उदयपुर की सुहानी यादें

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हीना अपना दूसरा पैग पीते हुए बोली, “डर्लिंग, घबराओ नहीं, मैं इसलिए जल्दी-जल्दी पी रही हूँ ताकि जल्दी से सूरूर और मस्ती चढ़ जाये जिस्म में और मैं और भी ज्यादा खुल कर चुदाई का मज़ा ले सकूँ!”

मैंने पूछा, “तुम्हारे पास अब और कोई शरारत बची है कि नहीं?”

तब वो मुझे आँख मारते हुए बोली, “जानू, मैं तुम्हारा लंड धीरे-धीरे खड़ा होता देखना चाहती हूँ? मुझे इसका धीरे-धीरे खड़ा होना देखना बेहद अच्छा लगता है।”

मैं तब हीना की नंगी जाँघों पर हाथ फेरते हुए बोला, “जरूर मेरे रानी। आज के लिए मेरा लंड तुम्हारा है। तुम इससे जैसे चाहो खेल सकती हो। तुम चाहो तो इसको अपने हाथों से खड़ा कर सकती हो या फिर इसे अपने मुँह में लेकर चूस-चूस कर खड़ा कर सकती हो।”

हीना मेरी बात सुन कर अपना बचा हुआ दूसरा ड्रिंक भी एक घूँट में पी गयी और मुझसे बोली, “हाय मेरे दिलबर जानी! तुमने अभी-अभी जो कुछ भी बोला, मैं वो सब का सब करना चाहती हूँ।”

फिर उसने अपना हाथ बढ़ा कर मेरे लंड को पकड़ लिया और गौर से देखने लगी। थोड़ी देर देखने के बाद बोली, “मैंने अब तुम्हारे लंड को ठीक से देखा है। पहले तो मौका ही नहीं मिला ठीक से देखने के लिए!” इतना बोल कर हीना जोर से हँस पड़ी। फिर मेरे लंड को देखते हुए हीना मुझसे बोली, “पहले तो मैं इस चोदू लंड को नहलाऊँगी!”

मैं कुछ समझा नहीं और चौंक कर पूछा “क्या?”

वोह मुझे देख कर फिर से खिल-खिला कर हँस दी। फिर आँख मार कर अपने ग्लास में स्कॉच डालने लगी। हीना की आँखों और हरकतों से साफ लग रहा था कि वोह अब थोड़ी नशे में थी। फिर वोह झुक कर मेरी टाँगों के बीच में अपना ग्लास ले आयी और मेरे लंड को उसमें डुबो दिया और हंसते हुए बोली, “इससे इसका शाही नहाना हो जायेगा और शायद इसे भी थोड़ा नशा चढ़ जाये!”

फिर वोह अपनी उंगलियों से मेरे लंड को स्कॉच में डुबो कर रगड़ने लगी। मेरा लंड भी स्कॉच के फील और हीना की उँगलियों के टटोलने के कारण उत्तेजित होने लगा। हीना फिर से खिलखिला कर हँसते हुए बोली “लगता है कि तुम्हारे लंड में अभी काफ़ी दम-खम है और तुम अभी भी शरारत करने के लिए तैयार हो!” फिर मेरे लंड को ग्लास से बाहर निकाल कर बोली, “चलो अब तुम ठीक तरीके से बेड पर लेट जाओ।” और फिर मेरे लंड को अपनी उंगलियों से पोंछ कर वही ड्रिंक गटा-गट पी गयी और बोली इसे कहते हैं “मर्दानगी की लज़्ज़त!”

फिर मैंने भी अपना ड्रिंक खतम किया और हम दोनों बेड पर आ गये। मैं हैरान था की इतनी ड्रिंक करने के बाद भी वोह कुछ भी करने की हालत में कैसे थी। जरूर हीना को पीने की आदत होगी क्योंकी वो अभी नशे में तो जरूर थी पर उसने जितनी पी थी उसके मुकाबले वो नशा ज्यादा नहीं था। बेड तक चलते हुए भी उसके कदम उन हाई हील सैंडलों के बावजूद भी थोड़े ही लड़खड़ाये थे।

मैं बिस्तर के ठीक बीचो बीच लेट गया और फिर हीना एक झटके के साथ मेरे ऊपर आ कर मेरी छाती पर बैठ गयी। अब उसका मुँह मेरे पैरों की तरफ था। मेरे ऊपर बैठ करके हीना कुछ देर तक मेरे लंड से खेलती रही और फिर वो मेरे लंड पे झुक गयी। अब हीना का मुँह मेरे लौड़े पर था और मेरे मुँह के पास उसकी चूत थी। हीना थोड़ी देर और मेरे लौड़े और मेरे आँडों के साथ खेलती रही और फिर मुझसे बोली, “जानू, अब तुम मेरी चूत को चाटो और मैं भी तुम्हारे लंड को अच्छी तरह से देख लूँगी और उसका स्वाद भी ले लूँगी। ठीक है ना?”

मैं हीना की नंगी चूत्तड़ों को सहलाते हुए बोला, “मेरी रानी, तुमने तो मेरे मन की बात बोल दी। मैं सोच ही रहा था कि जो चूत चोदने में इतना मज़ा आया उसका रस कितना मीठा होग। मैं तो कब से तुम्हारी रसीली चूत के रस का स्वाद लेना चाहता हूँ।”

हीना मेरी बात को सुन कर बहुत खुश हो गयी और अपने आप को मेरे ऊपर ठीक से सैट करने के बाद उसने मेरे लंड को अपने हाथों में ले लिया। थोड़ी देर तक हीना मेरे लंड के सुपाड़े को खोल और बँद कर रही थी। बीच-बीच में वो सुपाड़े को चूम भी रही थी। थोड़ी देर के बाद हीना ने अपना मुँह खोल कर मेरे सुपाड़े को मुँह के अंदर कर लिया और हल्के-हल्के चूसना शूरू कर दिया। थोड़ी देर के बाद हीना मेरे लंड को जोर-जोर से चूसने लगी और कभी-कभी वो मेरे लंड को अपने मुँह से निकाल कर अपनी जीभ से चाटने भी लगती थी। हीना कभी-कभी मेरे सुपाड़े को अपनी आँखों से लगाती और अपनी पलकों से उसे गुदगुदाती या फिर उसे अपने मुँह से निकाल कर अपने गालों पर रगड़ती। मुझे ऐसा लग रहा था कि जैसे हीना को कोई अच्छा सा खिलौना मिल गया हो। कभी-कभी हीना मेरी झाँटों से भी खेल रही थी।

थोड़ी देर के बाद मैंने पलंग के पैरों के पास शीशे में देखा तो पाया कि हीना मेरा लंड अपनी आँखों के सामने रख कर मँद-मँद मुस्कुरा रही है। ऐसा लग रहा था कि जैसे हीना के दिमाग के अंदर कुछ हलचल मची हुई हो। लेकिन हीना मेरे लंड को पकड़ कर मुस्कुराती रही। थोड़ी देर के बाद फिर से मेरे लौड़े को पकड़ कर अपने मुँह में घुसेड़ लिया और जोर-जोर से चूसने लगी। हीना जैसे-जैसे मेरे लंड को चूस रही थी उसके मुँह से घुटी-घुटी आवाज़ निकल रही थी। तब मैंने अपने हाथों से हीना की चूत को खोल कर उसकी खुली चूत पर एक लम्बा चुम्मा जड़ दिया। मेरे चुम्मे के साथ ही हीना का शरीर एक बार फिर से काँप उठा।

मैंने तब अपनी जीभ निकाल कर हीना की चूत को ऊपर से चाटना शूरू किया और धीरे-धीरे अपनी जीभ को हीना की चूत के अंदर डालना चलू किया। मेरी जीभ जैसे ही हीना की चूत के अंदर गयी तो हीना “ओह! ओह! आह! आह!” कर उठी और वो बोलने लगी, “हाय मेरे दिलबर! चूसो, चूसो मेरी चूत को! बहुत अच्छा लग रहा है! हकीकत में किसी भी औरत को कैसे खुश किया जाता है, तुम बहुत अच्छी तरह से जानते हो। हाय मुझे तो नशा सा छा रहा है।”

इतना बोल कर हीना फिर से मेरे लौड़े को अपने मुँह में डाल कर चूसने लगी। अब तक चुसाई से हीना की चूत ने मीठा-मीठा पानी छोड़ना शूरू कर दिया था और मैं अपनी जीभ से हीना की चूत खूब जोर-जोर से चाट रहा था और चूस रहा था। अब मेरे लंड का सुपाड़ा बहुत फ़ूल गया था और उसको हीना अपने मुँह के अंदर डालने में कुछ दिक्कत महसूस कर रही थी और इसलिए वो लंड को अपने हाथ से पकड़ कर चाट रही थी।

हीना भी मानो पगला गयी थी और जोर-जोर से मेरे मुँह पर अपनी चूत रगड़ने लगी और बोली, “हाय मेरे चोदू सनम, क्या कर रहे हो। इतना धीरे-धीरे क्यों चाट रहे हो मेरी चूत को? जोर-जोर से चाटो ना मेरी चूत। देखो उसमें से कितना ढेर सारा रस रिस-रिस कर निकल रहा है। मेरी चूत में अपनी जीभ घुसा कर चूसो मेरी चूत को।”

अब मैं भी गरम हो गया था और हीना से बोला, “हाय, मेरी चुदकाड़ रानी, क्या चूत है तेरी । मन करता है जैसे कि इसको कच्चा ही चबा जाऊँ। बहुत ही रसीली चूत है तेरी। इतना रस कहाँ छुपा कर रखती है अपनी चूत के अंदर? मुझे तेरी चूत देख कर लग रहा है कि अब तक तू ठीक तरीके से चुदी नहीं है। तेरी चूत अभी पूरी की पूरी खुली नहीं है।”

मेरी बात सुन कर हीना अपने मुँह से मेरे लंड को निकालते हुए बोली, “हाय मेरे चोदू, तूने ठीक ही कहा है! क्या करूँ मेरे शौहर का लंड बहुत छोटा है और वो चूत में घुसते ही झड़ जाता है। आज तू मेरी चूत को चोद-चोद कर उसका कीमा बना दे। मेरी चूत को अपने लंड के धक्कों से भोंसड़ा बना दे। हाय, क्या मस्त कर दिया है तूने मुझे। तेरी बीवी तुझसे बहुत खुश रहती होगी और क्यों ना हो, रोज रात को तेरे लंड से उसकी चूत खूब चुदती है।”

इतना बोलने के बाद हीना ने फिर से मेरा लंड अपने मुँह में भर कर चूसना शूरू कर दिया। अब मेरा लंड इतना तन कर अकड़ रहा था कि लंड में दर्द सा होने लगा। मैं तब हीना से बोला, “ओह मेरी रानी, तेरा खेल खतम हो गया हो तो अब मैं तुझे फिर चोदना चाहता हूँ। अब चल मेरी बगल में अपने पैरों को फैला कर लेटा जा और मैं तेरे ऊपर चढ़ कर तुझे चोदता हूँ।”

“नहीं अभी नहीं, मुझे अभी और कुछ वक्त तक तेरा लंड चूसना है। मुझे लंड चूसने में बहुत मज़ा आ रहा है, प्लीज़ थोड़ी देर और रुको ना?” हीना मुझसे बोली।

मैं तब हीना से बोला, “अरे मेरी चुदासी रानी! मान जा… नहीं तो मैं तेरे मुँह में ही झड़ जाऊँगा और तेरी चूत प्यासी रह जायेगी। चल अब उठ और मुझे अपनी चूत के अंदर अपना लंड डाल कर चोदने दे।”

तब हीना मेरे ऊपर से उठते हुए बोली, “ठीक है, अभी तू मुझे चोद ले, लेकिन अगली बार मैं तेरे लंड को खूब चूसूँगी और तेरा लंड पीयुँगी!”

अब हीना मेरी बगल में अपनी पीठ के बल लेट गयी और अपनी टाँगों को फैला कर अपने हाथों से पकड़ लिया और बोली, “अब आ न साले, क्यों वक्त लगा रहा है? अभी तो बहुत चुदास चढ़ी थी… अब क्या हो गया है? देख मैं अपनी चूत खोल कर लेटी हुई हूँ, अब आ और मुझे रगड़ कर एक रंडी के तरह चोद।”

मैं हीना की चुदास को देख कर बहुत गरम हो गया और हीना से बोला, “रुक मेरी छिनाल रानी! अभी मैं तेरी चूत को अपने लंड से चोद-चोद कर भोंसड़ा बनाता हूँ। आज तेरी चूत की खैर नहीं। आज तेरी चूत इतनी चुदेगी कि कल सुबह तू ठीक से चल नहीं पायेगी और तब तुझे देख कर सारे के सारे लोग समझ जायेंगे कि तेरी चूत में कोई लम्बा और मोटा लंड खूब पेला गया है।”

हीना मेरी बातों को सुन कर बोली, “अरे यार कल की कल देखी जायेगी, आज तो मुझे दिल भर कर अपनी चूत चुदवाने दे। चल अब ज्यादा बातें नहीं। अब जो भी बात करनी है मेरे ऊपर चढ़ कर अपने लंड से मेरी चूत से कह।”

इतना सुनने के बाद मैं झटसे हीना के ऊपर चढ़ गया और अपने दोनों हाथों से उसकी दोनों चूचियों को पकड़ कर मसलते हुए हीना से बोला, “अरे मेरे लंड की रानी, ज़रा अपने नाज़ुक हाथों से मेरे लंड को अपनी चूत से भिड़ा दे, प्लीज़।”

मेरी बात सुन कर हीना ने मेरे लंड को अपने हाथों से पकड़ा और अपनी चूत से भिड़ा दिया और बोली, “ले मेरी चूत के सरताज़, अभी तू जो भी बोलेगा मुझे सब मँज़ूर है, बस जल्दी से मेरी चूत में अपना लंड पेल कर मुझे रगड़-रगड़ कर चोद और चोद और सिर्फ चोद। जब तक मैं चिल्ला-चिल्ला कर रुकने के लिये न कहूँ… तु मुझे बस चोद।”

अब मैं भी चुप ना रहा और जैसे ही हीना ने मेरे लंड को अपनी चूत से लगाया, मैंने अपनी कमर को एक झटके के साथ हिला कर उसकी चूत में अपना लंड पूरा जड़ तक पेल दिया। हीना एका-एक चिल्ला उठी, “हाय! मार डाला तूने। यह क्या किसी रंडी की चूत है जो एक साथ पूरा का पूरा लंड घुसेड़ दिया। ज़रा धीरे-धीरे चोद ना, मैं कोई भागी जा रही हूँ क्या?”

मैं तब धीरे-धीरे धक्का मारते हुए बोला, “माना कि यह कोई रंडी की चूत नहीं है, लेकिन यह एक छिनाल की चूत तो है, जो अपने शौहर के अलावा दूसरे मर्द से अपनी चूत चुदवा रही है।”

मेरी बात सुन कर हीना तिलमिला उठी और मुझ से बोली, “अरे अगर मैं छिनाल हूँ तो तू क्या है? तू भी तो अपनी बीवी की चूत छोड़ कर गैर-औरत की चूत में लंड दिये पड़ा है? अच्छा चल हम दोनो ही ज़लील हैं और हम लोगों को अपना ज़लील काम भी पूरा कर लेना चाहिए।”

तब मैं भी हीना की बातों को मान कर उसको अपनी कमर चला-चला कर चोदने लगा और अपने दोनों हाथों से उसकी चूचियों को मसलने लगा। मेरी चुदाई से हीना की चूत और गीली हो गयी और वो “ओह! ओह! आह! आह!” करने लगी और नीचे से अपनी कमर उठा-उठा कर अपनी चूत को मेरे लंड से चुदवाने लगी।

थोड़ी देर नीचे लेटा कर चूत चुदवाने के बाद हीना बोली, “हाय मेरी चूत के परवाने, बेहद मज़ा आ रहा है। ज़रा और थोड़ा तेज-तेज धक्के मार, नहीं तो मेरी चूत की चीटियाँ नहीं जायेंगी। ओह! ओह! हाँ! हाँ! ऊईईईईईईईईई आँहहहह ऐसे ही आने दे अपना लंड मेरी चूत के अंदर तक। जब तक लंड अंदर जा कर बच्चेदानी पर ठोकर ना मारे तो चूत चुदवाने वाली को पूरा मज़ा नहीं आता।”

मैं भी हीना की बातों को मान कर जोर-जोर धक्कों के साथ चोदने लगा। थोड़ी देर ऐसे तेजी के साथ चोदने के बाद मैंने हीना से पूछा, “क्यों मेरी जानेमन, अच्छे लग रहे हैं मेरे लंड के धक्के। कैसा लग रहा है तेरी चूत को? क्या तेरा शौहर भी तुझे ऐसे ही चोदता है रोज रात और दिन में?”

मेरी बात सुन कर हीना मुस्कुरा दी और बोली, “हाय मेरे चोदू राजा, बेइंतेहा मज़ा आ रहा है। सच पूछ तो आज मेरी चूत मुकम्मल तौर पे और कायदे से चूदी है। हाँ वो मेरा शौहर, वो तो साला बिल्कुल गाँडू है। वो तो साला बीवी की चूत छोड़ कर नौकरों से अपनी गाँड मरवाता है। उस साले मादरचोद को क्या मालूम चूत क्या होती है और उसकी चुदाई कैसे की जाती है। अच्छा अब बहुत बातें हो गयी हैं, अब ज़रा दिल लगा कर मेरी चूत में अपना लंड जोर जोर से पेल। मैं झड़ने वाली हूँ।”

मैं तब जोर-जोर से हीना की चूत में अपना लंड पेलने लगा और फिर हीना को चूम कर मैंने उससे पूछा, “मेरी जान, मुझे एक बात समझ में नहीं आयी, वो यह कि जितनी तेरी चूत शानदार है उतनी हे तेरी ज़ुबान गंदी है। कहाँ से सीखी इतनी गंदी-गंदी गालियाँ?”

हीना तब नीचे से अपनी कमर उठा-उठा कर मेरे लंड को अपनी चूत में पिलवाते हुए बोली, “अरे छोड़ भी अब, यह सब बातें बाद में सुनना। अब तो बस थोड़ी देर मेरे को रगड़ कर चोद। बस अभी कोई बात नहीं, मैं झड़ने वाली हूँ।”

“ठीक है, फिर सम्भाल अपनी चूत को और देख मैं तेरी चूत का क्या हाल बनाता हूँ” और मैं पिल पड़ा हीना की चूत में।

थोड़ी देर के बाद मुझे भी लगा कि अब ज्यादा देर रुक नहीं सकता और इसलिए मैंने अपना लंड एक बार जड़ तक हीना की चूत में पेल कर उसकी एक चूची अपने मुँह में भर ली। तब हीना बोली, “क्या हुआ रुक क्यों गया साले? पाँच-छः धक्के और मार देता तो मेरी चूत झड़ जाती। तू मुझे चोदते-चोदते थक गया क्या?”

मैं तब हीना की चूची को अपने मुँह से निकालते हुए बोला, “अरे यार समझती नहीं क्या? मुझे लगा कि मेरा लंड अपना पानी छोड़ने वाला है और इसलिए मैंने तेरी चूत की चुदाई थोड़ी देर के लिए रोक दी ताकि लंड का जोश थोड़ा ठंडा हो जाये और मैं तुझे देर तक चोद सकूँ।”

तब हीना मेरे होठों को चूमते हुए बोली, “वाह मेरे चोदू सनम, औरतों को चोदना कोई तुझसे सीखे। किसी औरत को कैसे चुदाई से ज्यादा से ज्यादा मज़ा मिले वोह तुझे सब पता है। काश मेरे गाँडू शौहर को भी यह सब मालूम होता तो मेरी चूत की यह हालत नहीं होती।”

मैंने अब फिर से हीना को चोदते हुए पूछा, “क्यों क्या हुआ तेरी चूत को। तेरी चूत बहुत ही मस्त है और देख ना कैसे अपना मुँह खोल कर मेरा लंड गपागप खा रही है।”

तब हीना नीचे से अपनी चूतड़ उचकाते हुए बोली, “हाँ मेरे चोदू सनम, जब तू अपना लंड मेरी चूत को खिला रहा है तो मेरी चूत को क्या एतराज़ है तेरा लंड खाने में? वैसे तू चोदने में बेहद माहिर है। तेरा लंड खा-खा कर मेरी चूत इस वक्त बहुत ही मस्त हो गयी है और मैं खुद को बहुत हल्की-हल्की महसूस कर रही हूँ। वाह क्या धक्के मार रहा है तू, तेरा लंड बिल्कुल मेरी चूत की गहरायी तक पहुँच रहा है और मुझे दिवानी बना रहा है। हाय ऐसे ही चोदता रह, रुक मत, रात भर चोद मुझे। पता नहीं कल ऐसी चुदाई का मौका मिले या ना मिले।”

मैंने तब हीना को जोर-जोर धक्कों से चोदते-चोदते हुए कहा, “यार मेरी जान, तू है तो बहुत सैक्सी और मुझे लग रहा है कि दिन में कम से कम एक बार बिना चुदवाए तुझे रात को नींद नहीं आती होगी। बता ना तू और कितने लंड अपनी चूत में पिलवा चुकी है? वैसे जब तेरे शौहर को गाँड मरवाने और मारने का शौक है तब तू भी क्यों नहीं अपनी गाँड में अपने शौहर का लंड लेती है। ऊससे कम से कम तेरा शौहर गाँड मारने के लिए घर के बाहर नहीं जयेगा।”

मेरी बातों को सुन कर हीना पहले तो मुस्कुरा दी और फिर बोली, “वाह रे मेरी चूत के परवाने, अगर मैं भी अपनी गाँड मरवाती तो क्या तू मुझे ऐसे अपने कमरे में नंगी लिटा कर अपने लंड से मेरी चूत चोद पाता? मैं भी इस समय अपने शौहर का या अपने घर के किसी नौकर का लंड अपनी गाँड में लेकर सो रही होती। वैसे मुझे गाँड मरवाने का कोई शौक नहीं है, मुझे गाँड मरवाने में घिन सी लगती है… और जब मेरे पास मरवाने के लिए चूत है तो मैं क्यों गाँड में लंड डलवाऊँ? असल में बात यह है कि तुम सब मर्द एक जैसे हो। जो चीज़ मिल रही है उसकी कोई कद्र नहीं और जो चीज़ नहीं मिलती तो उसके लिए दिवाने रहते हो। चलो हटो मेरे ऊपर से मुझे अब नहीं चुदवाना तुझसे। निकाल अपना लंड मेरी चूत से, मुझे जाने दे।”

मैंने तब हीना को अपनी बाहों में लेते हुए और उसकी चूची पर चुम्मा देते हुए पाँच-छः ज़ोरदार धक्के मारे और बोला, “अरे हीना रानी, क्यों नाराज़ हो रही हो? मैं तुमसे मज़ाक कर रहा था। अरे तुम्हारी अपनी चूत और गाँड है। तुम जिसमें चाहो लंड डलवाओ, मुझे तो बस इस समय चोदने दो। मुझको इस समय रोको मत।”

तब हीना अपनी कमर उचकाते हुए बोली, “अरे चोद न मादरचोद, मैं कब मना कर रही हूँ। बस तू मुझसे गाँड मरवाने की बात मत कर, चूत में चाहे जितना मरज़ी लंड पेल, रात भर चूत में लंड डाले पड़े रह, मुझे कोई एतराज़ नहीं। वैसे अब जर जोर-जोर से धक्के मार, मैं झड़ने वाली हूँ।”

मैं तब हीना की चूचियों को अपने हाथों में पकड़ कर अपनी कमर झटकों के साथ हिला-हिला कर हीना को चोदने लगा। हीना भी अपनी दोनों टाँगों को मेरी कमर पर डाल कर अपने चूत्तड़ों को उछाल-उछाल कर मेरे लंड के धक्को का जवाब देने लगी और बोली, “चोद, चोद मेरे चोदू जानेमन, और जोर से पेल मेरी चूत में अपना लंड। आज मेरी चूत को फाड़ डाल, चूत के चिथड़े उड़ा दे, लेकिन मेरी चूत की कसम अभी रुकना मत, बस ऐसे ही पेलते रह मुझे। बेइंतेहा मज़ा आ रहा है। माशाल्लाह क्या चोदता है तू। तू धक्के मेरी चूत में मार रहा है, और शॉट मेरे दिल तक पहुँच रहा है। हाय हाय मैं झड़ रही हूँऽऽऽ! पेऽऽऽल और तेऽऽऽज़ तेऽऽऽज़ पेऽऽऽल अपना लंऽऽऽड हाय मैं गयीईईईई! हाय चोऽऽऽद, रुऽऽऽकना नऽऽऽहीं.......। ओह! ओह! हा! हाऽऽऽआय! वाह वाह मेरी चूऽऽऽत को फाऽऽऽड़ डाऽऽऽल।” और हीना झड़ गयी।

तब मैं तेज़-तेज़ धक्के मार कर अपना लंड पूरा का पूरा हीना की चूत में डाल कर लंड के पानी से हीना की चूत को भर दिया। मेरे झड़ने के साथ-साथ हीना एक बार फिर से झड़ गयी और मुझसे लिपट गयी और मुझे चूमने लगी।

मैं तब हीना के ऊपर से नीचे उतरा और हीना की चूचियों से खेलने लगा। हीना मुझे रोकते हुए बोली, “रुको जानेमन, मुझे टॉयलेट जाना है।”

“क्यों टॉयलेट क्यों जाना है?” मैंने हीना की चूची को दबाते हुए पूछा।

हीना तब मेरे मुरझाए हुए लंड को पकड़ कर हिलाते हुए बोली, “टॉयलेट क्यों जाया जाता है? यह भी नहीं मालूम?”

मैंने भी मज़ाक मज़ाक में बोला, “नहीं मालूम कि तुम क्यों टॉयलेट जाना चाहती हो।”

तब हीना बोली, “अरे मुझे पेशाब लगी है और मुझे टॉयलेट में जा कर पेशाब करना है। समझा मेरे चोदू जानू?”

मैं हीना की चूचियों कि जोर से दबाते हुए बोला, “तो ऐसे बोलो ना कि तुम्हें टॉयलेट जा कर अपनी चूत से सीटी बजानी है। मुझे चूत की सीटी सुनना बहुत अच्छा लगता है। चलो आज मैं तेरे सामने बैठ कर तेरी चूत की सीटी सुनुँगा।”

हीना मेरी बातों को सुन कर खिलखिला कर हँस दी और बोली, “धत! ऐसा भी कहीं होता है? मुझे तेरे सामने बैठ कर पेशाब करने में शरम आयेगी और फिर तू मेरे सामने बैठेगा तो मुझे पेशाब ही नहीं होगी। तुझे मेरी चूत की सीटी सुननी है तो टॉयलेट के बाहर खड़े हो कर सुन।”

मैं तब ज़िद करते हुए बोला, “क्यों नहीं हो सकता है? तू जब शाम से अब-तक मेरे सामने नंगी लेट कर अपनी चूत मेरे लंड से चुदवा सकती है और अब तुझे मेरे सामने बैठ कर अपनी नंगी चूत से पेशाब करने में शरम आयेगी? तू मेरे सामने बैठ कर पेशाब क्यों नहीं कर सकती? नहीं आज तो मैं तेरे सामने बैठ कर तेरी चूत से पेशाब निकलते देखना चाहता हूँ।”

मेरी बातों को सुन कर हीना बोली, “तू बेहद ज़िद्दी है । चल आज मैं तुझे अपनी चूत से पेशाब निकलते हुए दिखलाती हूँ और साथ-साथ अपनी चूत से निकलता हुआ पेशाब पिलाती भी हूँ। चल मेरे साथ टॉयलेट चल।”

इतना कह कर हीना पलँग से उठ कर नीचे खड़ी हो गयी और नंगी ही टॉयलेट की तरफ चलने लगी। उसका नशा अभी भी बरकरार था क्योंकि हीना की चाल में अभी भी थोड़ी लड़खड़ाहट थी पर उसके हाई हील्स सैंडलों में उसकी नशीली चाल बहुत मस्त लग रही थी। मैं भी हीना के गोल-गोल चूत्तड़ों पर हाथ फेरते हुए हीना के पीछे-पीछे टॉयलेट चला गया। टॉयलेट में पहुँच कर पहले हीना ने अपना चेहरा धोया और एक तौलिया भीगो कर अपने पूरे जिस्म को पोंछा। फिर वोह मेरी तरफ़ देखकर बोली, “हाँ अब बोल क्या तुझे मेरी चूत की सीटी सुननी है और क्या तुझे मेरी चूत से पेशाब निकलते हुए देखना है?”

मैंने जब हाँ किया तो हीना बोली, “चल टॉयलेट के फ़र्श पर लेट जा।”

मैं चुपचाप टॉयलेट के फ़र्श पर लेटा गया। तब हीना मेरे मुँह के पास अपनी चूत रख कर मेरे सीने के ऊपर अपनी चूत्तड़ रख कर बैठ गयी। बैठने के बाद हीना ने एक बार झुक कर मुझे चूमा और फिर मेरा सर अपने दोनों हाथों से पकड़ कर अपनी चूत से पेशाब की धार छोड़ दी। हीना की चूत से निकलती धार ठीक मेरे मुँह पर गिर रही थी और हीना ने मेरे सर को पकड़ रखा था। इसलिए मैं अपना मुँह खोल कर हीना की चूत से निकलते पेशाब की धार को पीने लगा। तीन-चार मिनट तक पेशाब की धार लगातार चल रही थी और फिर रुक-रुक कर मेरे मुँह पर गिरने लगी। मैं समझ गया कि हीना की पेशाब की थैली खाली हो गयी है। तब मैंने अपना हाथ उठा कर हीना की दोनों चूचियों को पकड़ कर मसलने लगा।

पेशाब खतम होते ही हीना मुझसे बोली, “कैसा लगा मेरी चूत से निकलती पेशाब की धार पी के? मज़ा आया कि नहीं?”

मैं तब हीना से बोला, “यार मज़ा आ गया। मैंने तो कहीं एक किताब में पड़ा था कि हसीन औरतों के पेशाब का टेस्ट भी बहुत अच्छा होता है। आज तूने अपना पेशाब पिला कर वो बात साबित कर दी। सही में तेरी इतनी सुंदर चूत से निकलती पेशाब की धार देख कर आज मैं धन्य हो गया।”

मैंने हीना से पूछा, “अब क्या प्रोग्राम है?”

तब हीना बोली, “अरे अभी तो रात काफी बाकी है और इसका पूरा का पूरा फायदा मुझे उठाना है।”

“ठीक है” मैं बोला।

तब हीना मेरे ऊपर से उठ कर खड़ी हो गई और बोली, “क्या तुझे पेशाब नहीं करना? चल अभी तू भी पेशाब कर ले फिर हमलोग फिर से पलंग पर चलते हैं।”

मैं तब उठ कर अपना लंड अपने हाथ से पकड़ कर पेशाब करने की तैयारी करने लगा। तब हीना आगे बड़ कर मेरे लंड को पकड़ कर बोली, “अरे मैं हूँ ना? तू खुद क्यों पकड़ता है अपना लंड। ला मुझे पकड़ने दे तेरा लंड।”

इतना कह कर हीना ने मेरे लंड को पकड़ लिया और बोली, “चल मेरे जानू, अब मुझे भी दिखला तेरे लंड से निकलते पेशाब की धार को।”

मैं तब हीना की चूचियों को पकड़ कर पेशाब करने लगा। मुझे पेशाब करते हुए अभी सिर्फ़ दस-पंद्रह सेकँड ही हुए थे कि हीना ने झुक कर मेरा लंड जिसमे से अभी भी पेशाब निकल रहा था, अपने मुँह में भर लिया और मेरी तरफ़ देख कर मुझे आँख मार दी। हीना मेरे लंड को अपने मुँह में भर कर मेरे पेशाब को गटागट पीने लगी और जब मेरा पेशाब निकलना बँद हो गया तो उसने मेरे लंड को मुँह से निकाल कर जीभ से अपने होठों को साफ़ किया और बोली, “मज़ा आ गया। यह तो स्कॉच से भी ज्यादा अच्छा था। मुझे कईं दिनों से अरमान थी कि मैं किसी जवान मर्द के तगड़े लंड से निकलता हुआ पेशाब पीयूँ और आज मेरी ख्वाहिश पूरी हुई। थैंक्स।”

मैंने तब आगे बड़ कर हीना को चूम लिया और हम लोग वापस कमरे में आ कर पलंग पर बैठ गये। हीना झट से लेट गयी और मेरे सीने में अपना एक हाथ फेरती रही। थोड़ी देर के बाद मैं हीना से बोला, “यार तू बहुत ही सैक्सी चीज है। मुझे तो लगता है कि तूने अब तक बहुत से लंड अपनी चूत को खिलाये होंगे। बोल ना कितने लंड खाये अब तक?”

हीना मेरी तरफ़ देख मुस्कुरा दी और बोली, “मुझे तो अब याद भी नहीं कि मैं अब तक कितने लंड खा चुकी हूँ अपनी चूत में। छोड़ यह सब बातें और चल हमलोग फिर से शूरू करें अपनी चुदाई की दास्तान।”

मैं तब अपने एक हाथ से हीना की चूत्तड़ों को सहलाता हुआ बोला, “यार मेरी जान, तू उस समय इतना बिदक गयी जिसकी कोई इन्तहा नहीं। मुझे तो ऐसा लगा कि सचमुच मुझे अपने ऊपर से हटा कर तू मुझे अपने कमरे में भेज देगी।”

हीना तब बोली, “और क्या मुझे बहुत गुस्सा आ गया था। साले तू बात ही ऐसी कर रहा था। जब औरतों को मरवाने के लिए अल्लाह ने चूत दी है तो गाँड क्यों मरवायी जाये? अच्छा अब बहुत हो गया है और थोड़ी देर के बाद सुबह भी हो जायेगी। ला अपना लंड मेरे मुँह के पास कर दे, मुझे तेरे लंड का रस चूस-चूस कर पीना है।”