उदयपुर की सुहानी यादें

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“अभी लो हीना रानी, और मुझे एक बर फिर से तुम्हारी चूत को चाट-चाट कर उसका रस पीना है” मैं हीना के मुँह के पास अपना लंड रख कर बोला।

हीना ने मेरे लंड को अपने हाथों से पकड़ कर अपने मुँह में भर लिया और मैंने भी हीना की चूत से अपना मुँह लगा दिया। मैं हीना की चूत अपनी उँगलियों से खोल कर जितना हो सकता था अपनी जीभ अंदर डाल कर उसके रस को चाट-चाट कर पीने लगा और हीना भी मेरे लंड को पकड़ कर चूसने चाटने लगी। मैं हीना की चूत चाटते हुए कभी-कभी उसकी गाँड में अपने उँगली फेर रहा था और जब-जब मैं गाँड में उँगली फेर रहा था तब-तब हीना अपनी गाँड को भींच रही थी। थोड़ी देर तक ऐसे ही चलता रहा और फिर हीना मेरे लंड को अपने मुँह से निकाल कर बोली, “क्यों मेरी गाँड के पीछे पड़ा है, गाँडू? तुझे चूत चाहिए थी और तुझे चूत मिली। अब मेरी गाँड पर से अपनी नज़र हटा ले और चल अब मुझे चोद। मैं अब फिर से अपनी चूत में तेरा मोटा लंड खाने के लिए तैयार हूँ।”

तब मैं हीना की चूत से अपना मुँह हटाते हुए बोला, “अरे हीना रानी क्यों नाराज़ हो रही हो। तुझे गाँड नहीं मरवानी है, मत मरवा। लेकिन मुझे कम से कम अपनी गाँड से खेलने तो दे?”

तब हीना बोली, “ठीक है, लेकिन गाँड में ना तो उँगली करना और ना ही अपना लंड पेलना।” इतना कह कर हीना ने अपनी पीठ के बल लेट कर अपनी टाँगों को ऊपर उठा दिया और बोली, “चल पेल अपना लंड मेरी चूत में और फाड़ दे मेरी चूत अपने लंड के धक्के से।”

मैं तब हीना की चूची दबाते हुए बोला, “हीना रानी, मैं अब तुझे कुत्ते की तरह पीछे से चोदना चाहता हूँ। चलो अब तू कुत्तिया बन जा।”

हीना मेरी बातों को सुन कर बोली, “अरे मैं तो कुत्तिया पहले से ही बन गयी हूँ और तभी तो तेरे मोटे हलब्बी लंड से अपनी चूत चुदवा चुकी हूँ। चल तू कहता है तो मैं तेरे लिए कुत्तिया बन जाती हूँ और तू मुझे एक कुत्ते कि तरह से चोद।”

इतना कहकर हीना अपने घुटनों के बल बिस्तर पर उकड़ू हो गयी और अपने हाथ बिस्तर पर टिका दिये। मैं झट से उठ कर हीना के पीछे बैठ गया और जैसे कुत्ता कुत्तिया की चूत सूँघता है वैसे मैं भी हीना की चूत सूँघने लगा। मेरी हरकतों को देख हीना हँस पड़ी। तब मैं अपनी जीभ निकाल कर हीना की चूत को पीछे से चाटने लगा और हीना भी अपनी कमर को हिला-हिला कर और घुमा-घुमा कर अपनी चूत मुझसे चटवाती रही। थोड़ी देर तक ऐसे ही चलता रहा। फिर मैंने अपना मुँह उठा कर हीना की गाँड को चूम लिया और उसकी गाँड के छेद पर अपनी जीभ लगा दी। हीना चौंक उठी लेकिन कुछ नहीं बोली। मैंने फिर हीना की गाँड के छेद से अपनी जीभ लगा दी और फिर उसकी गाँड को चाटने लगा। हीना तब भी चुप रही।

फिर मैंने अपनी एक उँगली हीना के गाँड से लगायी तो हीना उछल पड़ी और बोली, “साले भड़वे, क्या तेरे को मेरी चूत पसंद नहीं है? तब से तु मेरी गाँड के पीछे पड़ा हुआ है। मैं पहले भी बता चुकी हूँ और फिर बोल देती हूँ कि मुझे गाँड नहीं मरवानी है। तू मेरी चूत चाहे जितनी भी चोद ले मुझे कोई एतराज़ नहीं, लेकिन गाँड में मैं लंड नहीं लूँगी। लगता है तू भी मेरे शौहर जैसा गाँड का शौकीन है।”

तब मैंने हीना की गाँड को छोड़ दिया और उसकी चूत के मुहाने से अपने लंड का सुपाड़ा लगा दिया। लंड का सुपाड़ा लगते ही हीना अपनी कमर आगे पीछे हिलाने लगी और बोली, “पेल मेरी चूत के परवाने, पेल मेरी चूत में अपना लंड पेल। ज़ोरदार धक्कों के साथ लंड पेल और मेरी चूत को रगड़ कर चोद।”

मैं भी हीना की कमर पकड़ कर उसकी चूत में दनादन अपना लंड घुसेड़ने और बाहर खींचने लगा। हीना भी अपनी कमर हिला-हिला कर मेरा लंड अपनी चूत को खिलाने लगी और बोली, “मार ले आज, मार ले मेरी चूत। इसकी धज्जियां उड़ा दे अपने लंड की चोटों से। साली को बहुत गुमाँ है कि मोटे से मोटा लंड भी इसका कुछ भी नहीं बिगाड़ सकता। चोद मेरी चूत को और और तेऽऽऽज़ चोद....... और समझा दे मेरी चूत को कि मोटे लंड से चुदवाने का मतलब क्या होता है। हाय! चूत बहुत फैल गयी है!”

मैं हीना की बात सुनता जा रहा था और उसकी कमर पकड़ कर चोदता जा रहा था। थोड़ी देर के बाद मैं हीना की पीठ पर झुक गया और उसकी चूचियों को अपने दोनों हाथों से मसलने लगा। हीना और मस्त हो गयी और अपनी कमर को जोर-जोर से हिलाने लगी। तब मैंने अपने एक उँगली पर थोड़ा थूक लगा कर हीना की गाँड के छेद से भिड़ा दिया और गोल-गोल घुमाने लगा। हीना कुछ नहीं बोली। फिर मैंने हीना की पीठ पर फैलते हुए उसकी एक चूची को जोर से पकड़ लिया और अपनी उँगली हीना की गाँड में घुसेड़ दी। हीना छटपटाई लेकिन मैंने भी जोर से पकड़ रखा था और इसलिए वो कुछ नहीं कर पायी। मैं तब अपनी उँगली को हीना की गाँड के अंदर बाहर करने लगा। थोड़ी देर के बाद हीना शाँत हो गयी और चुपचाप अपनी चूत चुदवाने लगी।

एकाएक मैंने अपना लंड हीना की चूत में से निकाल कर हीना की गाँड के छेद पर रखा और एक झटके के साथ लंड को पूरा का पूरा हीना की गाँड में पेल दिया। हीना एकाएक चौंक उठी और चिल्लाने लगी, “ओहहहह! आआहहहह! मरररर गयीईईईई। निकाल...... मेरी गाँऽऽऽआँड में से अपना लंड। मैं मरररर जाआआऊँगीईईईईईई। हाय अल्लाऽऽऽआह! मेरी गाँऽऽऽआँड फट गयीईईईईईई। ओहहहह! आआहहहह! ओहहहह ओहहहह ।”

मैं हीना की बातों पर ध्यान ना देते हुए उसकी गाँड अपने लंड से पेलता रहा। हीना चिल्ला रही थी, “हाय! माऽऽऽआर डाऽऽऽला, अरे निकाल....... अपना लौड़ाऽऽऽऽ मेरी गाऽऽऽऽआँड से.........। साले...... मादरचोद मुफ़्त का माल मिला है तभी मेरी गाऽऽऽआँड फाऽऽऽऽआड़ रहा है। अबे मदरचोद अपना लौड़ा मेरी गाँड से जल्दी निकाल।”

मैं हीना की बातों को ना सुनते हुए अपना लंड उसकी गाँड में पेले जा रहा था और थोड़ी देर के बाद पूछा, “हीना मेरी जान तेरी गाँड बहुत प्यारी है। इतनी टाईट है कि मेरा लंड फँस-फँस कर अंदर घुस रहा है।”

इतना कह कर मैंने अपने एक हाथ से हीना की चूत में अपनी एक उँगली पेल दी और धीरे-धीरे अंदर बाहर करने लगा। थोड़ी देर ऐसे ही चलता रहा और धीरे-धीरे हीना का चिल्लाना कम हो गया। अब वो मेरे हर धक्के के साथ साथ “ओहहहह! ओहहहह! आहहहह आहहहह हाय!” कर रही थी।

मैंने दो-चार और धक्के मार कर हीना से पूछा, “हीना रानी, अब कैसा लग रहा है? अब तेरी गाँड में मेरा लंड घुसा हुआ है, तेरी चूत में मेरी उँगली घुसी हुई है और तेरी एक चूची मेरे हाथों से मसली जा रही है। बोल अब कैसा लग रहा है। मज़ा आ रहा है कि नहीं?”

तब हीना अपना चेहरा मेरी तरफ़ घूमा कर बोली, “साले मादरचोद, पहले तो मेरी गाँड फाड़ दी अपना लौड़ा घुसा कर और अब पूछ रहा है कि कैसा लग रहा है? साले भोंसड़ी के, चल जल्दी-जल्दी से मेरी गाँड में अपने लंड से जोर-जोर के धक्के लगा और मेरी गाँड को भी मेरी चूत जैसे फाड़ दे। हाय अब काफी अच्छा लग रहा है। अब मार न मेरी गाँड, चोद साले, चोद मेरी गाँड।”

इतना कह कर हीना अपनी कमर चला कर मेरे लंड को अपनी गाँड के अंदर बाहर करने लगी। तब मैं बोला, “अब क्या हो रहा है हीना? अब तो तू खुद ही मेरे लंड को अपनी गाँड से खा रही है। अब सब दर्द खतम हो गया है क्या?”

हीना तब मुस्कुरा कर बोली, “पहले तो तूने मेरी गाँड में अपना मोटा गधे जैसा लंड घुसा कर मेरी गाँड फाड़ दी और अब पूछता है कि अब कैसा लग रहा रहा है? चलो अब बातें बाद में करना। अब मेरी बची खुची गाँड को और फाड़ दे। मुझे तुझसे गाँड मरवा कर बेहद अच्छा लग रहा है।”

मैं तब हीना की कमर को अपने दोनों हाथों से कस कर पकड़ के उसकी गाँड में दनादन अपना लंड पेलने लगा और कहने लगा, “हाय! हीना रानी, तेरी गाँड बहुत ही मस्त है। बहुत टाईट गाँड है और मुझे गाँड में लंड पेलने में बहुत मज़ा आ रहा है। हाय! तेरी चूत और गाँड दोनों को चोद कर आज मुझे बहुत मज़ा आया।”

हीना भी अपनी कमर मेरे साथ-साथ चलाते हुए बोली, “मार ले आज मेरी गाँड। मुफ़्त में मिली है आज तुझे मेरी गाँड। इसमे अपना लंड पेल-पेल कर तू भी मज़े ले और मुझे भी मज़े दे। हाय! बेहद अच्छा लग रहा है। हाँ ऐसे ही मारता रह, पेलता रह अपना लंड मेरी गाँड में। ओहहहह! ओहहहह! आहहहह! मेरी चूत में अपनी उँगली डाल दे। मैं अब झड़ने वाली हूँ।”

मैं भी हीना की चूत को अपने उँगली से खोदता रहा। थोड़ी देर के बाद हीना झड़ गयी और हाँफने लगी। थोड़ी देर के बाद हीना बोली, “तूने मेरी गाँड को क्यों चोदा? मैंने तुझे मना किया था ना? जा अब मैं तुझसे अपनी चूत नहीं चुदवाऊँगी।”

मैं तब हीना की चूत को सहलाते हुए बोला, “अरे मेरी जान, क्यों गुस्सा कर रही हो? तुम्हारी गाँड इतनी प्यारी है कि मैं अपने आप को रोक नहीं सका। तेरे छलकते हुए भारी-भारी चुत्तड़ और उनके बीच में तेरी गाँड का छेद, किसी को भी कत्ल कर सकते हैं। वैसे सच-सच बताना कि तुझे मज़ा आया कि नहीं? क्या शानदार गाँड है तेरी। मुझे तेरी गाँड मारने में बहुत मज़ा आया।”

तब हीना मेरे मुरझाए लंड को अपने हाथों से सहलाते हुए बोली, “हाँ मुझे भी गाँड मरवाने में बेइंतेहा मज़ा आया, लेकिन पहले लग रहा था कि मेरी गाँड फट ही जायेगी।”

मैं तब हीना से बोला, “अरे मेरी जान लंड डालने से ना तो चूत फटती है और ना ही गाँड फटती है। अब देख ना तेरी चूत और गाँड दोनो मेरा लंड पूरा का पूरा खा गयीं और कुछ नहीं हुआ। अच्छा अब चल बाथरूम में। मुझे अपना लंड धोना है और तेरी गाँड भी धोनी है।”

मेरी बातों को सुन कर हीना उठ कर खड़ी हो गयी और मेरे लंड को पकड़ कर मुझे भी उठा दिया। नशे में लड़खड़ाती हुई हीना ऊँची हील के सैंडल खटखटती मेरे साथ बाथरूम में आयी| बाथरूम में आकर पहले मैंने अपने हाथों से हीना की गाँड को साबुन लगा कर धोया और फिर हीना ने मेरे लंड को पकड़ कर मसल-मसल कर धोया। फिर मुझे हीना खींच कर बेडरूम में ले अयी।

बेडरूम में आ कर हीना मुझसे लिपट कर बोली, “अब क्या इरादा है? वैसे रात के ढाई बज रहे हैं और मुझे तो नींद आ रही है। इतनी चुदाई से मेरी चूत और गाँड भी कल्ला रही है। लगता है कि चूत और गाँड दोनों अंदर से छिल गयी हैं।”

फिर वोह अपने ग्लास में पैग बनाने लगी पर मैंने और पीने से मना कर दिया क्योंकि मैं अभी और चुदाई के मूड में था। मैं तब हीना को चूमते हुए बोला, “मेरी चुद्दकड़ रानी, क्या कोई अपनी सुहागरात को सोता है क्या? अभी तो मुझे तुझे कम से कम एक बार और चोदना है। आज रात जब तक मेरे लंड में दम है तब तक मैं तुम्हें चोदूँगा और तेरी चूत मारूँगा। और तू अपनी टाँगें फ़ैलाये मेरे लंड से अपनी चूत चुदवाती रहोगी, समझी?”

हीना तब अपने ड्रिंक की चुसकी लेते हुए मुझसे बोली, “तू बहुत बड़ा चोदू है। आज रात की चुदाई से मेरी चूत पता नहीं कितनी बार पानी छोड़ चुकी है कि मैं बता नहीं सकती।”

मैं तब हीना से बोला, “रानी आज जो भी हो जाय मुझे रात भर तुझे चोदना है। अब चाहे चूत तृप्त हो गयी हो या चूत कल्ला रही हो।”

इतना कह कर मैंने हीना के दोनों कंधे पकड़ लिये और उसको बिस्तर पे ले जाकर बिठा दिया और फिर पूछा, “अब बोलो कैसे चुदेगी? मैं तेरे ऊपर चढ़ कर चोदूँ या फिर तू मेरे ऊपर चढ़ कर मुझे चोदेगी?”

हीना मुस्कुरा कर बोली, “क्या फ़र्क पड़ता है? चाहे तू ऊपर हो या मैं ऊपर हूँ। चुदेगी मेरी चूत ही ना? अब तू जैसे चाहे चोद मुझे। आज की रात मेरी चूत को फाड़ कर उसका भोंसड़ा बना दे, मेरी गाँड में अपना लंड पेल कर उसको भी फाड़ दे। कम से कम आज मुझे पता तो चले कि असली चुदाई की मैराथन दौड़ क्या होती है।”

मैं तब खुद भी बिस्तर पर बैठ गया और उसकी चूची से खेलने लगा। हीना अपना पैग खतम करते हुए मुझसे बोली, “क्या बात है? लगता है कि तूने इतनी सी चुदाई में अपनी ताकत खो दी है। अरे और जोर-जोर से मसल मेरी चूचियों को। मसल डाल मेरी इन चूचियों को। इनको भी तो पता लगे कि हाँ कोई मर्द इनको छेड़ रहा है, इनको मसल रहा है। इसीलिए तो कह रही थी एक पैग मार ले, कुछ जोश आ जायेगा।”

मैं हीना की बातों को सुन कर बोला, “हीना रानी मैं तेरी तरह कोई बड़ा पियक्कड़ नहीं हूँ, मैं ज्यादा पी कर ठीक से चुदाई नहीं कर पाऊँगा।” और मैंने उसको अपनी गोद में लिटा लिया और दोनों हाथों से उसकी एक चूची पकड़ कर, जैसे आम निचोड़ा जाता है, चूची को दबाने लगा और दूसरी चूची को अपने मुँह में भर कर चूसने लगा।

हीना बोली, “माशाल्लाह, मज़ा आ गया। तू तो मेरी चूची ऐसे दबा रहा है जैसे कोई लंगड़ा-आम निचोड़-निचोड़ कर खा रहा हो। और जोर-जोर से चूस मेरी चूची। बेहद मज़ा आ रहा है। हाय आहहहह! ओहहहह! आहहहह!”

मैं तब हीना से बोला, “रानी तेरी चूचियाँ इतनी दबाने के बाद अब लंगड़ा-आम नहीं रहीं, अब ये तो चौसा या फ़ज़ली आम हो गयी हैं। वैसे जो भी हो इनका रस बहुत ही मीठा है। मज़ा आ गया तेरी चूचियों का रस पी कर।”

इसके बाद मैंने हीना को उठा कर अपनी गोद में बिठा लिया। हीना मेरी गोद में मेरी कमर के दोनों तरफ़ अपने पैरों को करके मेरी तरफ़ मुँह करके बैठ गयी। अब मेरा लंड ठीक हीना की चूत के सामने था। मैं हीना की चूचियों को फिर से मसलने लगा और हीना ने अपना एक हाथ बढ़ा कर मेरा लंड अपनी चूत के छेद से भीड़ा दिया और खुद ही अपनी कमर हिला कर एक झटका दिया और मेरा लंड फिर से हीना की चूत में घुस गया। मेरा लंड के हीना की चूत में घुसते ही हीना ने मेरे गले में अपनी बाहों को लपेट लिया और अपनी कमर उचका कर मुझे चोदने लगी। हीना जैसे ही अपनी कमर को उठा कर अपनी चूत से मेरा लंड बाहर करती, मैं उसकी चूची को जोर से दबा देता। हीना तब आहहहह! आहहहह! करके एक झटके के साथ मेरा लंड फिर से अपनी चूत में घुसा लेती।

हीना मुझको कुछ देर तक चोदती रही और फिर थक कर मेरा लंड अपनी चूत में घुसेड़े ही रुक गयी। मैं तब हीना से बोला, “क्यों रानी क्या चोदते-चोदते थक गयी?”

हीना मेरे होंठों पर चुम्मा देते हुए बोली, “हाँ, मुझसे अब नहीं चोदा जाता। अब तू ही मुझे लिटा कर जैसे मर्द किसी रंडी को चोदता है, वैसे ही चोद। मेरी चूत से आग निकल रही है। और जब तक इसको तेरे लंड का पानी नहीं मिलेगा ये आतिश नहीं बुझेगी।”

मैंने तब हीना की कमर पकड़ कर अपनी कमर चला कर चोदना चालू किया और उससे पूछा, “क्यों रानी क्या मेरी चुदाई में मज़ा आ रहा है?”

हीना मेरी छाती के निप्पल को अपने नाखुन से कुरेदते हुए बोली, “शुक्र है अल्लाह का… मेरे शौहर के टूर और उस टैंकर के बीच रासते में खराब होने के लिये, नहीं तो इस चुदाई का मज़ा मुझे कभी न मिलता।”

मैं तब हीना की चूत में दो-चार धक्के मार कर बोला, “रानी एक बात बताओ? लगती तो तुम बहुत सैक्सी और चुद्दकड़ हो, लेकिन तुम कहती हो कि तुम्हारा शौहर एक गाँडू इन्सान है। फिर तुम अपनी चूत कि आग कैसे बुझाती हो?”

हीना तब बोली, “हाँ मेरा शौहर एक गाँडू इन्सान है और उसे गाँड मरवाने का और मारने बहुत शौक है। मेरे शौहर को चूत से कुछ लेना देना नहीं है। वैसे उसे छोड़ मेरी ससुराल में सब बहुत ही सैक्सी और बहुत ही चोदू हैं।”

मैंने पूछा “मतलब?”

तब हीना बोली, “अरे मेरे ससुराल में मेरे ससुर तो बहुत चोदू इन्सान हैं। वो तो हफ़्ते में कम से कम तीन-चार बार मेरे ऊपर चढ़ कर मेरी चूत की अच्छी तरह से धुनाई करते हैं और अपने लंड की पिचकारी से मेरी चूत की गर्मी को ठंडा करते हैं। और तो और जब मेरे ससुर मुझे चोदते हैं तब मेरी सास मेरी बगल में बैठ कर मेरी चूचीयों को मसलती रहती हैं और ससुर को उकसा-उकसा कर मेरी चुदाई करवाती हैं।”

मैंने आश्चर्य से पूछा, “यह कैसे होता है? और कैसे शूरू हुआ?”

तब हीना मुझसे बोली, “तू मेरी चुदाई ज़ारी रख मैं बताती हूँ मेरी ससुराल की दास्तान।”

हीना तब बोली: मेरे ससुराल वाले काफी रईस हैं और रहन-सहन भी काफी मॉडर्न है। मेरी सास उम्र में पचपन की हैं लेकिन पैंतीस-चालीस से ज्यादा की नहीं लगती। वो अक्सर जींस-टॉप वगैरह भी पहनती हैं और किट्टी पार्टियों और लेडिज़-क्लबों में भी काफी एक्टिव हैं। ससुर भी काफी हैंडसम और चार्मिंग शख्सियत वाले इंसान हैं! निकाह के बाद जब घर के सारे मेहमान मेरी ससुराल से चले गये तो ससुराल में मैं, मेरे शौहर, मेरे सास ससुर और मेरी ननद ज़ोया और नन्दोई रशीद रह गये। मेरी ननद और नन्दोई उसी शहर में रहते थे इसलिए वो बाद में जाने वाले थे। मेरी ससुराल वालों को मेरे शौहर की कमियाँ मालूम थीं, लेकिन फिर भी उन्होंने मेरी शादी करवा दी थी।

एक दिन दोपहर में मैंने सास को अपने दामाद से नंगी हो कर चुदवाते देख लिया, या यह कहो कि उन्होंने अपनी चुदाई मुझे दिखला दी। हुआ ऐसे कि एक दिन दोपहर में मैं अपने कमरे में सो रही थी कि मुझे कुछ खुसुर फुसुर कि आवाज़ सुनाई दी। मैं उठ कर देखने गयी तो देखा कि मेरे नन्दोई और मेरी सास बेडरूम में नंगे लेटे हुए हैं और नन्दोई अपनी सास की चूचियों से खेल रहे हैं। तभी सास नन्दोई से कुछ बोलीं और नन्दोई ने उठ कर सास के पैरों के बीच लेट कर उनकी चूत पे अपना लंड भीड़ा दिया और फिर एक धक्के के साथ अपना लंड सास की चूत के अंदर पेल दिया। फिर सास भी नीचे से अपनी कमर उठा-उठा कर चुदवाने लगी। मैं कमरे के बाहर खड़ी-खड़ी सास और दामाद की चुदाई देख रही थी और अपनी सलवार के ऊपर से अपनी चूत को सहला रही थी।

तभी सास की नज़र मेरे ऊपर पड़ गयी और उन्होंने बिना शरम के मुझे कमरे में बुला लिया और मुझसे पूछा, “अरे हीना! कमरे के बाहर खड़ी-खड़ी क्या देख रही हो? हमारे करीब आओ और करीब बैठ कर हम लोगों की चुदाई देखो। तुम्हें शरमाने की कोई जरूरत नहीं है। यह घर का मामला है।”

मैं तब धीरे-धीरे कमरे के अंदर जा कर बिस्तर के करीब खड़ी हो गयी। मुझे देखते ही नन्दोई मुस्कुरा दिये और अपना हाथ बढ़ा कर मेरी चूची को दबाना शूरू कर दिया। तब सास मुझे कपड़े उतार कर नंगी होने के लिए बोली।

मैं भी सास और दामाद की चुदाई देख कर गरमा गयी थी और इसलिए मैं भी शरम के साथ-साथ अपने कपड़े उतार कर नंगी हो गयी। तब नन्दोई अपनी सास को चोदते हुए मेरी चूचियों को पकड़ कर मसलने लगे और सास मेरी चूत में अपनी उँगली डाल कर धीरे-धीरे अंदर बाहर करने लगी। मैं इस दोहरी मार से तड़प गयी और झुक कर सास की चूचियों को अपने मुँह में भर कर चूसने लगी। मेरे झुकते ही नन्दोई अपना हाथ मेरे चूचीयों से हटा कर मेरे चूत्तड़ों पर ले गये और मेरे नंगी चूत्तड़ और मेरी चूत को सहलाने लगे। ऐसे ही थोड़ी देर तक चलता रहा और थोड़ी देर के बाद नन्दोई सास की चूत में अपने लंड की पिचकारी छोड़ कर हाँफने लगे और सास ने भी कमर उठा कर नन्दोई का पूरा का पूरा लंड अपनी चूत में ले कर अपनी टाँगों से नन्दोई की कमर को कस कर पकड़ लिया और थोड़ी देर तक शाँत पड़ी रही। मैं समझ गयी कि इनकी चुदाई पूरी हो गयी है।

थोड़ी देर के बाद सास ने मुझे नन्दोई की गोद में धकेल दिया और खुद बैठ कर नन्दोई का लंड अपने मुँह में लेकर चूसने लगी। थोड़ी देर में नन्दोई का लंड फिर से खड़ा हो गया और वो मुझे वहीं बिस्तर पर लिटा कर मेरे ऊपर चढ़ गये और अपना मोटा लम्बा लंड मेरी चूत में पेल दिया।

शादी के पहले भी मैं अपनी चूत में कईं लंड पिलवा चुकी थी फिर भी नन्दोई का लंड कुछ ज्यादा ही लम्बा और मोटा था और इसलिए मेरी चूत तो मानो फट ही गयी और मैं जोर से “उईईईईईईईईईईई अल्लाहऽऽऽ मररर गयीईईईईईईई अपनाआआआआआ लंड निकालो मेरी चूत से…” कह कर चिल्ला उठी।

सास मेरे मुँह को चूमते हुए बोली, “हीना बेटी… बस अब और थोड़ा बर्दाश्त कर, अभी सब ठीक हो जायेगा। बस अभी और थोड़ा सा लंड बाहर है। जैसे ही पूरा का पूरा लंड अंदर घुस जायेगा तुझे बहुत मज़ा आयेगा।”

मैं जैसे तैसे नन्दोई का लंड अपनी चूत में झेलती रही। लेकिन इस दौरान नन्दोई चुप नहीं थे और धीरे-धीरे अपना लंड मेरी चूत के अंदर बाहर कर रहे थे और थोड़ी देर के बाद मुझे भी मज़ा आने लगा और मैंने भी अपनी टाँगों से नन्दोई की कमर पकड़ कर और अपनी कमर ऊपर उठा-उठा कर नन्दोई के धक्कों का जवाब देना शूरू कर दिया। अब सास ने मेरी एक चूची को अपने मुँह में लेकर चूसना शूरू कर दिया और बोली, “हीना! मुझे मालूम है कि तेरी चूत शादी के बाद अभी चुदी नहीं होगी…। अब तू आराम से रशीद से जी भर कर अपनी चूत चुदवा। कोई कुछ नहीं बोलेगा।”

तब मैं अपनी सास से बोली, “लेकिन अम्मी, घर में आपके अलावा ज़ोया दीदी और अब्बू भी तो हैं। उनको अगर यह सब मालूम हो गया तो?”

तब सास मुझसे बोली, “ओ मॉय डार्लिंग हीना, तू बिल्कुल फिक्र ना कर। तू तो बस अब आराम से मज़े ले-ले कर अपने नन्दोई का लंड अपनी चूत में पिलवाती रह। तू अब्बू और ज़ोया के बारे में सोचना और फिक्र करना छोड़ दे।”

मैं तब भी सास से बोली, “लेकिन अम्मी उन्होंने कभी मुझे और रशीद भाई को चोदते देख लिया तो क्या होगा? तब तो गज़ब हो जायेगा अम्मी।”

तब सास बोली, “अरे वो लोग क्या देखेंगे? वो भी इस समय किसी कमरे में अपनी चुदाई में लगे होंगे।”

मैं तो चौंक गयी और सास से पूछा, “क्या बोल रही हैं अम्मी?”

सास तब मुझसे बोली, “हाँ डार्लिंग, यह सच है। तेरी ननद ज़ोया अपने अब्बा का लंड अपनी चूत में शादी के पहले से ही पिलवा रही है और यह बात रशीद को शादी के पहले से ही पता थी। इसलिए ज़ोया की शादी में दहेज के अलावा यह शर्त भी थी कि शादी के बाद रशीद मुझे भी चोदेगा। और इसी वजह से मैं तब से रशीद के लंड से अपनी से अपनी चूत चुदवा हूँ और आज तूने भी चुदवा लिया।”

तब मैंने अपनी सास से पूछा, “लेकिन अम्मी ज़ोया दीदी और अब्बू ने कैसे अपनी चुदाई शूरू की?”
तब सास बोली, “मेरे शौहर शूरू से ही बहुत चोदू इन्सान हैं और जब ज़ोया बड़ी और जवान हुई तो उस पर बाप की नज़र पड़ गयी। एक दिन मैं किसी काम से बाहर गयी हुई थी और तेरे अब्बू ने मौका मिलते ही अपनी बेटी की चूत की सील अपने लंड से तोड़ दी। एक बार जब ज़ोया को चुदाई का मज़ा मिल गया तो वो भी दिल खोल कर अपने अब्बू से चुदाने लगी। कभी-कभी तो हम माँ और बेटी एक साथ एक बिस्तर पर लेटा कर तेरे अब्बू से चुदवती हैं। अच्छा अब बस बहुत बोल चुकी… अब तू अपने रशीद से अपनी चूत की गर्मी शाँत कर।”

मैं सास की बातों को सुन कर सन्न रह गयी, और जब मुड़ कर देखा तो पाया कि नन्दोई का लंड अब फिर से तन गया है। मैंने नन्दोई का लंड अपने मुँह में भर लिया और अपने हाथों से सास की चूत को सहलाने लगी।

थोड़ी देर के बाद नन्दोई मेरे ऊपर चढ़ गया और मुझे चोदने लगा और मैं चुपचाप अपनी कमर उठा-उठा कर नन्दोई से चुदवाती रही। नन्दोई मेरी दोनों चूचियों को मसल-मसल कर मुझे जोरदार झटकों के साथ चोदता रहा। थोड़ी देर के बाद नन्दोई ने अपने धक्कों की रफ़तार तेज कर दी और थोड़ी देर के बाद उसने मेरी चूत में अपने लौड़े की पिचकारी छोड़ दी। नन्दोई झड़ने के बाद मेरे ऊपर लेट कर हाँफता रहा और पाँच मिनट के बाद अपना लंड मेरी चूत से निकाल लिया। जैसे ही मेरी चूत से उसका लंड निकला तो उसमे से उसका ढेर सारा सफ़ेद और गाड़ा गाड़ा रस निकलने लगा। तब मेरी सास झट से मेरी चूत में अपना मुँह लगा कर मेरी चूत को चूसने लगी और चूत को चाट-चाट कर बिल्कुल साफ़ कर दिया।

चूत साफ़ करने के बाद सास मुझसे बोली, “हीना डार्लिंग! यह तो टॉनिक है। इसे पीने से औरतों की सेहत दुरुस्त रहती है और चेहरे पर चमक बनी रहती है। तुझे भी जब भी मौका मिले इस टॉनिक को छोड़ना नहीं पी जाना।”

तब से मेरी चूत की चुदाई नन्दोई से होने लगी, क्योंकि वो लोग अक्सर हमारे घर पर आ जाते और रात भर रुक कर सुबह चले जाते थे। एक दिन ससुरजी ने मेरी चुदाई नन्दोई के साथ देख लिया और तब वो भी मुझे चोदने लगे। अब घर का माहौल कुछ ऐसा है कि जब मौका लगता है कोई ना कोई किसी ना किसी को पकड़ कर चाहे जहाँ हो, बेडरूम में, किचन में, ड्राईंगरूम में, बाथरूम में या छत पे, पकड़ कर चोदता रहता है। कभी-कभी तो एक ही बेड पे मुझे और ननद को लिटा कर अब्बू हम लोगों को चोदते हैं या फिर मुझे और सास को लिटा कर नन्दोई हमें चोदते हैं। अब घर पर सास ने एक हट्टा कट्टा जवान नौकर भी रख लिया है और वो भी मुझे, ननद जी को और सास को रोज़ चोदता है।

मैंने पूछा, “अच्छा? नौकर भी तुम्हारी ससुराल की औरतों को चोदता है?”

तब हीना बोली, “शूरू में तो वो बहुत शरीफ दिखता था। लेकिन जब उसे घर में हो रही फ़्री की चुदाई का किस्सा मालूम चला तो वो भी रंग में रंग गया और पहले ननद को, फिर सास को और सबसे बाद में मुझे चोदने लगा।”

मैंने तब हीना से पूछा, “कैसा है तुम्हारे नौकर का लंड? उससे चुदवाकर क्या तुम लोगों को मज़ा आता है?”