नये पड़ोसी

PUBLIC BETA

Note: You can change font size, font face, and turn on dark mode by clicking the "A" icon tab in the Story Info Box.

You can temporarily switch back to a Classic Literotica® experience during our ongoing public Beta testing. Please consider leaving feedback on issues you experience or suggest improvements.

Click here

डिल्डो की हर्कत का असर मेरी बीवी के चेहरे पे साफ दिखायी दे रहा था, वो अपनी टाँगों को पूरा भींच कर डिल्डो का मज़ा लेने लगी। मेरा लंड भी ये सब देख एक बार फ़िर तन चुका था, जबकि बीस मिनट पहले ही मैं बबीता की गाँड में झड़ कर अलग हुआ था।

प्रशाँत अब खड़ा होकर अपनी पैंट के बटन खोलने लगा। उसने प्रीती के चेहरे के पास आकर अपना एक घुटना कुर्सी के हथे पे रख दिया। उसका लंड प्रीती के चेहरे पे झटके मार रहा था। प्रीती ने मुस्कुरा कर उसकी तरफ़ देखा और अपना मुँह खोल कर उसके लंड को अंदर ले लिया।

“प्रीती मैं चाहता हूँ कि तुम मेरा लंड ठीक उसी तरह चूसो जैसे तुमने पहली बार चूसा था। एक हाथ से मेरे लंड को चूसो और दूसरे हाथ से मेरी गोलाइयों को सहलाओ। सच में बहुत मज़ा आया था जब तुमने ऐसा किया था!” प्रीती वैसे ही उसके लंड को जोरों से चूस रही थी। दोनों की गहरी होती साँसें और बदन की हर्कत बता रही थी कि दोनों ही छूटने के करीब हैं।

एक तो प्रीती की चूत में डिल्डो की हर्कत, ऊपर से प्रशाँत का लंड। प्रीती उत्तेजित हो कर प्रशाँत के लंड को अपने गले में ले कर चूस रही थी। प्रशाँत भी उसके मुँह में लंड पूरा अंदर डाल कर चोद रहा था। अचानक बिना बताये प्रशाँत ने अपना लंड उसके मुँह से निकाला और अपना पानी प्रीती की चूचियों पर और चेहरे पे छोड़ दिया।

मैं तीन फ़ुट की दूरी पर खड़ा देख रहा था कि आपत्ति जताने की बजाये प्रीती उसके पानी को अपने पूरे चेहरे पे रगड़ने लगी। फिर उसके रस से भरी अपनी अँगुलियों को चाटने लगी। उसकी हर्कत ने मेरे लंड में जोश भर दिया और मैं अपने लंड को पैंट के ऊपर से रगड़ने लगा।

जब प्रशाँत का पूरा वीर्य झड़ गया तो वो उठ कर खड़ा हो गया। प्रीती अब भी कुर्सी पर लेटी हुई डिल्डो का मज़ा ले रही थी। प्रशाँत ने प्रीती का हाथ पकड़ कर उसे उठाया और बाथरूम मे ले गया। मैंने देखा कि वो एक दूसरे को साफ कर रहे थे। बाथरूम से बाहर आकर प्रशाँत ने अपने कपड़े ठीक किए पर जब प्रीती अपनी ड्रेस देखने लगी तो पाया कि प्रशाँत के वीर्य के धब्बे उसकी ड्रेस पर भी गिर पड़े थे।

प्रीती को उदास देख प्रशाँत ने कहा, “डीयर उदास नहीं होते, ऐसा करो जो उस रात तुमने ड्रेस पहनी थी वही पहन लो, तुम पर वो ड्रेस खूब जँच रही थी।”

प्रीती बेडरूम में गयी और अपनी टाईट जींस और टॉप लेकर आ गयी। प्रशाँत ने उसे बांहों में भर लिया और फिर प्रीती को ले जाकर उसी कुर्सी के पास खड़ा कर दिया।

प्रशाँत कुर्सी पर बैठ गया और मेरी बीवी उसके सामने नंगी खड़ी थी। उसकी चूत एक दम फुली हुई लग रही थी क्योंकि वो डिल्डो अभी भी उसकी चूत में घुसा हुआ था। जैसे ही प्रीती ने वो डिल्डो बाहर निकालने के लिए अपना हाथ बढ़ाया तो प्रशाँत बोला, “तुम्हें इसे बाहर निकालने की इजाजत किसने दी?” अब ये साफ हो गया था प्रशाँत चाहता था कि वो डिल्डो उसकी चूत मे ही घुसा रहे।

प्रशाँत ने अब उसकी जींस अपने हाथों मे ले ली। उसके बदन को सहलाते हुए वो उसे जींस पहनाने लगा। प्रीती ने भी अदा से पहले अपनी एक टाँग उसमें डाली और फिर दूसरी। इसी दौरान एक बार डिल्डो उसकी चूत से फिसलने लगा तो प्रशाँत ने वापस उसे पूरा अंदर घुसा दिया।

प्रीती ने अपनी टाईट जींस का ज़िपर खींचा और उसके बाद बटन बंद करने लगी। पर उसको काफी तकलीफ हुई क्योंकि डिल्डो जो उसकी चूत मे घुसा हुआ था। उसने अपना लाल टॉप भी पहन लिया। इतनी टाईट जींस में वो बहुत सैक्सी लग रही थी। फिर प्रीती ने अपने लाल सैंडल उतार कर दूसरे काले रंग के हाई हील के सैंडल पहन लिए। प्रशाँत और प्रीती पार्टी में जाने को तैयार हो गये।

मैं भी खिड़की से हटा और हाल में आ गया। शराब और शबाब जोरों से चल रही थी। किसी ने ध्यान नहीं दिया कि तीन लोग इतनी देर पार्टी से गायब थे। मैं बबीता के पास आ गया जो अविनाश और मिनी के साथ बातें कर रही थी। जैसे ही प्रशाँत और प्रीती हाल में आये, मैं अपने आपको प्रीती की चूत की तरफ़ देखने से नहीं रोक पाया। सिर्फ़ मैं जानता था कि उसकी चूत में एक डिल्डो घुसा हुआ है। उसकी जींस उस जगह से थोड़ी उठी हुई थी, ये मुझे साफ दिखायी पड़ रहा था। पता नहीं आगे और किस किस का ध्यान इस बात की और जाता है।

प्रीती मेरे पास आयी और गले में बांहें डाल कर मेरे होंठों को चूम लिया। ऐसा वो सबके सामने करती नहीं थी पर शायद एक तो चूत में डिल्डो और दूसरा उसकी चूत ने अभी तक पानी नहीं छोड़ा था इसलिए उसके शरीर में उत्तेजना भरी हुई थी। फिर उसने प्रशाँत के साथ गेस्ट रूम में जाने से पहले शराब भी पी थी जिसके सुरूर उसकी मदहोश आँखों में साफ-साफ दिख रहा था। मैंने अंजान बनते हुए प्रीती से पूछा, “तुमने कपड़े क्यों बदल लिए?”

“बस कपड़ों पर कुछ गिर गया था।” प्रीती ने जवाब दिया। कम से कम वो झूठ तो नहीं बोल रही थी। इतने में प्रशाँत ने मेरी तरफ़ मुस्कुरा के देखा। उसकी आँखों मे एक शैतानी चमक थी। मैं समझ गया कि आज रात बहुत कुछ होने वाला है।

करीब एक घंटे तक प्रीती इस तरह पार्टी में चारों तरफ़ घूमती रही जैसे कुछ हुआ ही ना हो। चूत मे डिल्डो लिए एक अच्छे मेहमान नवाज़ की तरह सब से मिल रही थी। सबको ड्रिंक, स्नैक्स सर्व कर रही थी। मुझे पता थी कि उसकी चूत में आग लगी हुई है और वो कभी भी पानी छोड़ सकती है।

इतने में बबीता मेरा हाथ पकड़ कर अपने साथ डाँस करने के लिए ले आयी। हम हाल के एक कोने में डाँस कर रहे थे जहाँ ज्यादा लोग हमारे पास नहीं थे। मैंने मौके का फ़ायदा उठा कर अपना हाथ उसकी ड्रेस में डाल दिया और उसकी चूत से खेलने लगा। बबीता ने मेरे कान में फुसफुसाते हुए कहा, “राज मैं जानती हूँ कि प्रशाँत ने प्रीती के साथ क्या किया है। ये उसका पुराना खेल है। वो प्रीती की ऐसी हालत कर देगा कि वो अपनी चूत का पानी छुड़ाने के लिए कुछ भी करने को तैयार हो जायेगी। पता नहीं प्रशाँत के दिमाग में क्या शरारत भरी हुई है।

इतने में अविनाश ने मेरी बीवी से डाँस करने के लिए कहा। प्रीती ने प्रशाँत की और देखा और प्रशाँत ने आँख से इशारा करते हुए उसे जाने को कहा। मैंने देखा कि प्रीती का बदन मारे उत्तेजना के काँप रहा था। वो बड़ी मुश्किल से अपने आपको रोक रही थी।

इतने में मिनी ने भी मुझे डाँस करने के लिए कहा। मैं समझ गया कि ये इशारा प्रशाँत ने उसे किया है। अब हम चारों अविनाश के पास आकर डाँस करने लगे। मैं समझ गया कि प्रशाँत के मन में सामुहिक चुदाई का प्रोग्राम है। मिनी इतनी सैक्सी और गरम थी कि मैंने उसे चोदने का पक्का मन बना लिया था, पर मुझे प्रीती का नहीं पता था कि वो अविनाश से चुदवायेगी कि नहीं।

पर मुझे इसकी चिंता नहीं थी। मुझे पता था कि प्रीती की चूत में इतनी देर से डिल्डो होने की वजह से उसकी चूत की हालत खराब हो चुकी होगी। प्रीती अपनी चूत का पानी छोड़ने के लिए अब किसी घोड़े से भी चुदवा सकती है।

मिनी ने मेरी तरफ़ कामुक निगाह से देखा और कहा, “राज आज तक मैं प्रशाँत जैसे मर्द से नहीं मिली। वो चुदाई की कलाओं में इतना माहिर है कि वो किसी औरत को किसी भी मर्द से चुदवाने को उक्सा सकता है।” मैं समझ गया कि वो प्रीती की बात कर रही है।

हम चार जने ही फ़्लोर पर डाँस कर रहे थे। मिनी ने धीरे से मेरा हाथ पकड़ कर अपनी चूत पे रख दिया। जैसे ही मेरा हाथ उसकी चूत को छुआ, मैं चौंक कर उछाल पड़ा। उसकी भी चूत में एक डिल्डो घुसा हुआ था।

“ये ठीक वैसा ही है जैसा तुम्हारी बीवी की चूत में घुसा हुआ है।” उसने मेरे हाथों का दबाव अपनी चूत पे बढ़ाते हुए कहा। मैं समझ गया कि ये सब प्रशाँत का काम है। उसने दो औरतों को इतना उत्तेजित कर दिया था कि वो चुदाने के लिए कुछ भी कर सकती थीं।

नाचते हुए मैंने प्रीती और अविनाश की और देखा। अविनाश का एक हाथ मेरी बीवी की चूत पर था और वो उस डिल्डो को और अंदर तक उसकी चूत में घुसा रहा था। फिर मैंने देखा कि प्रीती उसका हाथ पकड़ कर उसे हाल के बाहर ले जा रही है। मैं सोच रहा था कि पता नहीं अब आगे क्या होने वाला है? मैं भी मिनी को अपने साथ ले उनके पीछे चल दिया।

प्रीती और अविनाश कमरे में पहुँचे और उनके पीछे-पीछे प्रशाँत और बबीता और फिर मैं और मिनी भी कमरे में आ गये। अब ये बात सब पे खुलासा हो चुकी थी कि आज सब एक दूसरे की चुदाई करेंगे।

मिनी मेरे पास आकर मुझसे सट कर खड़ी हो गयी। उसकी आँखों में भी उत्तेजना के भाव थे। लगता था कि प्रशाँत ने उसे भी डिल्डो को छूने की मनाई की हुई थी। बेटरी पे चलता डिल्डो उसकी चूत में आग लगाये हुए था। पता नहीं प्रशाँत ने क्या जादू इन दोनों पे किया हुआ था।

प्रशाँत ने भी शायद उनकी आँखों में छिपी वेदना को पढ़ लिया था, “तुम दोनों चिंता मत करो, आज तुम दोनों की चूत से पानी की ऐसे बौछार छुटेगी जैसे इस कमरे में बाढ़ आ गयी हो। आज तुम को चुदाई का वो आनंद आयेगा कि तुम दोनों जीवन भर याद करोगी।”

“लेकिन प्रीती की पहली बारी है, क्योंकि आज की दावत उसकी तरफ़ से थी। लेकिन ये बाद में... पहले मैं चाहता हूँ कि प्रीती अपने काबिल-ए-तारीफ़ मुँह से अविनाश के लंड से एक एक बूँद पानी निचोड़ ले। लेकिन वो अपनी जींस नहीं उतारेगी और ना ही अपनी चूत पर हाथ रख सकेगी। अगर अविनाश ने इसके काम की तारीफ़ की तो मैं इस विषय पर सोचूँगा। राज और मिनी खड़े होकर इनहें देख सकते हैं लेकिन यही बात मिनी पर भी लागू होती है। तब तक मैं और बबीता मेहमानों का खयाल रखेंगे। जब अविनाश का काम हो जाये तो राज मेरे पास आकर, आगे क्या करना है, पूछ सकता है।” इतना कहकर प्रशाँत और बबीता वापस हाल में चले गये।

प्रीती अविनाश का हाथ पकड़ कर उसे गेस्ट बेडरूम मे ले गयी। मुझे विश्वास नहीं आ रहा था कि थोड़े दिन पहले तक जिस औरत ने शादी के बाद सिवाय मेरे किसी से नहीं चुदवाया था... आज वो फिर एक गैर मर्द का लंड चूसने जा रही है।

मैंने मुड़ कर मिनी की तरफ़ देखा। उसकी भी हालत खराब थी। मिनी भी रूम की तरफ़ बढ़ी तो मैं उसके चूत्तड़ को देखने लगा। कितने गोल और भरे हुए थे। मैं जानता था कि उसकी चूत में डिल्डो होने की वजह से वो अपनी टाँगें सिकोड़ कर चल रही थी।

जैसे ही हम रूम में पहुँचे मैंने दरवाज़ा लॉक कर दिया। प्रीती उत्तेजना में इतनी पागल थी कि बिना समय बिताये वो घुटनों के बल बैठ कर अविनाश की जींस के बटन खोलने लगी। वो जानती थी कि जितनी जल्दी वो अविनाश का लंड चूस कर उसका पानी छुड़ायेगी, उतनी जल्दी ही उसकी चूत को पानी छोड़ने का मौका मिलेगा।

प्रीती ने जल्दी-जल्दी अविनाश की जींस के बटन खोले और उसकी जींस और अंडरवियर को नीचे खिसका दिया। जैसे कोई साँप बिल के बाहर आ गया हो, उस तरह उसका दस इंची लंड जो कि तीन इंच मोटा होगा, फुँकार कर खड़ा हो गया। प्रीती उस विशालकाय लंड को अपने हाथों में ले कर सहलाने लगी।

पर देखने लायक तो उसके लंड की दो गोलाइयाँ थीं जो टेनिस बॉल की तरह नीचे लटकी हुई थी। इतनी बड़ी और भरी हुई थी कि शायद पता नहीं कितना पानी उनमें भरा हुआ है। प्रीती अब उसके लंड को जोर से रगड़ रही थी। उसे पता था कि उसका पति और अविनाश की बीवी उसे देख रहे हैं।

मैं जानता था कि प्रीती के घुटनों के बल बैठते ही डिल्डो और अंदर तक उसकी चूत में घुस गया था। प्रीती ने अपनी जुबान बाहर निकाली और उसके लंड के सुपाड़े पे घुमाने लगी। मेरे और मिनी के शरीर में गर्मी बढ़ती जा रही थी। मिनी मेरे गले में बाहें डाल कर मेरे होंठों को चूसने लगी। उसके जिस्म में फ़ैली आग और बदन से उठती खुशबू मुझे पागल कर रही थी। मैं भी उसे सहयोग देते हुए अपनी जीभ उसके मुँह में डाल कर घुमाने लगा।

मैं उसके होंठों और जीभ को चूस रहा था तो वो अपनी टाँगें फैला मुझसे बोली, “राज मेरे बदन को सहलाओ ना प्लीज़।” मैंने उसकी ड्रेस के सामने की ज़िप को नीचे कर दिया और उसकी चूचियों को बाहर निकाल लिया। उसके निप्पल इतने काले थे कि क्या बताऊँ। मैं उसकी एक चूँची को अपने हाथों मे पकड़ कर रगड़ने लगा और चूसने लगा। उसके शरीर की कंपन बता रही थी कि उसने अपने आप को मुझे सौंप दिया था लेकिन मैं उसकी चूत से नहीं खेल सकता था।

मैं उसकी पैंटी के ऊपर से ही उसकी चूत को सहलाने लगा और अपने हाथ के दबाव से डिल्डो को और अंदर की तरफ़ धकेल दिया। मैं उसकी पैंटी को उतार कर उसकी चूत को चूमना चाहता था पर उसने मुझे रोक दिया, “राज नहीं शर्त का उसूल है कि तुम उसकी बात को टालोगे नहीं।”

मैंने घूम कर प्रीती की तरफ़ देखा कि वो क्या कर रही है। मैंने देखा कि प्रीती अपना मुँह खोले अविनाश के लंड को चूस रही है और एक हाथ से उसकी गोलियों को सहला रही है। इतने में ही प्रीती ने अपने मुँह को पूरा खोला और अविनाश के दस इंची लंड को पूरा अपने गले तक ले लिया। अब उसके होंठ अविनाश की झाँटों को छू रहे थे। प्रीती धीरे से अपने मुँह को पीछे की और करके उसके लंड को बाहर निकालती और फिर गप से पूरा लंड ले लेती।

प्रीती के दोनों छेदों में लंड घुसा हुआ था। असली दस इंची लंड उसके मुँह में और नकली प्लास्टिक का ग्यारह इंची उसकी चूत में।

प्रीती अब जोरों से अविनाश के लंड को चूस रही थी। मेरी और मिनी की आँखें इस दृश्य से हटाये नहीं हट रही थीं। इतने में मिनी भी घुटनों के बल बैठ कर मेरी जींस के बटन खोलने लगी। उसके घुटनों को बल बैठते ही डिल्डो उसकी चूत के अंदर तक समा गया और उसके मुँह से सिस्करी निकल पड़ी, “आआआआआआआआआहहहहहह”

मिनी ने मुझे घुमा कर इस अंदाज़ में खड़ा कर दिया कि मैं उसके पति के सामने खड़ा था। अब वो मेरा लंड अपने मुँह मे ले जोरों से चूस रही थी। दोनों औरतें अपनी चूत में डिल्डो फ़ँसाय किसी दूसरे मर्द का लंड चूस रही थीं। आज की शाम प्रीती के लिए अविनाश दूसरा मर्द था जिसक लंड वो चूस रही थी और मेरे लिए मिनी दूसरी औरत। एक की मैंने गाँड मारी थी और दूसरी अब मेरा लंड चूस रही थी।

मैंने देखा कि वो औरत मेरे लंड को चूस रही थी जिससे मैं चंद घंटे पहले ही मिला था, और मेरी बीवी उसके पति के लंड को चूस रही थी। दोनों औरतें एक दूसरे के पति के लंड को चूसे जा रही थी। धीरे-धीरे उनके चूसने की रफ़्तार बढ़ने लगी और इतने में अविनाश के मुँह से एक सिस्करी निकली, “हाँ..... ऐसे ही चूसो... चूसती जाओ...।”

मिनी ने अपने पति की सिस्करियाँ सुनीं तो अपने मुँह से मेरे लंड को निकाल कर अपने पति को देखने लगी। जैसे-जैसे प्रीती की चूसने की रफ़्तार बढ़ रही थी वैसे ही अविनाश के शरीर की अकड़न बढ़ रही थी। उसका शरीर अकड़ा और उसके लंड ने अपने वीर्य की बौंछार प्रीती के मुँह में कर दी। मैंने देखा कि बिना एक बूँद भी बाहर गिराये प्रीती उसके सारे पानी को पी गयी।

प्रीती की हरकत देख मिनी भी जोश में भर गयी और मेरे लंड को जोर से चूसने लगी। मुझसे अब रुका नहीं जा रहा था। मैंने मिनी के सर को पकड़ा और पूरी तरह अपने लौड़े पे दबा दिया। मेरा लंड उसके गले तक घुस गया और तभी लंड ने जोरों की पिचकारी उसके मुँह में छोड़ दी।

हम चारों को अपनी साँसें संभालने में थोड़ा वक्त लगा। हम चारों ने कपड़े पहने और वापस पार्टी में आ गये जो करीब-करीब समाप्त होने के कगार पर थी। हम दोनों मर्दों के चेहरे पे तृप्ति के भाव थे पर दोनों औरतें अभी भी प्यासी थीं। एक तो उनकी चूत ने पानी नहीं छोड़ा था और दूसरा उनके मुँह में हम दोनों के लंड का पानी था। वो बार-बार अपनी जीभ से होंठों पे हमारे लंड के पानी को पोंछ रही थीं। वो दोनों जाकर प्रशाँत के पास खड़ी हो गयी जो पार्टी में आयी किसी महिला से बातों में व्यस्त था।

हम दोनों भी प्रशाँत के पास पहुँच गये। शायद दोनों औरतों की तड़प उससे देखी नहीं गयी। वो भी जानता थी कि प्रीती और मिनी पिछले तीन घंटे से डिल्डो अपनी चूत में लिए घूम रही हैं और अब उनकी चूत भी पानी छोड़ना चाहती होगी। “चलो सब मेहमानों को अलविदा कहते हैं और हम अपनी खुद की पार्टी शुरू करते हैं”, प्रशाँत ने कहा, “मेरा विश्वास करो प्रीती... आज की रात बहुत ही स्पेशल होगी। जो मज़ा तुम्हें आज मिलेगा उस मज़े की कभी तुमने कल्पना भी नहीं की होगी!”

मैं सोच रहा था पता नहीं प्रशाँत के दिमाग में अभी और क्या है। प्रीती हाल में सभी मेहमानों का ख्याल रखने लगी। थोड़ी ही देर में सब मेहमान एक के बाद एक, जाने लगे।

प्रीती जैसे ही किसी काम से नीचे को झुकती तो उसकी गाँड थोड़ा सा ऊपर को उठ जाती। प्रशाँत उसे ही घूर रहा था, “राज अब मैं तुम्हारी बीवी की गाँड मारूँगा जैसे तुमने मेरी बीवी की मारी थी।”

मैं यह सुन कर दंग रह गया। प्रशाँत मेरी बीवी की कुँवारी गाँड मारेगा जैसे मैंने उसकी बीवी की मारी थी। फर्क सिर्फ़ इतना था कि उसकी बीवी की गाँड कुँवारी नहीं थी, वो इतनी खुली थी कि गाँड मरवाने में उसे कोई तकलीफ़ नहीं हुई थी। पर क्या प्रीती सह पायेगी? यह सोच कर ही मेरे बदन में एक सर्द लहर दौड़ गयी।

पंद्रह मिनट में सभी मेहमान चले गये। “चलो अब सब मिलकर इन औरतों का खयाल रखते हैं, लेकिन सबको जैसा मैं कहुँगा वैसा ही करना होगा।” हम सब ने हाँ में गर्दन हिलायी और सब वापस गेस्ट बेडरूम में आ गये।

रूम में आते ही प्रशाँत बिस्तर पर बैठ गया। उसने प्रीती और मिनी को अपने सामने खड़े होने को कहा। फिर वो अपने हाथ दोनों की चूत पर रखकर डिल्डो को अंदर घुसाने लगा। प्रीती की जींस के ऊपर से और मिनी की पैंटी के ऊपर से।

“बबीता अब तुम अविनाश का लंड आज की शानदार चुदाई के लिए तैयार करो, पर ध्यान रखना कि इसका पानी नहीं छूटना चाहिए।” प्रशाँत की बात सुनकर बबीता अविनाश को उसकी कुर्सी के पास ले गयी जहाँ थोड़ी देर पहले प्रशाँत बैठा था। थोड़ी ही देर में बबीता ने अविनाश का लंड बाहर निकाल लिया था और उसे अपने मुँह में ले कर चूस रही थी।

अब सिर्फ़ मैं ही बचा था कि जो कुछ भी नहीं कर रहा था। फिर मैंने सुना कि प्रशाँत प्रीती को मिनी के कपड़े उतारने को कह रहा था। प्रीती ने अपना हाथ बढ़ा कर मिनी के टॉप की ज़िप खोल दी जो थोड़ी देर पहले इसी तरह मैंने खोली थी। पर प्रीती ने टॉप उसके कंधे से उठा कर उतार दिया और मिनी की चूचियाँ फिर एक बार नंगी हो गयी। अजीब कामुक दृश्य था, मेरी बीवी किसी और औरत के कपड़े उतार रही थी।

प्रशाँत खड़ा हुआ और दोनों औरतों के पास आ गया। उसने मेरी बीवी का बाँया हाथ पकड़ा और मिनी की दाँयी चूंची पे रख दिया। फिर उसने प्रीती का दाँया हाथ पकड़ कर मिनी की चूत पे रख दिया। मेरी बीवी की समझ में नहीं आ रहा था कि प्रशाँत क्या चाहता है। दोनों औरतों ने आज तक किसी औरत के साथ सैक्स नहीं किया था।

प्रशाँत ने प्रीती की तरफ़ देखते हुए कहा, “मैं चाहता हूँ कि तुम मिनी की चूत चूस कर उसका पानी छुड़ा दो... फ़िर हम सब मिलकर तुम्हारी चूत पर ध्यान देंगे।” यह कहकर प्रशाँत ने प्रीती को मिनी के सामने घुटनों के बल बिठा दिया और उसके चेहरे को मिनी की गीली हो चुकी पैंटी पे धकेल दिया।

एक बार तो बबीता और अविनाश भी रुक से गये और मैं भी हैरत में खड़ा सोच रहा था कि क्या सचमुच मेरी बीवी इस औरत की चूत चूसेगी। पर प्रीती जो पिछले चार घंटे से अपनी चूत में डिल्डो लिए घूम रही थी और उसकी चूत पानी छोड़ने को बेताब थी, प्रीती ने अपने हाथ मिनी की पैंटी के इलास्टिक में फँसाये और उसे नीचे उतार दिया। जैसे ही मिनी की पैंटी नीचे सरकी तो सबने देखा कि उसकी चूत भी साफ़ की हुई थी। बाल का तो नामो निशान नहीं था चूत पर।

प्रीती ने उसकी पैंटी को और नीचे खिसकाते हुए उसके सैंडल युक्त पैरों के बाहर निकाल दिया। अब मिनी सिर्फ हाई हील के सैंडल पहने, पूरी तरह से नंगी खड़ी थी। प्रीती ने अपने हाथ उसके कुल्हों पे रख कर उसे अपने पास खींचा और अपना मुँह उसकी चूत पे रख दिया। वो अब अपनी अँगुली से उसकी चूत का मुँह खोल कर अपनी जीभ डिल्डो के साथ अंदर घुमाने लगी।

प्रीती अब जोरों से मिनी की चूत को चाट और चूस रही थी और साथ ही उसकी चूत में फँसे डिल्डो को जोरों से अंदर-बाहर कर रही थी। “ओहहहहहह आहहआआआआआआ और जोर से...... हँआआआआआआ चूसो मेरी चूत को.... छुड़ाआआआ दो मेरा पानी।” मिनी सिसक रही थी। मिनी की साँसें तेज हो रही थी और साथ ही उसकी चूचियाँ उसकी छाती पर फुदक रही थीं।

प्रीती अपनी जीभ और डिल्डो की रफ़्तार बढ़ाती जा रही थी, और साथ ही मिनी की चूत पानी छोड़ने के कगार पर आ रही थी। मिनी ने अपने दोनों हाथ प्रीती के सर पर रख दिए और उसे जोर से अपनी चूत पे दबा दिया। उसकी चूत ने पानी छोड़ना शुरू कर दिया। फच-फच की आवाज़ के साथ उसकी चूत पानी छोड़ रही थी। प्रीती का पूरा चेहरा मिनी की चूत से छुटे पानी से भर गया था। प्रीती और जोरों से चूसते हुए उसकी चूत के सारे पानी को पी रही थी। आखिर में थक कर मिनी बिस्तर पर निढाल पड़ गयी और गहरी साँसें लेने लगी।

प्रीती उठ कर खड़ी हो गयी। उसने अभी भी कपड़े पहने हुए थे। आज उसने पूरे दिन में पहले प्रशाँत के लंड को चूसा था और बाद में अविनाश के लंड को। और अब वो हम सब के सामने मिनी की चूत का पानी पीकर खड़ी हुई थी। उसके चेहरे पर संतुष्टि के भाव थे पर उसके जिस्म की प्यास अभी बाकी थी। मैं आगे बढ़ा और अपनी बीवी को बांहों भर लिया। मैंने अपने होंठ उसके होंठों पर रखे तो मुझे मिनी की चूत के पानी की महक और स्वाद आया। मैं उसके होंठों को चूसने लगा।

मैंने अपना हाथ प्रीती की जींस के ऊपर से उसकी चूत पर रखा तो पाया कि वो पहले से ज्यादा गीली हो चुकी थी। जैसे ही मैंने उसकी चूत को सहलाया वो सिसक पड़ी, “ओहहहहहह आआआहहहहआआआआ हुम्म्म्म्म।”

प्रशाँत ने हम दोनों को अलग किया और मेरी बीवी को चूमते हुए उसे बिस्तर के पास ले गया। फिर उसने प्रीती से पूछा, “क्या तुम मुझसे गाँड मरवाना पसंद करोगी?” प्रीती ने पहले तो उसकी तरफ़ देखा और फिर मेरी तरफ़। उसके पास कोई जवाब नहीं था क्योंकि अगर वो ना कहती तो हम शर्त हार जाते। मैं भी थोड़ी देर पहले उसकी बीवी की गाँड मार चुका था, इसलिए मेरे पास भी ना करने की कोई वजह नहीं थी। मैं सिर्फ़ वहाँ पर खड़ा अपनी बीवी की गाँड मरते देख सकता था।

प्रशाँत ने प्रीती के होंठों को चूसते हुए उसके लाल टॉप के बटन खोल कर उसके टॉप को उतार दिया। अब वो अपने एक हाथ से उसकी चूँची को दबा रहा था और दूसरे हाथ से उसके निप्पलों को भींच रहा था। प्रीती के मुँह से सिस्करी फूट रही थी, “हाँ दबाओ न.... पर धीरे.... हाँ ऐसे ही... ओओहहहहहह आआआहहहह”

प्रीती की चूचियों को मसलते हुए प्रशाँत अपने हाथ उसकी जींस पे ले जाकर बटन खोलने लगा। बबीता आगे बढ़ कर उनके पास नीचे बैठ गयी और प्रीती की जींस को नीचे उतारने लगी। दोनों ने मिलकर मेरी बीवी को पूरा नंगा कर दिया।

प्रीती भी अब मिनी की तरह सिर्फ हाई हील के सैंडल पहने पूरी तरह नंगी खड़ी थी। उसकी चूत में घुसा डिल्डो साफ नज़र आ रहा था। प्रशाँत और बबीता ने मिलकर उसे बेड के किनारे पर झुका दिया। बबीता अब उसके सामने आकर बिस्तर पर बैठ गयी और प्रीती की चूचियों को चूसने लगी। थोड़ी देर चूसने के बाद वो बिस्तर पर इस तरह से लेट गयी कि प्रीती का मुँह ठीक उसकी चूत पे था। बबीता ने प्रीती के सिर को पकड़ कर उसे अपनी चूत पे दबा दिया।

प्रीती अब बिस्तर के किनारे पर झुकी बबीता की चूत चूस रही थी। इस तरह झुकने से उसकी गाँड हवा में और ऊपर को उठ गयी थी। पीछे से उसकी चूत में फँसा डिल्डो तो दिख ही रहा था साथ ही उसकी गाँड का छेद भी दिखायी दे रहा था। हम सब जानते थे कि अब प्रशाँत अपना लंड उसकी गाँड मे घुसायेगा, पर उसके मन में तो कुछ और ही था।

प्रशाँत मेरी तरफ़ मुस्कुरा के देख रहा था, “राज आज शाम को मेरी बीवी ने तुम्हें सिखा ही दिया होगा कि एक अच्छी गाँड को चुदाई के लिए कैसे तैयार किया जाता है। बाथरूम मे जाओ और क्रीम ले आओ और बताओ कि तुमने क्या सीखा।” फिर उसने मिनी की तरफ़ देखकर कहा, “तुम मेरे लंड को तैयार करोगी?”

बिना कुछ कहे मैं बाथरूम में जाकर वही क्रीम ले आया जो मैंने बबीता पे इस्तमाल की थी। मिनी मेरे पास आयी और मुझे थोड़ी क्रीम उसके हाथों पे देने को कहा। कैसी शर्त थी कि मैं अपने हाथों से अपनी बीवी की गाँड को किसी दूसरे मर्द के लंड के लिए तैयार करूँ। पर मैं शर्त हारना नहीं चाहता था इसलिए मैं क्रीम लिए प्रीती के पास आ गया।

मैंने खूब सारी क्रीम अपनी अँगुलियों में ली और उसे प्रीती की गाँड के चारों और मलने लगा। फिर मैंने अपनी एक अँगुली उसकी गाँड में डाल दी, “ओहहहहह मर गयीईई,” प्रीती के मुँह से हल्की सी चींख निकल गयी। प्रीती अब भी बबीता की चूत को चाटे जा रही थी।