सबिहा और सेल्समैन

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Lonely housewife seduces young lingerie salesman.
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सबिहा और सेल्समैन
लेखक: अन्जान
************************

सबिहा: (फोन पर अपने शौहर से बात करते हुए) क्या, तुम्हें कुछ दिन और दुबई में रहना पड़ेगा?

रिज़वान: हाँ यार, रहना तो पड़ेगा, काम ही इतना ज़रूरी है। दो महीने और लग जायेंगे।

सबिहा: क्या दो महीने और! प्लीज़ यार, मैं तो अकेले बिलकुल बोर हो चुकी हूँ।

रिज़वान: और मेरा हाल तो तुम पूछो मत। रात को नींद भी नहीं आती तुम्हारे बिना।

सबिहा: रात को नींद तो मुझे भी नहीं आती आज कल।

रिज़वान: हाँ सिर्फ़ तुम्हारे बारे मे सोचता रहता हूँ और प्लान बनाता रहता हूँ की घर आने पर तुम्हारे साथ क्या-क्या करूँगा।

सबिहा: अच्छा तो बताओ क्या-क्या करोगे?

रिज़वान: वो तो सरपराईज़ ही रहने दो अभी। फिलहाल तो मैं मुठ मार के ही काम चला रहा हूँ।

सबिहा: चल झूठे। तुमने कोई लडकी फँसा ली होगी अब तक।

रिज़वान: अभी तक तो नहीं मगर वो जो मेरा दोस्त बिलाल रहता है ना यहाँ? उसकी बीवी ज़हरा मेरे को लाईन देती रहेती है।

सबिहा: अरे वाह तो तुम्हारी तो ऐश है। तो तुम भी लाईन दो ना।

रिज़वान: तुम्हे बुरा नहीं लगेगा?

सबिहा: नहीं इतने दिन हो गये हैं, मैं समझती हूँ की तुमसे नहीं रहा जा रहा होगा।

रिज़वान: और तुम? तुम कैसे काबू करती हो अपने आप को?

सबिहा: हा.. हा… हा… मैं भी अपनी अँगुली या बैंगन, खीरे वगैरह से अपनी चूत के साथ थोड़ा खेल लेती हूँ रात को सोने से पहेले।

रिज़वान: तो तुम भी कोई ढूँढो ना अपने टाइम पास के लिये।

सबिहा: तुम्हें अच्छा लगेगा?

रिज़वान: हाँ मुझे ज़हरा के साथ चुदाई करने में और भी मज़ा आयेगा जब मैं सोचूँगा की तुम भी वहाँ किसी स्टड के साथ मजे ले रही हो।

सबिहा: ठीक है, तो मैं भी ढूँढती हूँ कोई।

रिज़वान: हाँ फिर हम दोनों फोन पर एक दूसरे को अपना अपना एक्सपीरियंस बतायेंगे। बहुत मज़ा आयेगा।

सबिहा: इससे हमारे रिश्ते मे कोई दिक्कत तो नहीं आ जायेगी?

रिज़वान: अरे नहीं पगली, बल्कि हमारा रिश्ता और गहरा हो जायेगा।

सबिहा: सच?

रिज़वान: हाँ बिलकुल। और सोचो जब हम मिलेंगे और अपने साथ हुए तजुर्बों को एक दूसरे को तफसील से एकटिंग कर के बयान करेंगे को हमारी चुदाई कितनी धमाकेदार होगी।

सबिहा: (हँसते हुए) हैवान कहीं के!

रिज़वान: अरे मेरी जान, हैवानियत तो मैं तुम्हे मिलने पर दिखाऊँगा जब तब तुम मुझे किसी स्टड को सिड्यूस करने वाली घटना बताओगी।

सबिहा: और तुम भी मेरा सेक्स की प्यासी शेरनी वाली सूरत देखोगे जब तुम मुझे बताओगे कि तुमने ज़हरा को कैसे अपने साथ चुदाई के लिये राज़ी किया।

रिज़वान: ठीक है, आइ मिस यू! बॉय!

दो दिनों बाद, सबिहा बाज़ार से शॉपिंग करके लौटी थी और नींबू के साथ वोडका का तगड़ा सा पैग बना कर चुसकियाँ ले रही थी। उसका इरादा एक-दो पैग पीने के बाद अपने कपड़े उतार कर बिस्तर में जा कर कोई ब्लू-फिल्म देखते हुए अपनी चूत को मोटे से केले से चोदने का था। एक पैग खत्म करने के बाद सबिहा दूसरा पैग बनाने के लिये उठी ही थी कि उसे दरवाज़ा खटखटाने की आवाज़ आयी।

सबिहा: अरे ये कौन आ गया? चलो देखा जायेगा... अच्छा हुआ अभी मैंने कपड़े नही उतारे थे।

सबिहा मार्बल के फर्श पर अपने सैंडल की हील खटखटाती बेमन से दरवाज़े की तरफ बढ़ी। उसने दरवाज़ा खोला तो एक लगभग २० साल के नौजवान और गठीले लड़के को खडा पाया। उसे देखते ही सबिहा के शरीर मे एक लहर सी दौड़ गयी।

सबिहा: जी कहिये?

सेल्समैन: गुड मार्निंग मैडम! मैं अपनी कम्पनी के समान का प्रचार कर रहा हूँ।

सबिहा: अच्छा, क्या बेच रहे हो?

सेल्समैन: जी हमारी कम्पनी लेडीज़ पैन्टीज़ और ब्रा बनाती है।

सबिहा: अच्छा, तो फिर तुम्हारी कम्पनी सेल्स गर्ल्ज़ को क्यों नहीं भेजती बेचने के लिये?

सेल्समैन: जी मैडम, आज कल की लेडीज़ तो हेन्डसम सेल्समैन की ही डिमान्ड करती हैं। अगर आप को कोई ऐतराज़ है तो मैं चला जाता हूँ और कल किसी सेल्स गर्ल को भेज दूँगा।

सबिहा: नहीं ऐसी कोई बात नहीं है, मुझे तुम से कोई प्राब्लम नहीं है।

सेल्समैन: वैरी गुड। थैंक यू मैडम!

सबिहा: आओ इधर बैठ जाओ। पानी पियोगे या वोडका...?

सेल्समैन: जी नहीं, थेन्क यू।

सबिहा: कितने सालों से तुम ये काम कर रहे हो?

सेल्समैन: दो साल हो गये हैं लगभग।

सबिहा: (हँसते हुए) तो काफ़ी एक्सपीरियंस है!

सेल्समैन: जी हाँ।

सबिहा: तो फिर तो तुम काफ़ी लेडीज़ को खुश कर चुके हो... हा। हा। हा।

सेल्समैन: (थोड़ा शर्माते हुए) जी हाँ कस्टमर्स.. ऑय मीन लेडीज़ को खुश करना ही मेरा काम है।

सबिहा: चलो देखते हैं। मेरी पसन्द थोडी हट के है।

सबिहा ने अपने लिये दूसरा पैग तैयार किया और फिर एक सिप ले कर बोली।

सबिहा: वैसे एक बात तुमने सही कही थी की तुम्हारी कम्पनी के सेल्समैन हेन्डसम हैं।

सेल्समैन: थेन्क यू वेरी मच।

सबिहा: चलो तो दिखाओ अपना सामान।

सेल्समैन: जी??? जी अच्छा मगर पहले बताइये कि आप का साईज़ क्या है। दर असल सारे गार्मेन्ट्स मेरी गाड़ी मे बक्सों मे पड़े हैं और मैं ठीक साईज़ वाला बक्सा निकाल के ले आऊँगा।

सबिहा: (नासमझी की एकटिंग करते हुए) किस का साईज़?

सेल्समैन: आप कौन सा ब्रा साईज़ और कौन सा पैन्टी साईज़ पहनती हैं?

सबिहा: मेरे खयाल से ब्रा साईज़ थर्टी-सिक्स है। अच्छा देखतें हैं तुम कितने अच्छे सेल्समैन हो। मुझे देख कर बताओ मेरा साईज़ क्या होगा?

सेल्समैन: (सबिहा के बूब्स को घूरते हुए) जी मेरे खयाल से थर्टी-फोर होना चाहिये। आप कहें तो मैं नाप के बताऊँ?

सबिहा: हाँ नाप के देखो।

सेल्समैन ने इंची टेप को सबिहा की पीठ के दोनो तरफ़ से कन्धों के नीचे से घुमा कर उसके बूब्स के नीचे दोनो सिरों को जोड दिया। उसकी अँगुलियाँ सबिहा के बूब्स को हल्के से छूईं और साईज़ पढने के लिये वो अपना मुँह टेप के बिल्कुल पास ले आया। सबिहा ने उसकी गरम साँसें अपने बूब्स पर महसूस कीं और उसी समय यह तय कर लिया की रिज़वान के साथ बनाये प्लैन को वो आज हकीकत में बदल देगी।

सेल्समैन: आपका अंदाज़ा बिलकुल सही था। आपका साईज़ थर्टी-सिक्स ही है।

सेल्समैन: अच्छा मैडम, आपको अपना कप साईज़ तो मालुम होगा?

सबिहा: (जानबूझ कर) नहीं, मुझे नहीं मालुम।

सेल्समैन: तो फिर आप अपना कोई पुराना ब्रा दे दीजिये। मैं देख कर पता लगा लूँगा।

सबिहा: नहीं, मेरे पुराने ब्रा मे कोई भी ऐसा नहीं है जो मुझे बिलकुल फ़िट आता हो, तुम अपने हाथों से नाप के ही देख लो ना।

सेल्समैन: (थोडे आश्चर्य के साथ) ज..जी.. मैडम?

सबिहा का दूसरा पैग भी करीब-करीब खत्म होने आया था और उसे हल्का सा मीठा सुरूर महसूस हो रहा था। जो थोड़ी बहुत हिचकिचाहट थी वो भी दूर हो गयी थी।

सबिहा: सॉरी अगर मैं तुम्हें अन-कमफरटेबल कर रही हूँ तो। मेरे शौहर मुल्क के बहार गयें हैं और मैं बोर हो रही थी, इसलिये तुम्हें जल्दी जाने देना नहीं चाहती।

सेल्समैन: आप चिंता मत करो। आप जब तक चाहें मैं यहीं आप के साथ रहुँगा। अच्छा कितने दिनों से बाहर हैं आप के हस्बैंड?

सबिहा: तीन महीने हो गयें हैं और अभी दो-तीन महीने और लगेंगे।

सेल्समैन: ओ माई गाड! ये तो बहुत लम्बा टाईम है!

सबिहा: हाँ! अब तो हद हो गयी है। आखिर मेरी भी कुछ ज़रूरतें हैं।

सेल्समैन: जी मैं समझ सकता हूँ।

सबिहा: तुम्हारी शादी हुई है?

सेल्समैन: जी अभी तो मैं काफी छोटा हूँ शादी के लिये।

सबिहा: कोई गर्लफ़्रेन्ड?

सेल्समैन: नहीं वो भी नहीं।

सबिहा: तो फिर तुम कुछ नहीं समझ सकते। वैसे तुम जैसे हेन्डसम लडके की कोई गर्लफ़्रेन्ड कैसे नहीं है?

सेल्समैन: जी मेरे पास टाईम ही नहीं है। दिन में मैं कालेज जाता हूँ और शाम को मैं ये पार्ट टाईम जाब करता हूँ।

सबिहा: ओके समझी। चलो छोडो… ले लो मेरा नाप।

सेल्समैन: जी अच्छा।

सेल्समैन सबिहा के करीब आया और इंची टेप को सबिहा की पीठ के दोनो तरफ़ से कन्धों के नीचे से घुमा कर इस बार उसके बूब्स की गोलाइयों के साईज़ का अंदाज़ा लगाने की कोशिश करने लगा।

सबिहा: (हल्की से मुस्कुराहट देते हुए) अगर तुम दूर से इतनी लूज़ली साईज़ नापोगे तो कैसे पता चलेगा?

सेल्समैन: (अब कम भय के साथ) आप ठीक कह रहीं हैं मैडम।

सेल्समैन ने अब अपने हाथ सबिहा के टॉप के उपर से उसके बूब्स पर रख दिये और थोड़ा सा दबाया।

सेल्समैन: जी मेरे हिसाब से आपका कप साईज़ डीडी होना चाहिये। आपके टॉप और ब्रा की वजह से थोड़ा ज़्यादा आ रहा है।

सबिहा: नहीं नहीं... मुझे बिलकुल ठीक साईज़ ही चाहिये। मैं टॉप और ब्रा उतार देती हूँ और तुम नाप लो।

सेल्समैन: (आश्चर्य के साथ) ज..जी.. मैडम? आप जैसा कहें मैडम।

सबिहा: जब मैं इतना सब कर रही हूँ तो तुम मुझे सबिहा बुला सकते हो।

सेल्समैन: जी.. मैं कैसे... मैं तो आपसे काफी छोटा हूँ...?
सबिहा: सबिहा नहीं तो सबिहा जी तो कह सकते हो?

सेल्समैन: ओके सबिहा जी … आप भी मुझे विकास बुला सकती हैं।

सबिहा ने अपना टॉप खींच कर उतार दिया और पीछे लगे ब्रा के हुक्स खोलने का प्रयास करने लगी।

सबिहा: अरे विकास, हुक्स खोलने मे मेरी मदद करो ना।

सबिहा पीछे घूम गयी और विकास ने उसके ब्रा की पट्टी को दोनो हाथों से पकड़ कर हुक्स खोल दिये। सबिहा अब टॉपलेस हो कर विकास की तरफ़ घूम गयी। विकास ने उसके बूब्स को कुछ देर निहारा और फिर अपने हाथों को उसके बूब्स पर रख कर नापने लगा। उसने सबिहा के बूब्स को थोड़ा दबा दिया। सबिहा ने अपनी आँखें बन्द करके हलकी सी आह भरी। विकास अब तक सबिहा के इरादे समझ चुका था कि ये चुदाई की भूखी औरत उससे क्या चाहती है!

विकास: सबिहा जी आपका बस्ट साईज़ आपके बैंड साईज़ से छः इंच ज्यादा है… तो आपका कप साईज़ डीडी है । वाह ३६ डीडी तो हर लडकी का सपना होता है। आप बहुत लकी हो।

सबिहा: (आँख मारते हुए) हाँ विकास, थेन्क यू। मगर इस समय तो मुझे तुम लकी लग रहे हो

विकास: यह तो सच है। अच्छा पैन्टी का साईज़ भी नाप लें?

सबिहा: हम, मगर यहाँ नहीं। बेडरूम मे चलते हैं। पर उसके पहले वोडका-निंबू का एक-एक जाम हो जाये।

विकास: ठीक है।

सबिहा ने दो पैग तैयार किये। दोनों ने अपने-अपने पैग खत्म किये और सबिहा विकास का हाथ पकड़ कर उसे बेडरूम मे ले गयी और बेड के किनारे पर बैठ गयी। सबिहा तो तीन पैग के बाद पूरी मस्ती में थी।

सबिहा: हाँ अब तुम मेरी पैन्टी क साईज़ नाप सकते हो।

विकास ने सबिहा की स्कर्ट उठाया और उसकी पैन्टी के उपर से उसकी कमर पर हाथ फेरा।

विकास: सबिहा ये स्कर्ट बीच मे अड़ रही है। इसे उतारना पड़ेगा।

सबिहा: तो सोच क्या रहे हो?

विकास ने सबिहा की स्कर्ट की साईड पर लगी ज़िप को खोल दिया और खींचने लगा। सबिहा ने भी अपनी गाँड उठा कर स्कर्ट उतारने मे उसकी मदद की। सबिहा ने एक छोटी सी पैन्टी पहनी हुई थी जिसमे से उसकी चूत की शेप उभर के दिखायी पढ़ रही थी। विकास से रहा नहीं गया और वो पैन्टी के उपर से सबिहा की चूत को सहलाने लगा। सबिहा के बदन में उत्तेजना की एक लहर सी दौड गयी और उसने अपने घुटनों को जोड़ते हुए विकास का हाथ को अपनी जाँघों के बीच मे जकड लिया।

सबिहा: क्यों कैसी लगी मेरी पैन्टी?

विकास: अच्छी है, मगर मुझे उतार के देखनी पड़ेगी।

सबिहा: अरे वाह, मैं तुम्हारे सामने सिर्फ़ पैन्टी और सैंडल पहने बैठी हूँ और तुमने पूरे कपड़े पहन रखे हैं। ये तो ठीक नहीं है।

विकास: तो उतार लो ना जो आपको उतारना है। मना किसने किया है।

सबिहा ने विकास की शर्ट के बटन खोले और अपने हाथ उसकी कसी हुई चेस्ट पर फेरने लगी।

सबिहा: वाह! तुम्हारी बोडी तो बड़ी मैस्क्यूलीन है।

विकास: हाँ मैं हर रोज़ ऐक्सरसाईज़ करता हूँ।

सबिहा ने फिर विकास की बेल्ट उतारी और उसकी पेन्ट आगे से खोल कर नीचे खींच दी। विकास का तना हुआ लन्ड उसके अन्डरवियर में से तोप की तरह उभर रहा था। सबिहा ने अन्डरवीयर के उपर से विकास के लन्ड को अपनी मुठी मे जकड़ लिया।

सबिहा: या अल्लाह! तुम्हारा लन्ड तो बहुत ही मोटा और तगड़ा है। इसकी भी रोज़ ऐक्सरसाईज़ करते हो क्या?

विकास: हाँ इसकी भी रोज़ मालिश होती है मेरी मुट्ठी में।

सबिहा: चलो अब हम एक जैसी हालत मे हैं - अपने अपने अन्डरवीयर में। आओ मुझे अपने आगोश में ले लो ना।

यह कह कर सबिहा खड़ी हो कर और विकास से चिपट गयी। विकास ने कस कर सबिहा को अपनी बाँहों में जकड़ लिया। सबिहा के बूब्स उसकी छती पर बुरी तरह से दबने लगे। विकास का खड़ा लन्ड अंडरवीयर के नीचे से सबिहा की जाँघों के बीच मे उसकी पैन्टी पर रगड़ने लगा। फिर विकास ने सबिहा के गले की साईड पर एक किस किया तो सबिहा ने एक लम्बी आह भरी। अब तक दोनो ही बहुत गरम हो चुके थे। विकास सबिहा की पैन्टी के उपर से उसकी गाँड पर हाथ फेरने लगा तो सबिहा ने विकास के होंठों को चूसना शुरू कर दिया। फिर विकास ने सबिहा की पैन्टी के अन्दर हाथ डाल कर उसकी चूत पर अँगुली फिरायी। सबिहा की चूत अब तक काफ़ी भीग चुकी थी।

सबिहा: आआआआआआआहहहहहहह विकास मेरी पैन्टी उतार दो ना। मेरे साथ जो करना है कर लो। आज मैं सिर्फ़ तुम्हारी हूँ।

विकास: तो फिर मेरा अन्डरवीयर उतारो और मेरे लन्ड को किस करो।

सबिहा झुक कर अपने घुटनो पर बैठ गई और विकास का अन्डरवीयर खींचने लगी मगर विकास के खड़े लन्ड में वो अड़ गया। सबिहा ने अपना हाथ अन्डरवीयर के अन्दर डाला और लन्ड को अज़ाद कर दिया। लन्ड इतना तन कर खड़ा था की सबिहा की मुठी मे पूरा भी नहीं आ रहा था।

सबिहा: सुभानल्लाह! कितना बडा और मोटा है!

विकास: तो किस करो ना इसे।

सबिहा ने लन्ड की टोपी को चूसा और फ़िर पूरा सुपाड़ा मुँह के अन्दर ले लिया। विकास ने उसका सिर पकड़ा और लन्ड को उसके मुँह मे धकेल दिया। सबिहा उसे चूसने लगी। विकास लन्ड को सबिहा के मुँह के अन्दर बाहर करने लगा। बीच-बीच मे सबिहा उसे निकाल कर लन्ड की पूरी लम्बाई चाटती। थोडी देर बाद विकास को अपना लन्ड बाहर निकालना पडा जिस से वो जल्दी न झड़ जाये।

सबिहा: क्यों मज़ा आया?

विकास: हाँ बहुत! आप बहुत अच्छा चूसती हो... अब मुझे अपनी चूत दिखाओ ना?

सबिहा से अब रहा नहीं जा रहा था। वो वोडका और वासने के नशे में झूम रही थी। उसने जल्दी से अपनी पैन्टी उतार दी और हाई हील के सैंडल के अलावा पूरी नंगी खड़ी हो गई - विकास के तने लन्ड के सामने। सबिहा की चूत का रस उसकी टाँगों से बह रहा था। विकास ने उसे बिस्तर पर लिटा दिया और उस पर चढ़ कर उसके बूब्स बुरी तरह चूसने लगा।

सबिहा: उउउउईईईई उउफ़फफ़आ..हहह..आआहहहहहह प्लीज... थोड़ा धीरे चूसो ना।

विकास ने अब अपनी जीभ उसकी नाभी से डाली। सबिहा उसके मुँह को अपनी चूत की तरफ़ धकेलने लगी। विकास उसका इशारा समझ गया और अपना मुँह उसकी चूत की ओर ले गया। फ़िर वो उसकी चूत को चाटने लगा और उसकी क्लिट पर अपनी जीभ की नोक फिराने लगा। फ़िर जीभ की नोक को उसकी चूत के होंठों के बीच डाल कर उन्हें खोलने लगा ।

सबिहा अब बहुत ज़्यादा तडप रही थी और उसका बदन उत्तेजना में जोर ज़ोर से काँप रहा था। वो बहुत आवाज़ें भी निकल रही थी।

सबिहा: ममममम... ऊऊईईईई... आआआ मैं मर... जाऊँगी... प्लीज! ये जिस्म तुम्हारा है... आआआहहहहह॥॥॥!!!!!! चढ़ जाओ मेरे जिस्म पर और मेरी चूत को चीर डालो अपने लन्ड से।

विकास उठा और सबिहा के नंगे बदन पर चढ गया और उसके बूब्स को मसलते हुए उसकी जाँघें फैलायी और लन्ड को चूत के मुख पर रख कर थोड़ा ज़ोर लगया। एक जोर के झटके ने लन्ड के सुपाड़े का आधा भाग अन्दर कर दिया। इतना लम्बा और मोटा लन्ड होने की वजह से सबिहा के मुँह से दर्द-भरी सिसकी निकली पर अब उसे किसी चीज़ की परवाह नहीं थी और उसने अपनी टाँगें और फ़ैला दीं। विकास ने अपना लन्ड आहिस्ता-आहिस्ता सबिहा की चूत मे पूरा घुसा दिया।

सबिहा: ऊऊऊऊऊईईईईईई... ममममम.... अल्लाह... इस लन्ड ने तो मुझे मार डाला !

अब विकास सबिहा के ऊपर लेट गया और उसके होंठों को अपने होंठों से चूसने लगा। वो अपने हाथों से उसकी चूचियों के साथ खेलने लगा। अपने लन्ड को थोडी तेज़ी से सबिहा की चूत मे अन्दर-बाहर करने लगा। सबिहा ने अपनी जाँघें विकास की कमर पर बाँध लीं और अपने चूतड़ उठा-उठा कर चुदवाने लगी। कुछ समय चुदाई के बाद सबिहा ने एक लम्बी चींख मारी और उसका बदन झटके मारने लगा। विकास समझ गया की सबिहा को ओरगैज़्म आ गया है।

विकास ने अब अपनी चुदाई की रफ़्तार बढ़ाई और लम्बे-लम्बे स्ट्रोक्स लेने लगा। साथ ही अपने होंठों से वो सबिहा के बूब्स को ज़ोर से चूसने लगा। सबिहा की चूत इतनी गीली हो चुकी थी की जब भी विकास का लन्ड अन्दर जाता तो एक फच्च-फच्च की अवाज़ आती।

सबिहा: ऊउउहहहहऊऊऊऊऊऊहहहहहह... आआऊऊ... आआऊओ... चोदो मुझे और जोर से!!! आआहह फ़क मी हार्ड.... उउउउहहहहह... आआआआआआआँआँआँआँ।

सबिहा को एक बार और झटके खाते हुए ओरगैज़्म आ गया। उसने विकास को उसे डोगी-स्टायल में चोदने के लिये कहा। वो बिस्तर पर घुटनों के बल, अपनी गाँड उठा कर झुक गयी। विकास ने भी घुटनो के बल बैठ कर पीछे से उसके बूब्स को जकड लिया और अपना लम्बा लन्ड उसकी चूत मे दे दिया। अब लन्ड सबिहा की चूत की काफ़ी गहरायी तक अन्दर जाने लगा। इस तरह लगभग दस मिनट और चुदाई चलती रही। फ़िर विकास से रहा नहीं गया और उसका पूरा बदन बुरी तरह अकड़ गया। उसके लन्ड का साईज़ और फूलने लगा और वो हार्ड भी ज़्यादा होने लगा। एक लम्बी से आह भर के उसने एक आखरी स्ट्रोक लिया और उसके लन्ड ने विस्फोट के साथ अपना सारा स्पर्म सबिहा की चूत मे छोड़ दिया। सबिहा भी उसके टाईट लन्ड की आखरी स्ट्रोक के साथ तीसरी बार झड़ गयी। दोनों संतष्ट हो कर थोड़ी देर बिस्तर पर चिपक के लेट गये।

विकास: क्यों सबिहा जी मज़ा आया?

सबिहा: उफ़फ़फ़फ़फ़... बहुत मज़ा आया। आज के बाद तुम रोज चोदने आ जाया करो। जब तक मेरे शौहर नहीं आ जाते... आओगे ना...?

विकास: हाँ क्यों नहीं। आप जब कहोगी मैं हाज़िर हो जाऊँगा। मगर आपके शौहर को पता चल गया तो?

सबिहा: उसकी चिंता तुम मत करो। उन्हें पता है की मैं किसी गैर-मर्द के साथ चुदाई करने वाली हूँ।

विकास: सच में? और उन्हें इस मे कोई ऐतराज़ नहीं है?

सबिहा: नहीं। हम ने सोच कर ही ये फ़ैसला किया था की जब तक हम एक दूसरे से दूर हैं तो ऐसे ही अपनी अपनी प्यास बुझायेंगे।

विकास: आप और आपके शौहर तो बहुत ही खुले विचारों के हैं।

सबिहा: हाँ... और शायद उनके आने के बाद मैं उन्हें थ्रीसम के लीये भी राज़ी कर लूँ तुम्हारे साथ। तुम्हे ये अच्छा लगेगा? मेरी कब से तमन्ना है कि मैं अपने गाँड और चूत में एक साथ दो लंड लूँ।

विकास: बहुत अच्छा। मेरी तो किसमत ही खुल गयी है।

अगले दिन दोबारा मिलने का प्लान बना कर विकास ने सबिहा के होंठों को चूमा और चला गया। जाने से पहले उसने सबिहा को एक सुन्दर नीले रंग का ब्रा और पैन्टी का सेट उपहार मे दिया जो की बिल्कुल जालीदार था और बहुत छोटा भी। सबिहा ने उसे अगले दिन उसी सेट में मिलने की प्रोमिस किया।

उसके जाते ही सबिहा ने रिज़वान को फोन किया और सारी बात बतायी। रिज़वान ने भी उसे बताया की वो अपने दोस्त की बीवी के साथ चुदाई कर चुका है। दोनों ने वादा किया की मिलने पर वो अपनी सेक्स लाईफ़ को ऐसे ही रोमाँचक बनाये रखेंगे।

॥॥॥ समाप्त ॥॥॥

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AnonymousAnonymous9 months ago

Absolutely incredible. Perfect plot development and execution! Keep it up and post more paki stories

ShaziyaMirzaShaziyaMirzaabout 1 year ago

Extremely hot story! Enjoyed it so much!

AnonymousAnonymousover 1 year ago

मैंने भी 3-4 साल door to door sales का काम किया है लेकिन ऐसी good luck कभी नहीं हुई….

AnonymousAnonymousover 1 year ago

सबीहा भाभी…. मुझे भी एक अवसर देके देखो… मैं भी यंग हूँ २० वर्ष का.. फ़ुट्बॉल खेलता हूँ और जिम भी जाता हूँ

AnonymousAnonymousalmost 2 years ago

Me a jau @shang40

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