Note: You can change font size, font face, and turn on dark mode by clicking the "A" icon tab in the Story Info Box.
You can temporarily switch back to a Classic Literotica® experience during our ongoing public Beta testing. Please consider leaving feedback on issues you experience or suggest improvements.
Click hereAll the characters in this story are 18 years are older.
पाठकों, इस कहानी में एक ही परिवार के लोग आपस में शारीरिक संबंध स्थापित करते हैं. यदि इस विषय से आपको आपत्ति है तो कृपया इसे न पढें.
*****
परिवार की इस सारी चर्चा पर ममता कि चूत में एक अजीब सी सरसराहट होने लगी . उसकी चुंचियां टाइट हो कर उठ गयीं. अमर के लंड में भी जैसे जान आ गयी थी.
अमर बिस्तर छोड़ कर जमीन पर खड़ा हो गया. ममता ने देखा उसका लंड एकदम टाइट हो चुका था.
"आ जाओ जानेमन ....इस खड़े लंड का कुछ इंतज़ाम कर दूं....दोपहर की बात याद दिला कर मेरी चूत में भी पानी आ रहा है...." ममता पुकार उठी.
"ये हुई न बात. पर आज के दिन को थोडा और स्पेशल बनाएंगे ममता रानी." कहते हुए अमर दरवाजे तक गया.
ममता हैरान थी कि नंगा बदन अमर कहाँ बाहर की तरफ जा रहा है.
दरवाजा खोल कर अपना चेहरा बाहर निकाल कर बोला,
"आ जाइए"
बस कहने की देर थी कि दो मिनट के अन्दर ही उसकी सासु माँ, उसके ससुर और ससुर के भाई साहब कमरे के अन्दर आ गए.
ममता को समझ आ गया कि उसकी जिन्दगी में अब चुदाई की तादाद अब जोरों से बढ़ने वाली है. और उसे इस बात से कोई शिकायत नहीं थी. जब उसके पति अमर की रजामंदी इसमें शामिल है तो उसे क्या ऐतराज़ होगा.
दो मिनट के अन्दर ही उसकी सासु माँ, उसके ससुर और ससुर के भाई साहब कमरे के अन्दर आ गए. ममता ने घबरा कर चादर खींच कर अपने नंगे बदन को धक् लिया. पर उन तीन लोगों ने अपने कपडे उतार फेंकने में एक पल भी नहीं लगाया.
"अरे ममता बेटी हम सब तो दोपहर में तुम्हें पूरा नंगा देख चुके हैं. अब हमसे कैसा पर्दा." ससुर जी कहा.
"हमारे इस खुले परिवार में तुम्हारा स्वागत है बेटी" सासु माँ ने कहते हुए उसकी चादर खींच कर फ़ेंक दी.
ममता की खुली दूध के जैसी गोरी चुंचियां छलक रही थीं. उसने अपनी टाँगे कास के बंद कर रखीं थी पर उसकी चूत का ऊपर का हिस्सा साफ़ नज़र आ रहा था. वो अभी भी शर्म से पानी पानी थी.
चाचा जी उसके बगल में बैठ कर उसकी चुंचियां सहलाने लगे. और पापा जी ने अपने हाँथ उसकी टांगों के बीच घुसा कर उसकी चूत खोल थी और और गीली चूत के ऊपर से अपनी उंगलिया फिराने लगे. ममता को ये सब अच्छा भी लग रहा था और अजीब भी.
इसी बीच ममता ने देखा कि उसका पति अमर बिस्तर पर खड़ा है. अमर कि माँ राजेश्वरी देवी अपने बेटे का खड़ा लंड अपने मुंह में लेकर चुभला रहीं हैं. अमर के लंड पांच मिनट पहले ही ममता की चूत का बाजा बजा रहा था. इसका मतलब ये था कि ममता कि सास अपनी बहु की चूत का रस अपने बेटे के लंड से चाट रहीं थीं.
ममता इस सबसे बड़ा गरम हो चुकी थी. उसने अपनी टाँगे अब पूरी खोल दीं. और चाचा जी को उनके होठों पर चूमने लगी. अमर ने अपनी "मासूम" बीवी का ये रूप आज तक देखा नहीं था. वो अपनी माँ के बड़े बड़े मम्मे जोरों से दबाने लगा.
ममता को बिस्तर पर लिटा दिया गया. पापा जी उसके ऊपर चढ़ गए और आना मोटा लंड उसकी गीली चूत में पेल दिया. चाचा जी ने अपना लंड उसके चेहरे पर लहराया तो ममता को इशारा समझने में एक पल भी लगा. उसने गपाक से चाचा जी का लंड अपने मुंह में ले लिया और उसके लेमन चूस कि भाँति चूसने लगी.
ममता ने अमर के तरफ देखा. अमर ने अपनी माँ को कुतिया के पोस में लिटाया हुआ था. अमर एक एक्सपर्ट खिलाड़ी कि तरह धीरे और लम्बे धक्कों से राजेश्वरी देवी कि चूत में लंड पेल रहा था. ममता और अमर कि नज़रें मिलीं और अमर ने उसको आँख मारी और बोला,
"ममता पापा जी और चाचा जी का आशीर्वाद ठीक से लो"
"बहु कि चूत इतनी टाइट है कि मज़ा आ रहा है कसम से" ससुर जी बोला.
"भैया अगर आपको ऐतराज़ न हो तो मैं थोडा इस टाइट चूत का आनंद ले लूं" चाचा जी ने ममता के ससुर से पूछा.
"अरे बिलकुल जरूर. ममता को हमारे घर में सब का प्यार मिलना चाहिए." कहते ही ससुर जी ने अपना लंड उसकी चूत ने निकाल लिया.
चाचा जी ने ममता को उठा कर कुतिया के पोस में बिठाया और अपना लम्बा और मोटा लंड उसकी चूत में एक ही झटके में पेल दिया.
ममता सिहर उठी.
ममता ने देखा कि ससुर जी बिस्तर पर बैठे है और उनका लंड तना हुआ है. इसी बीच सासु माँ ने अमर को अमर को हटा लिया और कुतिया बने बने ससुर के पास आईं और अपने पति का लंड चूसने लगीं. अमर चल कर ममता के पास आया और अपनी माँ के रस से सना हुआ लंड उसके मुंह में दाल दिया.
उधर सासु माँ अपने पति के लंड के ऊपर बैठ कर अपनी गांड ऊपर नीचे हिलाने लगीं. चाचा जी ममता की चूत में बहुत जोर से पेलने लगे. ममता अभी तक एक बार झड चुकी थी और उसे लगा कि वो एक बार और झड़ने वाली है. उधर सासु माँ चीख चीख कर चुद रहीं थीं. ममता को अमर का लंड अपने मुंह में फूलता हुआ महसूस हुआ.
थोड़ी ही देर में पाँचों लोग एक एक कर के झड गए. आज के दिन में ममता ने तीन लोगों का लंड अपनी चूत में लिया और दो दो लोगों के लंड का रस अपने मुंह में.
ममता वैसे तो इस परिवार में विबाह कर के लगभग एक साल बाद आयी थी, पर वास्तव में वो परिवार का असली हिस्सा आज बनी.