं लेती थी लेकिन आज तो तुम मेरा लंड भी चाट रही हो। आज तो चुदाई में मज़ा आ गया।”

उसके बाद मैं राज के साथ फिर से बाथरूम में नहाने चली गयी। हम दोनों ने एक दूसरे के बदन पर खूब साबून लगाया और नहाने लगे। हम दोनों बाथरूम से नहा कर नंगे ही बाहर आ गये। मैंने कहा, “मैं नाश्ता बनाने जाती हूँ।”

मैं कपड़े पहनने लगी तो राज बोले, “घर में तो कोई भी नहीं है। आज तुम ऐसे ही नाश्ता बना लो।”

मैं सिर्फ ऊँची हील वाली चप्पल पहने एक दम नंगी ही नाश्ता बनाने चली गयी। थोड़ी देर बाद मैं नाश्ता लेकर आयी तो मैंने देखा कि राज भी एक दम नंगे ही सोफ़े पर बैठ कर नाश्ते का इंतज़ार कर रहे थे। हम दोनों नाश्ता करने लगे। नाश्ता करने के बाद राज ने मुझे अपनी तरफ़ खींच लिया और मुझे सोफ़े पर लिटा दिया। उन्होंने प्लेट से ढेर सारा बटर उठाया और मेरी चूत में भरने लगे। धरम ने मेरे साथ आज तक ऐसा कभी नहीं किया था इसलिये मुझे मज़ा आ रहा था।

मैं जोश में आने लगी। उन्होंने ढेर सारा बटर मेरी चूत में भर दिया और फिर मेरी चूत से बटर चाटने लगे। मैं एक दम पागल सी होने लगी। फिर उन्होंने दो ब्रैड लिये और मेरी चूत में अँगुली डाल डाल कर बटर निकालने लगे। उन्होंने वो बटर ब्रैड पर लगाना शुरु कर दिया। उसके बाद राज ने एक ब्रैड मुझे दिया और दूसरा खुद खाने लगे और बोले, “बहुत ही स्वाद है इस ब्रैड में।”

मैं भी मुस्कुराते हुए ब्रैड खाने लगी। ब्रैड खाने के बाद उन्होंने मुझे ज़मीन पर डॉगी स्टाइल में कर दिया और अपना लंड एक ही झटके से मेरी चूत में डाल दिया। बटर लगा होने की वजह से उनका लंड मेरी चूत में एक दम जड़ तक घुस गया। उसके बाद राज ने मेरी चुदाई शुरु कर दी। बटर लगा होने कि वजह से उनका लंड स्लिप करते हुए मेरी चूत के अंदर बाहर हो रहा था और मुझे कुछ भी पता नहीं चल रहा था। मुझे बहुत कम मज़ा आ रहा था। वो मुझे लगभग तीस मिनट तक चोदने के बाद बोले, “तुम जानती हो कि मैंने तुम्हारी चूत में बटर क्यों लगाया?”

मैंने कहा, “नहीं।”

राज बोले, “मैं इस बार बहुत देर तक चोदना चाहता था। इस बटर की वजह से मेरा लंड तुम्हारी चूत में स्लिप करते हुए अंदर बाहर हो रहा है। इस वजह से हम दोनों जल्दी नहीं झड़ पायेंगे।”

अब जाकर मैं समझ पायी कि राज ने मेरी चूत में बटर क्यों लगाया। वो मेरी चुदाई बहुत ही तेजी के साथ कर रहे थे। लगभग बीस मिनट तक और चोदने के बाद राज ने अपना लंड मेरी चूत से बाहर निकाला और बोले, “अब मैं थक गया हूँ। लाओ तुम्हारी चूत को साफ कर दूँ।”

उसके बाद उन्होंने टॉवल से मेरी चूत को एक दम साफ कर दिया और फिर अपना लंड साफ़ करने लगे। उसके बाद उन्होंने फिर से मेरी चूत में एक झटके से अपना लंड घुसा दिया। चूत ड्राई हो जाने की वजह से इस बार मुझे थोड़ा दर्द हुआ तो मेरे मुँह से एक सिसकरी सी निकल पड़ी। उसके बाद उन्होंने तेजी के साथ मेरी चुदाई शुरु कर दी। दस मिनट चुदवाने के बाद मैं झड़ गयी लेकिन वो रुके नहीं। मुझे चोदते रहे। लगभग बीस मिनट तक और चोदने के बाद राज भी झड़ गये। उनके साथ ही साथ मैं भी फिर से एक बार झड़ गयी। उसके बाद उन्होंने अपना लंड मेरी चूत से बाहर निकाला और बोले, “चाटोगी या मैं टॉवल से साफ़ कर दूँ।”

मैंने कहा, “नहीं, अपना लंड इधर करो। मैं इसे चाट-चाट कर साफ़ करूँगी।”

उन्होंने अपना लंड मेरे मुँह के पास कर दिया और मैं उनका लंड चाट चाट कर साफ़ करने लगी। अब तक दोपहर के ग्यारह बज चुके थे। दो-तीन बजे सीमा आने वाली थी। मैंने सोचा अब राज को मालूम हो जाना चाहिये कि वो सीमा को नहीं अपनी साली हेमा को चोद रहे थे। मैं एक दम नंगी ही खाना बनाने चली गयी। खाना बनाने के बाद हम दोनों ने खाना खाया। फिर आराम करने लगे। जब दोपहर के एक बज गये तो मैंने राज से कहा, “राज, अब एक बार मैं तुम्हें चोदना चाहती हूँ।”

वो बोले, “इसमें पूछने की कौन सी बात है। आज ही तो तुम्हें चोदने में मज़ा मिला है।”

मैंने राज का लंड मुँह में ले लिया और चूसने लगी। जब उनका लंड खड़ा हो गया तो मैं उनके ऊपर आ गयी। मैंने उनका लंड अपनी चूत में डाल लिया और धक्के लगाने लगी। पाँच मिनट बाद मेरी चूत से पानी निकलने लगा लेकिन मैंने धक्का लगाना ज़ारी रखा। लगभग पंद्रह मिनट बाद जब राज का बदन अकड़ने लगा तो मैं समझ गयी कि अब वो झड़ने वाले हैं। मैं भी दूसरी बार अब झड़ने ही वाली थी। मैंने सोचा अब यही मौका है कि राज को मालूम हो जाना चाहिये कि मैं सीमा नहीं हेमा हूँ। मैंने और तेज धक्के लगाने शुरु कर दिये और जोश में आ कर कहने लगी, “ओह जीजू, आज मज़ा आ गया आप से चुदवा कर।”

वो बोले, “तुम पागल तो नहीं हो गयी हो। मुझे जीजू कह रही हो?”

मैंने धक्के लगाते हुए ही कहा, “जीजू, मैं सीमा नहीं हेमा हूँ। सीमा तो अपनी फ्रैंड के पास गयी है। आप जानते हैं कि मैं बहुत सैक्सी भी हूँ। मैं आप से चुदवाना चाहती थी इसलिये झूठ बोल दिया था।”

वो मुझे अपने ऊपर से हटाना चाहते थे कि तभी उनके लंड से पानी निकलना शुरु हो गया। वो चाह कर भी ना तो मुझे अपने ऊपर से हटा पाये और ना ही अपने लंड का पानी रोक पाये। उन्होंने अपनी आँखें बंद कर ली। उनके साथ ही साथ मेरी चूत से भी पानी निकलने लगा। जब हम दोनों पूरी तरह झड़ गये तो मैं राज के ऊपर से हट गयी और उनके बगल में लेट गयी। थोड़ी देर बाद राज ने अपनी आँखें खोली और बोले, “मैं सुबह से ही सोच रहा था कि आज सीमा को क्या हो गया है। वो मुझसे खूब चुदवा रही है। मैं नहीं जानता था कि मैं सीमा को नहीं हेमा को चोद रहा हूँ। तुम बड़ी शैतान हो। खैर अब जाने दो। जो हुआ सो हुआ। अगर सीमा को पता चल गया तो क्या होगा।”

मैंने कहा, “कुछ भी नहीं होगा। वो जानती है कि मैं बहुत ही नटखट और सैक्सी हूँ और कुछ भी कर सकती हूँ। मैं सीमा को भी सैक्सी बना सकती हूँ। अगर आपको कोई ऐतराज़ ना हो तो आप सीमा को दस दिन के लिये मेरे साथ भेज दो। मैं उसे दस दिनों में ही बहुत ज्यादा सैक्सी बना दुँगी। लेकिन आपको एक बात बर्दाश्त करनी पड़ेगी।”

राज ने पूछा, “वो क्या?”

मैंने कहा, “सीमा को सैक्सी बनाने के लिये मुझे शायद उसकी चुदाई धरम से करवानी पड़े।”

राज ने कहा, “मुझे मंज़ूर है। लेकिन धरम से चुदवा कर वो सैक्सी कैसे बन जायेगी। आखिर मैं भी तो उसे खूब चोदता हूँ।”

मैंने कहा, “मैं सीमा से पूरी तरह वकिफ़ हूँ। मैं ये अच्छी तरह जानती हूँ कि उसे कैसे सैक्सी बनाया जा सकता है।”

राज ने कहा, “मुझे तो सैक्सी बीवी ही चाहिये जो मुझसे खूब चुदवाये। तुम सीमा को अपने साथ ले जाना।”

मैंने कहा, “ठीक है, मैं उसे अपने साथ ले जाऊँगी लेकिन आप सीमा से कुछ मत बताना। नहीं तो वो कभी भी मेरे साथ जाने के लिये तैयार नहीं होगी।”

राज ने कहा, “ठीक है।”

तभी कॉलबेल बजी। मैं अपने रूम में चली गयी और रूम का डोर अंदर से लॉक कर लिया। राज ने एक टॉवल लपेट लिया और डोर खोला। सीमा ने राज से पूछा, “हेमा कहाँ है।”

राज ने कहा, “वो सो रही है।”

सात दिनों में मैंने मौका पा कर राज से कई बार चुदवाया और जब वापस अपने घर आने लगी तो राज ने सीमा से कहा, “तुम बहुत दिनों से बाहर नहीं गयी। तुम भी दस दिनों के लिये हेमा के साथ चली जाओ। तुम्हारा मन बहल जायेगा।”

सीमा बहुत खुश हो गयी। मैं सीमा के साथ अपने घर आ गयी। मैं अपने घर पहुँची तो सीमा बाथरूम चली गयी। मौका पाकर मैंने धरम को सारी बात बता दी। मैंने ये भी बता दिया कि मैंने राज से चुदवाया है। धरम पहले तो नाराज़ हुए फिर मान गये। मैंने धरम को ये भी बता दिया कि मैं सीमा को उनसे चुदवा कर सैक्सी बनाना चाहती हूँ और इसी लिये सीमा को साथ लायी हूँ। मैंने धरम से ये भी वादा ले लिया कि वो सीमा को तब तक नहीं चोदेंगे जब तक वो उनसे चुदवाने के लिये तड़पने ना लगे।

धरम ने कहा, “ठीक है। जैसा तुम कहोगी मैं वैसा ही करुँगा।”

हमारा घर केवल एक ही रूम का था। रात में जब सोने का वक्त आया तो सीमा ने कहा, “मैं तो भूल गयी थी कि तुम्हारा घर केवल एक ही रूम का है। अगर मुझे याद होता तो मैं यहाँ कभी नहीं आती। तुम बहुत सैक्सी हो। मेरे यहाँ रहने पर तुम दोनों को बड़ी दिक्कत होगी। तुम जीजू से कैसे चुदवाओगी।”

मैंने कहा, “तू तो जानती है कि मुझे बिना चुदवाये नींद नहीं आती। जब धरम मुझे चोदेंगे तो तुम अपना सिर दूसरी तरफ़ कर लेना।”

सीमा बोली, “मुझे शरम आयेगी।”

मैंने कहा, “इसमें शरम की कौन सी बात है। आखिर वो भी तो तुम्हारे जीजू हैं।”

रूम में एक ही बेड भी था। सोने का वक्त हो चुका था। सीमा ये भी जानती थी कि हम दोनों नंगे ही सोते हैं। मैंने अपने कपड़े उतारने शुरु कर दिये तो वो बोली, “तुझे शरम नहीं आती। कम से कम मैं जब तक यहाँ पर हूँ तब तक तो कपड़े पहन कर सो जाओ।”

मैंने कहा, “तुम्हारे सामने कैसी शरम। तू तो मेरी जुड़वा बहन है और मेरी दोस्त भी। तुझसे मेरी कोई बात छुपी भी नहीं है। अभी तो धरम भी अपने सारे कपड़े उतार कर एक दम नंगा हो जायेगा, तब क्या करेगी।”

वो बोली, “तुम दोनों बड़े बेशरम हो।”

उसके बाद वो चुप हो गयी। जब धरम भी अपने कपड़े उतारने लगा तो सीमा ने अपना मुँह दूसरी तरफ़ कर लिया।

धरम बोला, “साली जी, क्या मैं इतना बदसूरत हूँ कि आपने अपना मुँह फेर लिया।”

सीमा ने बड़े प्यार से कहा, “नहीं जीजू, ऐसी बात नहीं है। आप नंगे हो रहे हैं, इसलिये मुझे शरम आ रही है।”

कपड़े उतारने के बाद धरम ने मुझसे कहा, “सीमा से कहो कि वो भी अपने कपड़े उतार दे। तब ही साथ साथ सोने में मज़ा आयेगा। मैं उसके साथ कुछ नहीं करुँगा, आखिर वो मेरी साली है।”

मैंने सीमा से कहा, “सुना तूने, तेरे जीजू क्या कह रहे हैं। तू भी अपने कपड़े उतार दे।”

सीमा बोली, “मैं जीजू के सामने अपने कपड़े नहीं उतारुँगी। मुझे शरम आयेगी।”

मैंने कहा, “कैसी शरम, सीमा। आखिर हम दोनों भी तो तेरे सामने एक दम नंगे हैं।”

सीमा बोली, “तुम दोनों बड़े बेशरम हो। तुम दोनों को शरम नहीं आती। मुझे तो आती है।”

मैंने आगे बढ़ कर सीमा की साड़ी खींच कर निकाल दी। उसके बाद मैंने बटन खोल कर उसका ब्लाऊज़ भी उतार दिया। फिर मैंने उसका पेटीकोट भी उतार दिया। अब सीमा केवल ब्रा और पैंटी में थी। मैंने जब उसकी ब्रा और पैंटी भी उतारनी चाही तो वो बोली, “बस, अब रहने दे। मैं एक दम नंगी नहीं हो सकती।”

धरम ने सीमा को देखते हुए कहा, “तुम दोनों तो एक दूसरे की कॉपी हो। तुम दोनों को देख कर ये बता पाना मुश्किल है कि कौन सीमा है और कौन हेमा।”

उसके बाद धरम बेड पर लेट गये। उनके बगल में मैं लेट गयी और उसके बाद सीमा। मैंने धरम का लंड सहलाना शुरु कर दिया। जब उनका लंड खड़ा हो गया तो मैं बेड पर डॉगी स्टाइल में हो गयी।

धरम ने मेरे पीछे आकर अपना लंड मेरी चूत में डाल दिया और मुझे चोदने लगे। सीमा ने अपना सिर दूसरी तरफ़ कर रखा था। थोड़ी देर बाद जब धरम जोश में आ गये तो मुझे बहुत ही तेजी के साथ चोदने लगे। वो जोर जोर से धक्के लगा रहे थे। मैंने जान बूझ कर ऊऊहहह... आहहह... करना शुरु कर दिया जिससे सीमा को थोड़ा जोश आ जाये लेकिन वो तो अपना सिर दूसरी तरफ़ किये हुए चुपचाप पड़ी थी। धरम सीमा कि तरफ़ देखते हुए मुझे खूब जोर-जोर से चोद रहे थे। पूरा बेड हिल रहा था। मैंने सीमा को चिढ़ाने के लिये उसे कई बार पुकारा लेकिन वो नहीं बोली। फिर मैंने अँगुली से उसको कुरेदा तो वो बोली, “बेशरम, चुपचाप तू अपना काम कर। मुझे क्यों परेशान कर रही है। मुझे सोने दे।”

मैंने कहा, “तू कुछ ना कर। अपना सिर तो मेरी तरफ़ कर सकती है। देख मुझे धरम कैसे चोद रहा है।”

वो कुछ नहीं बोली तो मैंने फिर से उसे कुरेदा। उसने इस बार मेरा हाथ झटक दिया।

मैंने कहा, “सीमा, काहे को शर्मा रही है। हम दोनों की कोई बात एक दूसरे से छुपी नहीं है। मैंने तुझे ये भी बताया है कि धरम मुझे कैसे चोदता है। फिर कैसी शरम।”

मैंने उसे दो-तीन बार और कुरेदा तो वो नाराज़ हो कर बोली, “तू नहीं मानेगी, ले मैं अपना सिर तेरी तरफ़ कर लेती हूँ। अब खुश है।”

उसने अपना सिर मेरी तरफ़ कर लिया लेकिन उसने अपनी आँखें बंद कर ली।

धरम ने कहा, “साली जी, अपनी आँखें तो खोलिये। आप तो बस केवल ये देखिये कि मैं हेमा को कैसे चोद रहा हूँ। मैं आपके साथ थोड़े ही कुछ करुँगा। “

वो कुछ नहीं बोली तो मैंने कहा, “मेरी ना सही, तू अपने जीजू कि बात तो मान जा।”

मैंने उसे फिर से कुरेदा तो उसने अपनी आँखें खोल दी। वो शरमायी आँखों से मुझे चुदवाते हुए देखने लगी। थोड़ी ही देर में उसकी आँखें जोश से भर कर एक दम गुलाबी हो गयी। अब तक धरम को मुझे चोदते हुए बीस-पच्चीस मिनट हो चुके थे। उनके लंड ने मेरी चूत को भरना शुरु कर दिया और साथ ही साथ मैं भी झड़ गयी।

धरम ने पूरा पानी निकल जाने के बाद अपना लंड मेरी चूत से बाहर निकाला और मेरे मुँह के पास कर दिया। मैंने बड़े प्यार से उनका लंड चाटना शुरु कर दिया। सीमा धरम के लंड को बड़े ध्यान से देख रही थी। उसने अपनी जाँघें एक दूसरे पर कस रखी थी और कसमसा रही थी। जब मैंने धरम का लंड चाट-चाट कर साफ़ कर दिया तो फिर धरम ने मेरी चूत को चाटना शुरु कर दिया। मैंने देखा कि सीमा कि निगाहें अभी भी धरम के लंड पर थी।

वो कुछ नहीं बोली। उसके बाद हम सोने लगे। दूसरे दिन रात में जब हम सोने के लिये बेड पर जाने लगे तो मैंने और धरम ने अपने कपड़े उतार दिये। सीमा ने भी बिना कुछ कहे अपने कपड़े उतार दिये लेकिन उसने आज भी अपनी ब्रा और पैंटी नहीं उतारी। लेकिन जब मैंने उसकी ब्रा और पैंटी उतारने की कोशिश कि तो उसने मुझे रोका नहीं। मैंने उसकी ब्रा और पैंटी उतार दी। अब सीमा भी एक दम नंगी हो गयी। उसके बाद हम सब बेड पर आ गये।

धरम ने सीमा से कहा, “साली जी, अगर आपको कोई ऐतराज़ ना हो तो मैं हेमा की चुदाई शुरु कर दूँ।”

वो शरमाते हुए बोली, “जीजू, मैं कैसे मना कर सकती हूँ। आखिर ये आप कि बीवी है।”

धरम ने अपना लंड मेरे मुँह के पास कर दिया। मैंने धरम का लंड अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगी। आज सीमा ने अपना सिर दूसरी तरफ़ नहीं किया। वो मुझे धरम का लंड चूसते हुए बड़े ध्यान से देख रही थी। मैं समझ गयी कि अब उसे मज़ा आने लगा है।

जब धरम का लंड खड़ा हो गया तो मैं लेट गयी। धरम ने अपना लंड मेरी चूत के बीच रखा और एक ही झटके में अपना पूरा लंड मेरी चूत में डाल दिया। उसके बाद उन्होंने मेरे बूब्स को पकड़ कर मसलना शुरु कर दिया और जोर जोर से धक्के लगाते हुए मुझे चोदने लगे। सीमा बड़े ध्यान से धरम का लंड मेरी चूत के अंदर बाहर आता जाता देख रही थी।

धरम ने सीमा से कहा, “साली जी, कैसा लग रहा है। मैं ठीक से चोद रहा हूँ ना हेमा को?”

वो बोली, “आप बड़े बेशरम हैं।”

सीमा को भी जोश आने लगा था और वो अपनी जाँघों को एक दूसरे पर रगड़ रही थी। धरम ने मेरी चुदाई जारी रखते हुए सीमा से कहा, “साली जी, आप के बूब्स बहुत ही अच्छे लग रहे हैं। मैं हाथ लगा कर देख लूँ?”

वो कुछ नहीं बोली। मैं समझ गयी कि सीमा जोश में है। धरम ने अपना हाथ सीमा के बूब्स पर रख दिया। सीमा के मुँह से एक सिसकरी निकली। उसने धरम को मना नहीं किया और ना ही उसका हाथ हटाने की कोशिश की। धरम की हिम्मत बढ़ गयी और उन्होंने सीमा के बूब्स को मसलना शुरु कर दिया। वो सीमा के बूब्स को मसलते हुए मुझे चोद रहे थे। बीस-पच्चीस मिनट तक चोदने के बाद धरम झड़ गये। उन्होंने अपना लंड मेरी चूत से बाहर निकाला और सीमा की तरफ़ कर दिया।

मैंने सीमा से कहा, “मैंने तुझसे कहा था ना कि धरम का लंड आठ इंच का है और तू नहीं मानती थी। तूने धरम का लंड अपनी आँखों से देख लिया। अब तो तुझे विश्वास हो गया ना। कैसा लगा धरम का लंड।”

सीमा ने शरमाते हुए कहा, “बहुत ही अच्छा है। लेकिन तू इतना बड़ा लंड कैसे पूरा अंदर ले लेती है। तुझे ज़रा भी तकलीफ नहीं होती?”

मैंने कहा, “शुरु-शुरु में कुछ दिन हुई थी। लेकिन अब ये मेरी चूत में आराम से घुस जाता है और मुझे खूब मज़ा आता है।”

तभी धरम बोले, “साली जी, ध्यान से देख लो मेरा लंड। इतना लंबा और मोटा लंड तुम्हारी बहन पूरा का पूरा अपनी चूत के अंदर ले लेती है।”

वो बोली, “क्या जीजू, आप को शरम नहीं आती कि आप अपना लंड मुझे दिखा रहे हो।”

धरम बोले, “मैं तो केवल दिखा रहा हूँ, कुछ कर थोड़े ही रहा हूँ। अगर तुम कहोगी तो मैं जरूर इसका मज़ा तुम्हें भी दे सकता हूँ।”

सीमा शरमाते हुए बोली, “धत्त!”

धरम का लंड अभी भी सीमा के मुँह के पास था और सीमा चुपचाप धरम के लंड को देख रही थी। उसकी आँखों में भी मस्ती दिख रही थी। थोड़ी देर बाद उसने अपनी आँखें बंद कर ली तो धरम ने अपना लंड हटा लिया। मैंने धरम का लंड चाट-चाट कर साफ़ किया और धरम ने मेरी चूत को चाट- चाट कर साफ़ किया। उसके बाद हम सो गये। तीसरे दिन संडे था। सुबह के आठ बजे हम सब उठ गये।

धरम ने सीमा से कहा, “हेमा ने तो तुम्हें बताया होगा कि संडे को क्या होता है।”

सीमा ने शरमाते हुए कहा, “मुझे सब मालूम है। आपको कुछ बताने की ज़रूरत नहीं है।”

हम सब अभी भी एक दम नंगे ही थे। अब सीमा ज्यादा नहीं शरमाती थी। धरम मेरे ऊपर सिक्स्टी नाईन की पोज़िशन में हो गये। उन्होंने मेरी चूत को चाटना शुरु कर दिया और मैंने धरम का लंड चूसना शुरु कर दिया। सीमा चुपचाप देखती रही। उसे भी जोश आ रहा था और जोश के मारे उसकी आँखें गुलाबी सी होने लगी। जब धरम का लंड खड़ा हो गया तो उन्होंने मेरे चूतड़ सीमा के बगल में बेड के किनारे पर रख कर मुझे लिटा दिया और खुद ज़मीन पर मेरी टाँगों के बीच खड़े हो गये। उसके बाद उन्होंने मेरी चूत में अपना लंड घुसेड़ दिया और मुझे चोदने लगे। धरम जोर-जोर से धक्के लगा रहे थे।

थोड़ी देर बाद उन्होंने सीमा के बूब्स पर अपना हाथ रखा तो सीमा कुछ नहीं बोली। वो बड़े ध्यान से धरम का लंड मेरी चूत के अंदर बाहर होता हुआ देख रही थी। धरम ने सीमा के बूब्स को मसलते हुए मेरी चुदाई ज़ारी रखी। वो जोर-जोर से धक्के लगाते हुए बहुत ही तेजी के साथ मुझे चोद रहे थे। थोड़ी देर बाद धरम ने अपना हाथ सीमा की जाँघों पर फिराना शुरु कर दिया तो सीमा ने मना नहीं किया। धरम ने उसकी जाँघों को सहलाना शुरु कर दिया। वो भी जोश में आ गयी थी। धरम की स्पीड अब बहुत तेज़ हो गयी थी। उन्होंने सीमा की जाँघों को सहलाते हुए धीरे से अपना हाथ उसकी चूत की तरफ़ बढ़ा दिया। जब सीमा ने फिर भी कुछ नहीं कहा तो धरम ने उसकी चूत को सहलाना शुरु कर दिया।

थोड़ी देर तक सहलाने के बाद सीमा सिसकरियाँ भरने लगी लेकिन उसने धरम को बिल्कुल नहीं रोका। धरम सीमा की चूत को सहलाते हुए मुझे चोद रहे थे। थोड़ी देर बाद जब सीमा की चूत से पानी निकलने लगा तो उसने धरम का हाथ हटा दिया। बीस-पच्चीस मिनट की चुदाई के बाद धरम झड़ गये। मैं भी उनके साथ ही साथ झड़ चुकी थी। धरम ने अपना लंड मेरी चूत से बाहर निकाला और सीमा के मुँह के पास कर दिया और कहा, “देखो ध्यान से, इस पर हेमा की चूत का और मेरे लंड का पानी लगा हुआ है। कैसा दिख रहा है मेरा लंड। मुँह में लोगी इसे।”