उदयपुर की सुहानी यादें

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A businessman meets a lady in hotel in Udaipur.
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उदयपुर की सुहानी यादें
लेखक: पारतो सेनगुप्ता
******************************

आज मैं आप लोगों को एक असली घटना सुनाने वाला हूँ। यह घटना मेरी ज़िंदगी की बहुत ही सुखद घटना है। पिछले साल मैं उदयपुर में होटल शिकरबाड़ी में रुका हुआ था। यह होटल एक सुनसान जगह पर बहुत आलीशान तरीके से बनाया हुआ है और इस होटल के चारों तरफ जंगल भी है। उस दिन शाम को थोड़ी हल्की बूँदा बाँदी हुई थी और इसलिए मौसम सुहाना था। मैं होटल के स्वीमिंग पूल में तैरने के लिए गया हुआ था। मैं इसलिए अपने कपड़े उतार करके और स्वीमिंग कॉस्टूम पहन कर एक बड़ा पैग ब्लडी मैरी लेके स्वीमिंग पूल पर पहुँच गया। मैंने स्वीमिंग पूल पर जा करके पहले अपना ड्रिंक एक टेबल पर रखा और फिर स्वीमिंग पूल में डुबकी लगायी और हल्के-हल्के स्ट्रोक के साथ तैरने लगा। थोड़ी देर तैरने के बाद मैंने एक बहुत खूबसूरत औरत को, जिसकी उम्र अंदाजन करीब २७-२८ रही होगी, स्वीमिंग पूल की तरफ आते देखा। उस औरत के हाथ में एक ईंगलिश की किताब थी। थोड़ी देर तक तैरने के बाद मैं पूल से बाहर निकल कर अपनी टेबल पर आके बैठ गया और अपने ड्रिंक में चुसकी लगाने लगा। वो औरत भी मेरी टेबल के पास बैठी अपनी किताब पढ़ रही थी।

मैं उस औरत की खूबसूरती से बहुत ही प्रभावित हो गया था और आँखें फाड़- फाड़ कर उसको देख रहा था। वो औरत एक जींस, टॉप और हाई हील्स के सैंडल पहनी हुई थी। उसकी जींस और टॉप इतना टाईट था कि उसका हर अंग बाहर झलक रहा था। मैंने अपने ड्रिंक से एक लम्बा घूँट लिया और फिर से पूल के तरफ बढ़ गया। लेकिन जाने से पहले मैंने उस औरत को एक बार फिर से घूर कर देखा। मैंने पूल पर जाके छलाँग लगायी और तैरने लगा। तैरते समय मैं बार-बार उस औरत को देख रहा था और थोड़ी देर के बाद देखा वो औरत भी मुझे देख रही है और हल्के-हल्के मुस्कुरा रही है। मैं भी तब उसको देख कर मुस्कुरा दिया और पूल से बाहर आकर उसके पास जाकर उसको हल्के से “हैलो” बोला।

वो भी जवाब में “हैलो” बोली और फिर धीरे से बोली, “आप बहुत अच्छा तैरना जानते हैं और आपका जिस्म भी माशाल्लाह काफी हट्टा-कट्टा है।” मैं धीरे से उसको “थैंक्स” बोला और अपने आप को उससे परिचय कराया। उसने भी तब अपना परिचय दिया और बोली, “मेरा नाम हीना है और मैं अपने शौहर के साथ उदयपुर आयी हुई हूँ। इस समय मेरे शौहर ज़वार माईंस, जो कि उदयपुर से करीब ५० मील दूर है, अपने कारोबार के सिलसीले में गये हुए हैं। मैं अपने कमरे में अकेले बैठे-बैठे बहुत बोर हो गयी थी इसलिए इस वक्त स्वीमिंग पूल के किनारे आ कर बैठी हूँ।”

मैंने उससे पूछा “आप क्या पीना पसंद करेंगी?”

वो पलट कर मुझसे पूछी, “आप क्या पी रहे हैं?”

मैंने बोला, “मैं ब्लडी मैरी पी रहा हूँ” तो हीना बोली, “मैं भी ब्लडी-मैरी ले लूँगी।”

मैंने तब जाकर दो ब्लडी मैरी का आर्ड दे दिया। अचानक एक वेटर कॉर्डलेस फोन ले करके हम लोगों के पास दौड़ा आया और बोला, “मैडम आपका फोन है।” वेटर से फोन लेकर के हीना फोन पर बातें करने लगी। अचानक उसकी आवाज़ बदल गयी और फोन पर बोल रही थी, “ओह गॉड! ओह गॉड! हाँ! ओके! नहीं! मैं बिल्कुल ठीक हूँ! हाँ! मैं होटल में ही रहूँगी!” और फिर उसने फोन काट दिया। हीना के चेहरे पर परेशानी मुझे साफ-साफ दिखलाई दे रही थी।

मैंने हीना से पूछा, “क्या हुआ?”

हीना बोली, “रोड पेएक टैंकर का ऐक्सीडैंट हो गया है और इसलिए पुलीस ने रोड ब्लॉक कर रखी है। जब तक रोड ब्लॉक नहीं खुलेगा, कोई गाड़ी आ या जा नहीं सकेगी और रोड ब्लॉक कल सुबह तक ही खुलेगा।” फिर कुछ रुक कर हीना बोली, “अब मेरे शौहर कल सुबह तक ही आ पायेंगे।” यह सुन कर मैं भगवान को लाख-लाख शुक्रिया बोला, क्योंकि यह मेरे लिए एक बहुत सुनहरा अवसर था।

मैं तब हीना को साँतवना देते हुए बोला, “अरे हीना जी आप मत घबराइए। आपके शौहर बिल्कुल ठीक हैं और कल सुबह वो सही सलामत लौट आयेंगे।”

तब हीना धीरे से बोली, “मुझे अपने शौहर से ज्यादा अपने लिए फ़िक्र है। अब पूरे दिनभर के लिए इस होटल में कैद हो गयी।”

मैं मुस्कुरा कर बोला, “अब ज्यादा फ़िक्र मत करिए। मैं आपसे वादा करता हूँ कि आप बोर नहीं होंगी।”

तब हीना ने हँसते हुए मुझसे पूछा, “आप कैसे मुझे बोर नहीं होने देंगे?”

मैंने हीना से बोला, “मैं आपको अच्छे अच्छे किस्से सुनाऊँगा, जोक सुनाऊँगा, और इसके अलावा आप जो भी कहेंगी मैं वो भी करूँगा।”

तब तक वेटर हम लोगों के लिए ड्रिंक्स ले आया और मैंने हीना को एक ग्लास ब्लडी मैरी पकड़ा दिया। हीना ने बड़ी अदा से ब्लडी मैरी मेरे हाथों से लिया और फिर मुस्कुरा कर के “थैंक्स” बोली। फिर मैंने भी अपना ग्लास उठा लिया और हीना से बोला, “चीयर्स।”

तब हीना भी मुझसे बोली, “चीयर्स तुम्हारे मज़बूत जिस्म के लिए।”

जब हीना ने मेरे जिस्म के लिए कमेंट किया तो मैं बोला, “नहीं हीना डीयर! तुम तो किसी भी फिल्म एक्ट्रैस से बहुत ज्यादा सुंदर हो। तुम्हारा शरीर भी तो बिल्कुल तराशा हुआ है।”

मेरी बातों को सुनकर हीना झेंप गयी और फिर शरमा कर बोली, “धत्त, तुम बहुत ही शैतान हो।”

हम लोग अपने अपने ड्रिंक्स में चुसकी लगाते रहे और बातें करते रहे। हम लोग ऐसी बातें कर रहे थे कि जैसे हम लोगों की जान पहचान बहुत पूरानी हो। हीना ने मुझसे मेरी परसनल लाईफ के बारे में कुछ सवाल किये और अपनी ज़िंदगी की बहुत सारी बातें भी मुझे बतायीं! हीना तो यहाँ तक बोली कि उसका शौहर “साला गाँडू!” और सैक्स से ज्यादा लगाव नहीं रखता। मैं हीना की बातों को सुनकर बहुत ही हैरान हो गया। हीना ने मुझसे मेरी लव लाईफ के बारे में भी कुछ सवाल किये ।

मैं हीना से बोला, “मैं सैक्स और औरतों को बहुत चाहता हूँ और मैं सैक्स का पुजारी हूँ। मुझे बिस्तर पर औरतों के साथ तरह-तरह के एक्सपैरीमेंट करने में बहुत मज़ा आता है।”

मेरी बातों को सुन कर हीना कुछ देर तक चुप-चाप बैठी रही। ऐसा लग रहा था कि वो कुछ गहरी सोच में हो। हम लोगों ने एक-एक ग्लास और ब्लडी मैरी पिया और तभी एकाएक ज़ोरों की बारीश शूरू हो गयी। स्वीमिंग पूल के आसपास कोई सर छुपाने की जगह नहीं थी और इसलिये हम दोनों कमरे की तरफ़ भागे। कमरे तक पहुँचते-पहुँचते हीना बुरी तरह से भीग गयी और उसकी गोल-गोल चूचियाँ भीगे ब्लाऊज़ पर से साफ़-साफ़ दिखने लगी। मैं आँखें फाड़ फाड़ कर हीना की लाल रंग के ब्रा में कैद गोल गोल और तनी हुए चूचियाँ देख रहा था। मैं जितना हीना की चूचियों को देख रहा था वैसे-वैसे मेरा लंड खड़ा हो रहा था और मुझे ऐसा लग रहा था वो भी बाहर निकल कर हीना की सुंदरता को सलाम करना चाह रहा हो। जब हीना ने मेरी तरफ देखा और मेरी हालत को समझ गई तो वो खिलखिला कर हँस पड़ी।

हम लोग अपने अपने कमरे तक पहुँच गये। हीना और मेरा कमरा बिल्कुल अगल-बगल था। जब मैं अपने कमरे में घुस रहा था तो हीना मुझसे बोली, “कपड़े बदल कर मेरे कमरे में आ जाना।”

मैंने कहा, “ठीक है, मैं अभी कपड़े बदल कर आता हूँ। लेकिन हो सकता है आपके साथ अकेले कमरे में होने से मैं अपने आप को रोक नहीं पाऊँगा।”

तब हीना हँस कर बोली, “कोई बात नहीं। मैं भी तो देखूँ कि आप मेरे साथ अकेले कमरे में क्या-क्या कर सकते हैं?”

फिर मैं हँस कर अपने कमरे में चला गया और जब कपड़े बदल कर मैं हीना के कमरे में गया तो देखा हीना अपने कपड़े बदल चुकी है और वो अब पारदर्शी टाइप का गाऊन पहन कर बिस्तर पर बैठी हुई है।

हीना ने कुछ बढ़िया सैंट लगा रखी थी और उसकी खुशबू पूरे कमरे में फैल रही थी। मैं हीना के कमरे में जाकर एक लो चेयर पर बैठ गया। तब हीना अपनी जगह से उठ कर मेरे पास आयी और मेरे घुटनों पर बैठ गयी और अपनी बाँहें उठा कर मेरे गले में डाल दी और मुझसे बोलने लगी, “ओह मॉय डार्लिंग, यह तो बहुत ही अच्छा हुआ कि आज इस वक्त तुम मेरे साथ हो और हम दोनों जो दिल में आये कर सकते हैं। इस समय हमें कोई रोकने वाला नहीं है।”

इतना कह कर हीना ने मुझे चूम लिया। मैंने तब हीना को अपनी बाहों में भरते हुए उसको चूम लिया और धीरे से पूछा, “मेरे जानू हीना, हम लोग अभी क्या करने वाले हैं?”

हीना फिर से मुझको चूमते हुए मेरी आँखों में आँखें डाल कर बोली, “हमलोग अब कुछ शरारत करने वाले हैं। हम लोग अभी जो शरारत करेंगे उसमे तुम्हें और मुझे दोनों को बहुत मज़ा आयेगा।” इतना कहने के बाद हीना का चेहरा शरम से लाल हो गया। थोड़ी देर तक चुप रहने के बाद हीना फिर बोली, “मुझे आज बहुत शरारत करनी है।”

मुझे लग रहा था कि अकेले कमरे में मेरे साथ होने से और ऊपर से मौसम भी रंगीन होने की वजह से हीना का मिज़ाज़ भी कुछ ज्यादा ही रंगीन हो गया है। मैं अब इस अवसर को खोना नहीं चाहता था और मैं चाह रहा था कि मैं अब हीना को चुदाई का असली मज़ा क्या होता है, समझा दूँ। मैं अब हीना से बोला, “हीना डार्लिंग, लगता है कि अब हम लोगों को ज्यादा वक्त बर्बाद नहीं करना चाहिए। मैं अब तुम को तब तक नहीं छोड़ूँगा जब तक तुम मेरे लव-जूस का आखिरी कतरा निचोड़ ना लो। अब तुम्हें शरारती होने का पूरा मौक मिलेगा।” हीना मेरी बातों को सुन कर बेहद खुश हो गयी और मुझको अपनी बाहों में भर कर तीन-चार चूमे मेरे होठों पर दे दिये।

फिर हीना मेरे घुटने पर से उठ कर खड़ी हो गयी और अपने सर को नीचे करके मेरे बगल में खड़ी हो गयी, जैसे कि वो मुझे यह बताना चाहती हो कि अब वो मेरे हुक्म की गुलाम है और उसके साथ जो भी चाहूँ कर सकता हूँ। मैं भी तब हीना की देखा देखी अपनी सीट पर से उठ कर खड़ा हो गया और उसके सामने अपने जिस्म से अपना गाऊन उतार कर हीना के सामने बिल्कुल नंगा खड़ा हो गया। अब तक मेरा लंड आधा खड़ा हो गया था और धीरे-धीरे झूल रहा था। यह देख कर पहले तो शरमा कर हीना का चेहरा लाल हो गया और फिर वो ललचाई आँखों से मेरे खड़े लंड को देखने लगी। अब तक मेरा लंड हीना की आँखों के सामने धीरे-धीरे और खड़ा होकर काफी सख्त हो गया था।

मैंने अपना हाथ बढ़ा कर हीना की कमर में डाल दिया और उसे खींच कर कमरे में रखे हुए ड्रेसिंग टेबल के सामने ले जकर हीना से बोला, “देखो तो सही हम लोग कैसे लग रहे हैं।”

शीशे में मुझे नंगा और उसपे मेरा खड़ा हुआ लंड और अपने आप को पूरे कपड़े पहने देख कर हीना पहले बहुत शरमाई फिर हँस कर वो मुझे कस कर अपनी बाहों में भींच कर मुझे चूमने लगी। थोड़ी देर तक मुझे चूमने के बाद हीना फिर से ड्रेसिंग टेबल के शीशे में देखने लगी और मैं अपना हाथ बढ़ा कर उसकी चूचियों से खेलने लगा। वो भी अपने हाथों को बढ़ा कर मेरे लंड को पकड़ कर सहलाने लगी। तब मैं हीना को अपनी बाहों में भर कर उसके कान में बोला, “डार्लिंग अब मुझे तुम्हारे कपड़े उतारने हैं।” फिर उसके बाद मैंने हीना के गाऊन की कमर वाली डोरी को हल्के से खींच दिया। हीना मेरे काम में सहयोग कर रही थी लेकिन बहुत शरमा भी रही थी।

थोड़ी देर के बाद हीना मेरे सामने सिर्फ़ अपनी लाल रंग की ब्रा और लाल रंग की पैंटी और काले रंग के हाई हील्स के सैंडल पहने खड़ी थी। मैं अपनी आँखों के सामने एक हूर को देख रहा था। मैंने धीरे से हीना को घूमा दिया जिससे कि मुझे उसके साईड और आगे और पीछे का रूप दिख सके। हीना अपने होठों को अपने दाँतों से दबा कर मंद-मंद मुस्कुरा रही थी और मेरी तरफ़ बुझी हुई आँखों से देख रही थी। थोड़ी देर बाद मैंने हीना की ब्रा को खोलना शूरू कर दिया। पहले मैंने ब्रा के हुक को खोला और फिर सामने आकर हीना की ब्रा के अंदर कैद दोनों चूचियों को देखने लगा। फिर मैंने हीना की बाहों से ब्रा के दोनों स्ट्रैप्स को धीरे-धीरे उतार दिया और ब्रा हीना की बाहों से फिसल कर जमीन पर जा गिरी। अब हीना मेरे सामने सिर्फ़ एक लाल रंग की पैंटी और काले हाई हील के सैंडल पहन कर खड़ी थी। मैंने तब हीना को फिर से पकड़ कर ड्रेसिंग टेबल के सामने ले जा करके खड़ा कर दिया और बोला, “देखो अब कैसी लग रही हो।”

हीना मेरी तरफ शरमाती हुई हँस करके बोली, “बहुत ही शैतान हो।”

मैं अब हीना के पीछे खड़ा हुआ था और अपने हाथों से उसकी पतली कमर को पकड़ रखा था। मैं हीना की गर्दन और कंधों पर धीरे-धीरे चूम रहा था। हीना मेरे चूमने के साथ-साथ काँप रही थी। थोड़ी देर के बाद हीना मुझसे बोली, “मेरे जानू, मैं भी तुम्हारी तरह शरारती हो सकती हूँ।”

मैं हीना की बातों को सुन कर हँस पड़ा और फिर हीना के पीछे बैठ कर हीना की कमर चूमने लगा। थोड़ी देर के बाद मैं ड्रैसिंग टेबल के शीशे में देखते हुए एकाएक हीना की पैंटी खींच कर उसके सैंडलों के पास ले गया। हीना ने जैसे ही शीशे में अपने को नंगी देखा तो झट से अपने हाथों से अपनी चूत को ढक ली और बोली, “ओह! डार्लिंग क्या कर रहे हो? मुझे शरम आ रही है।”

मैं तब हीना के नंगे चूत्तड़ों पर अपने हाथों को फेरता हुआ हीना से बोला, “हीना डार्लिंग, तुम अपने पैरों को धीरे-धीरे एक के बाद एक करके ऊपर उठाओ।”

हीना ने मेरे बात मानते हुए अपने पैरों को धीरे-धीरे से ऊपर उठाया और मैंने उसकी पैंटी को पैरों से निकाल कर दूर पड़ी कुर्सी पर फेंक दिया। मैं फिर से अपनी जगह से उठ खड़ा हुआ और हीना के कंधों के ऊपर से देखते हुए मैंने हीना की दोनों कलाईयों को पकड़ कर उसके हाथों को उसकी चूत पर से हटाया और उन हाथों को पीछे खींच लिया। अब हीना की साफ चिकनी चूत शीशे से होते हुए मेरी आँखों के सामने थी। मुझे हीना की साफ चिकनी चूत बहुत ही प्यारी लग रही थी।

अब मैं हीना के कानों के पास अपना मुँह ले जाकर धीरे से बोला, “डार्लिंग अब तुम वाकई में शरारती लग रही हो।” हीना अपने आप को शीशे में बिल्कुल नंगी देख कर मारे शरम से लाल हो गयी। फिर उसकी आँखें अपने नग्न सौंदर्य को देख कर चमक उठी और वो शरमाना छोड़ कर धीरे-धीरे मुस्कुराने लगी। अब मैंने हीना को धीरे-धीरे अपनी तरफ़ घूमा लिया और उसके नारंगी की फाँकों जैसे खूबसूरत होठों को चूमने लगा। हीना के होठों को चूमते ही मुझे लगा कि मैं शहद पी रहा हूँ। हीना ने भी मेरे गले में अपनी बाहों को डाल कर मेरे मुँह में अपनी जीभ डाल दी। हम दोनों में से कोई भी चूमना बंद नहीं करना चाह रहा था और दोनों एक दुसरे को जकड़े हुए अपनी पूरी ताकत से चूम रहे थे। हीना मुझसे इस कदर लिपटी थी कि मुझे अपनी छाती में हीना के निप्पल के गड़ने का एहसास हो रहा था। उसकी चूचियाँ भी अब सैक्स की गरमी से फूल गयी थीं। मेरा लंड भी अब बुरी तरह से अकड़ गया था और मुझे लंड की जड़ में हल्का हल्का सा दर्द होने लगा था।

मैंने हीना को चूमते हुए उसका एक हाथ पकड़ कर अपने लंड से लगा दिया। मेरे लंड पर हीना का हाथ छूते ही हीना ने गप से मेरा लंड पकड़ लिया और खुश हो कर मुझसे बोली, “ओह! डीयर, तुम्हारा हथियार तो बेहद तगड़ा है। मेरे ख्याल से इसकी लंबाई आठ इन्च और मोटाई करीब तीन या साढ़े तीन इन्च होगी। काफी शानदार है।”

तब मैं हीना के गालों को चूमते हुए हीना से बोला, “हीना डार्लिंग, मेरा लंड शानदार है कि नहीं है मुझे नहीं मालूम। लेकिन तुम्हारी चिकनी जाँघों के बीच तुम्हारी गोरी चिकनी चूत बहुत ही रसीली और प्यारी है। मेरा यह लंड तुम्हारी चूत से मिलने के लिए बहुत ही बेताब है बेचारा। और हाँ, मेरे लंड की लंबाई और मोटाई को मत नापो। यह आज तुम्हें इतना मज़ा देगा जिसकी तुमने कभी कल्पना भी नहीं की होगी।” फिर मैं हीना को धीरे-धीरे बिस्तर के करीब ले आया और मैं खुद बिस्तर पर पीठ के बल लेट गया और अपने चूत्तड़ों के नीचे दो तकिये भी लगा दिये।

हीना मुझे फटी-फटी आँखों से देख रही थी और कुछ सोच रही थी। मैं हीना से बोला, “आओ हीना डार्लिंग, मेरे ऊपर बैठ कर सवारी करो। मेरे ऊपर बैठ कर मेरा यह लंड अपनी चूत में भर लो और चुदाई करो।”

कुछ पल के बाद हीना को मेरी बातों का असर हुआ और वो झट से ऊँची हील के सैंडल पहने हुए ही बिस्तर पर चढ़ कर मेरी कमर के दोनों तरफ़ अपने पैरों को करके मेरे ऊपर बैठ गयी। बैठने के बाद उसने थोड़ा सा अपने चूत्तड़ों को उठाया और अपने हाथों से मेरा लंड पकड़ कर अपनी चूत से लगा दिया और फिर अपनी कमर चला कर मेरा लंड अपनी चूत में घुसेड़ लिया। मैंने तब हीना के चूत्तड़ों को पकड़ कर थोड़ा ऊपर उठाया और उसने फिर से एक धक्के के साथ मेरा लंड अपनी चूत में भर लिया। थोड़ी देर के बाद हीना मेरे ऊपर झुक गयी और मेरे होठों को चूमते हुए और मेरे सीने से अपनी भारी भारी चूचियों को दबाते हुए मुझे हल्के-हल्के धक्के के साथ चोदने लगी।

थोड़ी देर तक मुझे चोदने के बाद हीना मेरे ऊपर लेट गयी। मैं तब नीचे से उसके नंगे चूत्तड़ों पर हाथ फेरते हुए उसके कान में धीरे से बोला, “डार्लिंग, अब तुम्हारी चूत को मज़ा दिलवाना तुम्हारे हाथों में है। मैं तो बस चुप-चाप नीचे लेटा-लेटा तुम्हारी चूत के धक्के खाता रहूँगा। अब तुम्हीं मुझे अपने हिसाब से चोदती रहो और अपनी चूत को मेरा लंड खिलाती रहो।”

इतना कह कर मैंने हीना की चूचियों को अपने हाथों में लेकर कस कर मसल दिया और अपनी कमर नीचे से उचका कर हीना की चूत में तीन-चार धक्के मार दिये। मेरी बातों को सुन कर हीना की आँखें एक बार चमक गयीं और मुझे चूमते हुए बोली, “मेरे चोदू सनम, मैं चाहे तुम्हें ऊपर से चोदूँ या तुम मेरे ऊपर चढ़ कर मुझे चोदो, दोनों में कोई फ़रक नहीं है। हर हाल में मेरी चूत ही तुम्हारे लंड से चुदेगी।” उसके बाद हीना मुझे फिर से जकड़ कर पकड़ते हुए अपनी पतली कमर उठा-उठा कर मुझे चोदने लगी।

हीना मुझे फिर से अपनी बाहों में भरते हुए मुझे चूम कर बोली, “ओह डार्लिंग! बेहद मज़ा आ रहा है। हाय क्या लंड है तुम्हारा, मेरी चूत तो अंदर तक भर गयी है। हाय! मैं तो आज रात भर तुम्हारा लंड अपनी चूत के अंदर ही रखुँगी। तुम्हारा लंड खुदा ने मेरी चूत के लिए ही बनाया है।”

फिर हीना मेरी आँखों में देखते हुए मेरे ऊपर तन कर और अपनी कमर को कस कर मेरी कमर पर दबा करके बैठ गयी और हीना की नरम चूत और मेरी झांटें एक दुसरे से मिल गयी। अब हीना की साँस फूलने लगी थी और उसकी आँखें बंद होने लगी थी और उसकी चूची भी फूल गयी। अब वो मेरे लंड पर ज़ोरों से उठ-बैठ रही थी और उसके उठने-बैठने के साथ-साथ हीना की दोनों चूचीयाँ भी उछल रही थीं। मुझे लग रहा था कि हीना की चूत और ज्यादा देर तक मुझे चोद नहीं पायेगी और जल्दी ही अपना पानी छोड़ देगी। अब वो बहुत जोर-जोर से उछल रही थी और बोल रही थी, “लो मेरे चोदू सनम, लो मेरी चूत के धक्के खाओ अपने लंड पर। लो अब मैं अपनी चूत का पानी छोड़ने वाली हूँ। लो सम्भालो अपने लंड को… नहीं तो मेरी चूत के धक्कों से तुम्हारा लंड टूट जायेगा। हाय क्या मज़ा आ रहा है। तुम मुझे पहले क्यों नहीं मिले। अब तक मैं तुमको और कितनी बार चोद डालती।”

इतना कहने के बाद हीना ने मुझे कस कर जकड़ लिया और बहुत ज़ोरों के साथ काँप उठी और शाँत हो गयी। उसकी चूत के पानी से मेरा लंड और जाँघें पूरी की पूरी भीग गयी। मैं फिर भी हीना के नीचे चुप-चाप लेटा रहा और हीना को पूरी तरह से झड़ने दिया। थोड़ी देर के बाद हीना ने अपनी आँखें खोल दी और मुझे देख कर मुस्कुरा दी। तब मैंने अपने हाथों को हीना की पीठ पर ले जाकर पहले उसकी पीठ को सहलाया और फिर उसके चूत्तड़ों को सहलाना शूरू कर दिया। मैं हीना के चूत्तड़ों को सहलाते हुए कभी-कभी उसकी गाँड के छेद को सहला रहा था। हीना ने धीरे से मेरे कँधों पर से अपना सर उठाया और मुझे अपनी आधी बंद आँखों से देखते हुए मुझे तीन-चार चुम्मे दिए। मैंने हीना के चूत्तड़ों को सहलते हुए धीरे से कहा, “रुकना मत, अभी तुम चालू रहो।”

मेरी बात सुनते ही हीना की आँखें चमक उठी और मुझसे बोली, “क्या फिर से करोगे, मतलब क्या फिर से हम लोग चुदाई करेंगे?”

मैंने अपनी गर्दन हिला कर हीना से हाँ कहा। “ओह डार्लिंग,” कह कर हीना मुझसे लिपट गयी और अपनी चूत से लंड को भींच लिया और फिर से मेरे लंड पर धीरे-धीरे अपनी चूत को ऊपर-नीचे करने लगी। अबकी बार मैंने हीना को कोई सहारा नहीं दिया और हीना बड़े आराम से मेरे लंड को अपनी चूत से कभी धीरे-धीरे और कभी जोर-जोर से चोदने लगी। मैं अपने हाथों से हीना की चूचियों को पकड़ कर दबाने लगा और कभी-कभी जोर-जोर मसलने लगा।

थोड़ी देर ऐसे ही चुदाई के बाद हीना फिर से झड़ने की कगार पर पहुँच गयी और अब वो जोर-जोर से मेरे लंड पर उछलते हुए बोली, “हाय जानू, क्या मज़ा मिल रहा है… लगता है कि आज मैं पागल हो जाऊँगी। तुमने आज मुझे पूरा का पूरा जन्नत का मज़ा दिया है। आज मैं अपनी चूत तुमसे चुदवा कर दिलशाद हो गयी और अब मुझे एक औरत होने पर फख्र हो रहा है। ओह! ओह! हाय मैं झड़ रही हूँऊँऊँऊँ। आह! आह! और जोर से मेरीईईईईईईई चू.....ची..... मसलो.......। ओह! ओह! हाँ..... मैं गयीईईईईईई!”

हीना फिर शाँत हो कर मेरे ऊपर पड़ी रही। थोड़ी देर के बाद जब हीना की साँस वापस शाँत हुई, तो वो उसने मुझे चूमना शूरू कर दिया और अपनी चूत के झड़ने का एहसास अपने अंदर लेने लगी। ऐसे ही थोड़ी देर के बाद हीना ने फिर से मेरे लंड को अपनी चूत से ज़ोरदार झटकों के साथ चोदना शूरू कर दिया। हीना अबकी बार बहुत जोर-जोर से मेरे लंड को अपनी चूत में लेकर उछल रही थी। उसकी दोनों चूचियाँ उसके उछलने के साथ झूल रही थी। मैंने तब हीना की दोनों चूचियों को छोड़ करके उसकी पतली कमर को अपने हाथों से पकड़ लिया और नीचे से मैं भी अपनी कमर उठा-उठा कर हीना की चूत के अंदर अपना लंड पेलने लगा। इस समय हम दोनों को दुनिया से कोई मतलब नहीं था और बस एक दूसरे को कस कर पकड़ कर चुदाई कर रहे थे।

थोड़ी देर के बाद मैंने नीचे से अपनी कमर उठा कर हीना की चूत में अपना सारा का सारा लंड घुसेड़ कर हीना को कस कर पकड़ लिया और बोला, “ओह! ओह! हीना डार्लिंग, लो, लो अपनी चूत को अपने हाथों से खोलो। मैं अब तुम्हारी प्यारी चूत को अपने लंड के पानी से पूरा का पूरा भरने वाला हूँ। ले, ले चुदक्कड़ हीना ले मेरा लंड का पानी अपनी चूत से पी ले।”

इतना कहने के बाद मैं हीना की चूत के अंदर झड़ गया और हीना की चूत ने भी मेरे साथ-साथ अपना पानी छोड़ दिया। हीना की चूत अब तीसरी या चौथी बार झड़ी थी और अबकी बार उसने पानी बहुत ज्यादा छोड़ा था। जब हीना की साँस कुछ ठीक हुई तो वो मेरे लंड के ऊपर से उठ गयी और मुझसे बोली, “वाह मेरे सनम, तुमने तो आज मुझे पूरा का पूरा जन्नत का मज़ा दिया। अब तुम चुपचाप लेटे रहो और मैं अभी पीने के लिये कुछ आर्डर करती हूँ। क्या पसंद करोगे... रम या स्कॉच?”

मैंने कहा “स्कॉच!”

फिर उसने फोन करके एक स्कॉच की बॉटल और ग्लास, बर्फ इत्यादी का आर्डर दिया और इतना बोल कर हीना हाई हील्स के सैंडलों में अपने चूत्तड़ मटकाती हुई कमरे के बाहर बाथरूम में चली गयी।

मैं हीना का कहा मान के चुपचाप बिस्तर पर ही लेटा रहा और आज शाम से जो-जो घटनायें हुई उनके बारे में सोचने लगा। मैं जितना सोचता उतना ही लगता कि आज की रात कभी खतम ना हो और मैं जी भर के हीना को चोदता रहूँ। मैं यह भी सोच रहा था की अब आगे क्या करना चाहिए। मैं यही सब सोच रहा था कि दरवाज़े पर बेल बजी। वेटर आर्डर ले कर आया होगा, यह सोच कर मैंने उठ कर एक टॉवल बाँधा और दरवाज़ा खोल कर वहीं से वेटर से ट्रे ले ली। इतने में हीना भी वापस आ गयी और मेरी बगल में आ कर बैठ गयी और ड्रिंक बनाने लगी। उसके बाद हम दोनों अगल बगल सट कर बैठ गये चीयर्स बोल कर ड्रिंक पीने लगे।

हीना ने अपनी एक टाँग मेरी टाँग पर रख दी और हँसते हुए बोली, “जानू, आज तो तुमने मुझे जन्नत की सैर करवा दी।” फिर वो एक बड़ा घूँट पी कर मेरे कानों में बोली, “जानू तुम्हारी चुदाई से आज मैं एक साथ तीन-तीन दफा सिलसिला वार झड़ी हूँ। शादी के बाद से ऐसा कभी नहीं हुआ था। या तो तुम में या तुम्हारे लंड में कोई जादू है।”

मैं हीना की बातों को सुन कर हँस पड़ा और फिर उसको चूमते हुए बोला, “मुझे पता है कि यह तुम्हारी किसी मर्द के ऊपर चढ़ कर पहली बार चुदाई करना नहीं था, क्योंकि तुम अपनी चूत से बहुत ही सधे हुए धक्के मेरे लंड पर मार रही थी। और हाँ अभी तुमने बोला कि शादी के बाद तुम कभी लगातार तीन-तीन बार नहीं झड़ी, इसका मतलब तुम शादी के पहले एक साथ तीन-तीन बार झड़ी हो?”

मेरी बात सुन कर हीना शरम से लाल हो गयी और अपना ड्रिंक पीते हुए बोली, “छोड़ो ना यह बात। फिर कभी सुनना मेरी शादी के पहले वाले किस्से!” और इतना बोल हीना अपना पूरा ड्रिंक गटक गयी और अपने लिये दूसरा पैग बनाने लगी।

मैं फिर मुस्कुरते हुए हीना से बोला, “ठीक है, लेकिन अब यह बताओ कि तुम्हारा और चुदाई का प्रोग्राम है या फिर इतनी जल्दी-जल्दी ड्रिंक पी कर नशे में धुत्त होने का इरादा है!”