मजबूर (एक औरत की दास्तान)

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सुनील आँखें बंद किये हुए जन्नत सा मज़ा ले रहा था। नफ़ीसा और रशीदा जिस जोशीले अंदाज़ में सुनील के लंड को चूस और चाट रही थीं... देखने से लग रहा था कि जैसे सामने किसी पोर्न मूवी का मंज़र चल रहा हो। थोड़ी ही देर में सुनील के लंड से क्रीम बिल्कुल सफ़ाचट हो चुकी थी और लंड उन दोनों के थूक से पुरी तरह सन गया। जैसे ही रशीदा ने सुनील के लंड को अपने मुँह से बाहर निकला तो नफ़ीसा ने लपक कर उसे अपने मुँह में भर लिया। 'पक-पक' 'गलप --गलप' जैसी आवाज़ें पूरे कमरे में गूँजने लगीं। "नफ़ीसा यार बे-इंतेहा मज़ा आ रहा है... एक मुद्दत से ऐसे जवान लंड का ज़ायका नहीं चखा था..." रशीदा बोली। नफ़ीसा ने सुनील के लंड को मुँह से बाहर निकाल कर अपने हाथ से हिलते हुए कहा, "हाँ सच रशिदा... मैंने कईं जवान लौड़े चूसे हैं लेकिन ऐसा कमाल का लंड कभी नहीं चूसा... अलाह कसम मज़ा आ गया यार.. दिल करता है रोज़ इस लंड के चुप्पे लगाऊँ!" ये कहते हुए उसने फिर से सुनील के लंड को मुँह में भर कर चूसना शुरू कर दिया।

नफ़ीसा का बेडरूम चुसाई की आवाज़ों से भर गया था। रशीदा बोल "यार... पहले तू इस लौड़े की सवारी करेगी क्या?" नफ़ीसा ने सुनील का लंड मुँह से बाहर निकाल कर अपने हाथ से मुठियाते हुए पूछा तो रशीदा बिना कुछ बोले उठ कर बैठ गयी उसने अपना बाथरोब निकाल कर फेंक दिया। दूसरी तरफ़ नफ़ीसा ने भी अपना बाथरोब उतार कर फेंक दिया और अब दोनों ऊँची हील के सैंडलों के अलावा सुनील की तरह मादरजात नंगी हो गयीं। दोनों सुनील के अगल-बगल में लेट कर उसके ऊपर झुक गयीं। दोनों की बड़ी-बड़ी गुदाज़ चूचियाँ सुनील के चेहरे के ऊपर झूलने लगीं जिसे देख सुनील की आँखों में चमक आ गयी। नफ़ीसा के निप्पल कुछ ज्यादा ही लंबे और मोटे थे जिन्हें देख कर ऐसा लग रहा था जैसे चींख-चींख कर कह रहे हों कि आओ हमें मुँह में भर कर निचोड़ लो! सुनील ने भी एक पल की देर नहीं की और अपने सिर को थोड़ा सा ऊपर उठा कर नफ़ीसा की चूंची के निप्पल को मुँह में भर लिया। नफ़ीसा सुनील के ऊपर झुक गयी और अपनी चूंची को सुनील के मुँह में और ज्यादा ठेल दिया। सुनील ने भी उसकी चूंची और निप्पल को अपने होंठों में दबा-दबा कर चूसना शुरू कर दिया। "आहहहह हाँआँऽऽ चूस सुनील.... आहहहह बहोत अच्छा लग रहा है..!" और उसने अपना एक हाथ नीचे ले जाकर सुनील के लंड को पकड़ कर मुठियाना शुरू कर दिया। दूसरी तरफ़ लेटी रशीदा सुनील के टट्टों के साथ खेलने लगी। सुनील ने कभी सोचा नहीं था कि ये दोनों औरतें उसे इतना मज़ा देंगी। नफ़ीसा की चूंची को थोड़ी देर चूसने के बाद उसने चूंची को मुँह से बाहर निकला और रशीदा के तरफ़ देखा।

रशीदा ने अपनी एक चूंची को हाथ में पकड़ कर अपने निप्पल की ओर नोकदार बनते हुए उसे सुनील के मुँह से सटा दिया। सुनील ने भी फौरन मुँह खोल कर रशीदा की चूंची को मुँह में भर लिया और चूसना शुरू कर दिया। रशीदा की मस्ती में आँखें बंद होने लगी। उसका हाथ सुनील के चौड़े सीने पर तेजी से घूमने लगा। दूसरी तरफ़ लेटी नफ़ीसा उठ कर सुनील के ऊपर आ गयी और अपने घुटनों को सुनील की कमर के दोनों तरफ़ रख कर बैठते हुए सुनील के लंड को हाथ से पकड़ लिया। अपनी चूत की फ़ाँकों पर जैसे ही उसने सुनील के लंड का सुपाड़ा रगड़ा तो वो एक दम से सिसक उठी, "आहहहह सुनील... तेरा लंड तो बेहद गरम है साले..!" नफ़ीसा की आवाज़ सुन कर रशीदा ने भी अपने मम्मे को सुनील के मुँह से बाहर निकला और नसीफ़ा को फटकारते हुए बोली, "साली नसीफ़ा चूतमरानी... तूने ही तो मुझे पहले सवारी करने को कहा था और अब खुद मौका मिलते ही इसके लंड पे सवार हो गयी तू!"

"अरे यार नाराज़ क्यों होती है गुदमरानी... तू भी सवार हो जा... हम दोनों एक साथ बारी-बारी से जगह बदल- बदल कर पूरी रात सवारी करेंगी इस घोड़े की!" नफ़ीसा बोली तो रशीदा ने सुनील के सिर के दोनों तरफ़ अपने घुटनों को बेड पर रखा जिससे रशीदा की गंजी चिकनी चूत ठीक सुनील के चेहरे के ऊपर आ गयी। रशीदा और नफ़ीसा दोनों एक दूसरे के तरफ़ मुँह करके सुनील के ऊपर बैठी हुई थीं और उनके घूटने एक दूसरे के घुटनों से सटे हुए थे। रशीदा ने अपनी चूत के होंठों को फैलाते हुए अपनी चूत के दाने (क्लिट) को दिखाते हुए कहा, "देख सुनील ये है औरतों का ट्रिगर... मालूम है ये औरतों का सबसे सेन्सिटिव हिस्सा होता है!" सुनील आँखें फ़ाड़े रशीदा की गुलाबी चूत के छेद और दाने को अपने आँखों के तीन-चार इंच के फ़ासले पर देख रहा था। "चल अब तेरी बारी है हमें मज़ा देने की... इसे चूस..!" नफ़ीसा भी मस्ती में बोली, "हाँ सुनील चाट ले... इस रस का ज़ायका हासिल करने के लिये तो मर्द तरसते रह जाते है..!"

रशीदा ने अपने चूतड़ हिलाते हुए अपनी चूत के दाने को दो उंगलियों के दर्मियान दबाते हुए रगड़ा तो वो छोटे से बच्चे के लंड की तरह फूल गया। रशीदा सिसकते हुए बोली, "ये वो चीज़ है सुनील जिससे हर लड़की और औरत पिघल जाती है... एक बार अगर तूने किसी की चूत या दाने को चूस लिया... तो वो खुद ब-खुद तेरे लंड के नीचे आ जायेगी... मेरी बात याद रखना!" और ये कहते हुए रशीदा ने अपनी चूत सुनील के होंठों के और करीब कर दी। सुनील ने फ़ौरन रशीदा की चूत के छेद पर अपने होंठों को लगा दिया कुछ पलों के लिये सुनील की नाक और साँसों में चूत की तेज़ महक समा गयी। जैसे ही उसने रशीदा के चूत के छेद पर अपने होंठों लगाया तो रशीदा का पूरा जिस्म काँप उठा... उसकी कमर झटके खाने लगी। "आआहहह सुनील ओहहहह आँहहहह सीईईऽऽऽ आँहहह ऊऊईईईईं आआहहहल्लाआआह सुनीईईल येस्सऽऽऽ सक मीईईई... आआहहह!" सुनील को समझते देर नहीं लगी कि रशीदा जो कह रही है... वो एक दम सच है अपने ऊपर रशीदा को यूँ तड़पते देख कर उसने रशीदा की चूत के दाने को अपने होंठों में भर कर और जोर-जोर से चूसना शुरू कर दिया। रशीदा एक दम से मचल उठी, "ओहहहह सुनीईईल आहहहह आँहहह रियली में बेहद अच्छा आआआह लग रहा है..हाय अल्लाआआहाआआ मेरी फुद्दी आहहह ओहहहह सीईईईई!"

दूसरी तरफ़ सुनील को अपना लंड किसी गीली और गरम चीज़ में घुसता हुआ महसूस हुआ। "आहहह सुनील... तेरा लंड तो सच में बहोत मोटाआआ है... आहहहह मेरी फुद्दी ओहहहह आहहहहह..!" नफ़ीसा धीरे-धीरे सुनील के लंड पर अपनी चूत को दबाती जा रही थी और सुनील के लंड का मोटा सुपाड़ा नफ़ीसा की चूत के अंदर उसकी दीवारों से रगड़ खाता हुआ अंदर जाने लगा। नफ़ीसा के जिस्म अपनी चूत की दीवारों पर सुनील के लंड के रगड़ को महसूस करके थरथराने लगा। उसने अपने आप को किसी तरह से संभालते हुए अपने सामने रशीदा के कंधों पर हाथ रख दिये जो उस वक़्त सुनील के मुँह के ऊपर बैठी उससे अपनी चूत चुसवाते हुई बेहद मस्त हो चुकी थी। "हाय रशीदा ये लौड़ा तो नाफ़ तक अंदर जा रहा है!"

रशीदा भी मस्ती में सिसकते हुए बोली, "आहहहह तो साली ले ले ना पूरा का पूरा अंदर... मज़ा आ जायेगा... आहहह मेरी चूत तो बुरी तरह से फ़ुदक रही है... आहहहह सुनील चूस्स्स्स नाआआ ज़ोर-ज़ोर से!" नफ़ीसा ने अब धीरे-धीरे अपनी गाँड को ऊपर-नीचे करते हुए सुनील के लंड पर अपनी चूत को चोदना शुरू कर दिया था। सुनील का लंड कुछ ही पलों में नफ़ीसा की चूत के चिकने पानी से भीग कर चिकना हो गया और तेजी से अंदर-बाहर होने लगा। "आहहह साले ऐसा लौड़ा रोज़-रोज़ नहीं मिलता चुदवाने के लिये... आआआहहहहह ओहहह ऊहहहह रशीदा मेरी चूत... आहहह कब से घोड़ों और गधों के लौड़ों से चुदने के ख्वाब देखती थी.... आहहह आआआज आआआल्लाआआहह ने मेरी दुआआआ कुबूल कर ली..!" सुनील भी अब तेजी से अपने लंड को ऊपर के तरफ़ उछालने लगा। नफ़ीसा की चूत में सुनील का लंड 'फच्च-फच्च' की आवाज़ करते हुए अंदर-बाहर होने लगा।

नफ़ीसा ने अपने सामने सुनील के चेहरे के ऊपर बैठी रशीदा को अपनी बांहों में जकड़ लिया और रशीदा के होंठों को अपने होंठों में लेकर चूसना शुरू कर दिया। रशीदा भी पूरी तरह गर्म हो चुकी थी। दोनों पागलों की तरह एक दूसरे के होंठों को चूसते हुए एक दूसरे के मुँह में अपनी ज़ुबाने घुसेड़ने लगीं। सुनील ये देख तो नहीं सकता था क्योंकि उसकी आँखें रशीदा के चूतड़ों के पीछे थी लेकिन उसे समझ आ गया था कि दोनों औरतें एक दूसरे से चिपकी हुई चूमा-चाटी में शरीक हैं। सुनील ने रशीदा की चूत के दाने को अपने होंठों में और जोर-जोर से दबा कर चूसना शुरू कर दिया और रशीदा एक दम से मचल उठी। उसका जिस्म अचानक अकड़ कर जोर-जोर से झटके खने लगा। उसने नफ़ीसा को कस के जकड़ किया और अपने होंठों को उसके होंठों से अलग करके जोर-जोर से सिसकते हुए चींखने लगी, "ओहहहह सुनीईईईल आहहहह सुनील मेरी फुद्दी आहहहह हायऽऽऽऽ ओहहहह सीईईईईईई ऊँहहहह सुनीईईईल लेऽऽऽऽ मेरीईईईई फुद्दी के पानी का ज़ायक़ा चख आहहहह ओहहहह!"

रशीदा की चूत से पानी बह निकला और वो काँपते हुए झड़ने लगी और थोड़ी देर बाद निढाल होकर सुनील के बगल में लुढ़क गयी। सुनील का पूरा चेहरा रशीदा की चूत के पानी से भीग गया था। नफ़ीसा ने भी अपनी गाँड को सुनील के लंड पर तेजी से ऊपर-नीचे उछालना शुरू कर दिया और सुनील भी पूरे जोश में अपने चूतड़ उठा-उठा कर नीचे से नफ़ीसा की चूत में अपना लौड़ा ठोकने लगा। थोड़ी देर बाद ही नफ़ीसा की चूत ने भी सुनील के लंड पर पानी छोड़ना शुरू कर दिया और नफ़ीसा भी सुनील के ऊपर लुढ़क गयी। तीनों आपस में लिपटे हुए थोड़ी देर तक अपनी साँसें दुरस्त करते रहे। इस दौरान दोनों औरतों ने सुनील के चेहरे को चाट-चाट कर साफ़ कर दिया जो कि रसीदा की चूत के पानी से सना हुआ था। "ओहहह सुनील तूने तो कमल ही कर दिया..!" रशीदा उसके लंड को हवस ज़दा नज़रों से घूरते हुए बोली। रशीदा को नसीफ़ा आँखों से कुछ इशारा करते हुए बोली, "अरे यार सुनील के लौड़े की सवारी करने से पहले अपनी स्पेशल शेंपेन तो पिला दे!" ये सुनकर रशीदा के होंठों पे कुटिल मुस्कान फैल गयी। सुनील फिर चकरा गया कि अब ये कौनसा नया ट्विस्ट है। "जरूर मेरी जान मुझे वैसे भी लगी हुई थी... बाथरूम में चलेगी मेरे साथ या यहीं ले आऊँ... सुनील भी लेगा क्या?" रशीदा बेड से उठते हुए बोली। "तू यहीं ले आ यार... क्यों सुनील तू भी लेगा ना रशीदा की बनायी हुई स्पेशल शेम्पेन!" सुनील ने पहले कभी शेम्पेन नहीं पी थी और इन दोनों चुदैल औरतों की बातों से उसे शक सा हो रहा था कि कुछ तो गड़बड़ है। इसलिये जब उसने पूछा कि वो दोनों कैसी शेम्पेन की बात कर रही हैं तो दोनों जोर-जोर से हंसने लगी। फिर नफ़ीसा ने हंसी रोकते हुए बताया कि वो दर असल रशीदा के पेशाब की बात कर रही हैं तो ना चाहते हुए भी सुनील को बेहद अजीब लगा और वो फ़ौरन अजीब सा मुँह बनाते हुए बोला, "नहीं नहीं... मुझे नहीं चाहिये!" रशिदा हंसते हुए बोली, "कोई बात नहीं यार... कोई जबर्दस्ती नहीं है!" ये कह कर रशीदा ने मेज पर से दो बड़े-बड़े गिलास उठाये और नशे में झूमती हुई बाथरूम में चली गयी।

रशीदा बाथरूम में कमोड पर बैठ कर गिलासों में मूतने लगी। उसने अभी एक गिलास अपने मूत से भर कर नीचे रखने के बाद दूसरे गिलास में मूतना शुरू ही किया था कि उसे बाहर से नफ़ीसा के तेज सिसकने और कराहने की आवाज़ आयी। "साली राँड चूतमरनी कहीं की... लगता है फिर से उसका लंड चूत में ले कर चुदवाना शुरू कर दिया.... भोंसड़ी की... मुझे भी चुदवाने देगी कि नहीं!" रशीदा बड़बड़ायी। दोनों गिलास अपने मूत से भरने के बाद बाकी उसने कमोड में मूत दिया। जब वो मूत से भरे गिलास लेकर बाहर आयी तो उसने देखा कि नफ़ीसा बेड पर कुत्तिया की तरह अपनी गाँड पीछे की और निकाल कर अपनी कोहनियाँ बिस्तर पर टिकाये हुए झुकी हुई थी। सुनील बिस्तर पर अपने घुटनों को मोड़ कर कुत्तिया बनी नफ़ीसा के ऊपर चढ़ा हुआ था और सुनील का लंड नफ़ीसा की गाँड के छेद में बुरी तरह फंसा हुआ था। "आहहह सुनील आराम सेऽऽऽ ओहहहह तेरा लौड़ा तो मेरी गाँड ही फाड़ देगा.. हाय अल्लाहऽऽ.. मर गयी मैं...!" पीछे खड़ी रशीदा ने एक गिलास बेड की साइड टेबल पे रखा और अपनी सहेली को इस तरह चींखते देख कर मुस्कुरायी और एक गिलास अपने हाथ में पकड़े हुए बेड पर चढ़ गयी। फिर गिलास में से अपने ही मूत के दो तीन घूँट पी कर सुनील के पीठ को सहलाते हुए बोली, "बहोत खूब सुनील... सुभानल्लाह... बजा दे इस गाँडमरी की गाँड का ढोल... पूरे घर में इसकी गाँड का ढोल बजता हुआ सुनायी देना चाहिये..!"

नफ़ीसा सिसकते हुए बोली, "आअहहह चुप कर साली ओहहह हाय अल्लाह आँहहह गाँड मरवाने का असली मज़ा तो ऐसे मूसल जैसे लंड से ही आता है... इस दर्द में भी लज़्ज़त है मेरी जान... अभी थोड़ी देर में मेरी गाँड का ढोल नहीं... पियानो बजता सुनायी देगा तुझे कुत्तिया!" सुनील का अभी आधा लंड ही नफ़ीसा की गाँड में उतरा था और नफ़ीसा को मस्ती और दर्द की तेज लहर अपनी गाँड में महसूस होने लगी थी। सुनील धीरे-धीरे अपना आधा लंड ही नफ़ीसा की गाँड के अंदर बाहर करने लगा। "सुनील यार... ऐसे मज़ा नहीं आयेगा हमारी नफ़ीसा को.. एक नंबर की गाँडमरी है ये... जोर से चाँप साली की गाँड को... फिर देख कैसे इसकी गाँड से पादने की आवाज़ें आती हैं!" रशिदा गिलास में से अपना मूत सिप करते हुए बोली। नफ़ीसा रशीदा की तरफ़ देखते हुए थोड़ा चिढ़ कर बोली, "तू क्यों फ़िक्र कर रही है कुत्तिया... तेरी गाँड का ढोल भी आज फटेगा सुनील के लंड से..!"

"ओहहह भोंसड़ी की... तू इसका लौड़ा छोड़े तब ना... तू ही मरवा ले पहले अपनी गाँड!" रशीदा बोली और गिलास में बचा अपना मूत गतक-गटक पी कर खाली गिलास साइड में रख दिया। सुनील अब नॉर्मल स्पीड से नफ़ीसा की गाँड के छेद में अपना लंड अंदर-बाहर कर रहा था। नफ़ीसा की गाँड अब सुनील के मोटे लंड के मुताबिक एडजस्ट हो गयी थी और उसका दर्द का एहसास बिल्कुल खतम हो चुका था। नफ़ीसा ने भी अपनी गाँड को पीछे की तरफ़ ढकेलना शुरू कर दिया। "आहहहहह ओहहहह येस्स्सऽऽऽ सुनील... और तेज़ मार मेरी गाँड... पूरा का पूरा घुसा दे अपना लौड़ा.... ओहहहह... मैं भी देखूँ कि कितनी अकड़ है तेरे लौड़े में... आहहह आँआहहहहहह...!" सुनील अब पूरी ताकत के साथ अपना मोटा मूसल जैसा लंड नफ़ीसा की गाँड के छेद में अंदर तक पेलने लगा और नफ़ीसा भी किसी मंझी हुई रंडी की तरह अपनी गाँड को पीछे की तरफ़ सुनील के लंड पर ढकेलने लगी।

सुनील ने नफ़ीसा की गाँड को चोदते हुए एक दम से अपने लंड को पूरा बाहर निकला तो उसने देखा कि नफ़ीसा की गाँड का छेद और आसपास का हिस्सा एक दम सुर्ख हो चुका था और अगले ही पल उसने फिर से अपने लंड को एक ही बार में नफ़ीसा की गाँड के छेद में पेल दिया। जैसे ही सुनील के लंड का मोटा सुपाड़ा नफ़ीसा की गाँड के छेद के अंदर की तरफ़ हवा को दबाते हुए बढ़ा और जड़ तक अंदर घुसा तो हवा गाँड के छेद से पुर्रर्र की आवाज़ करते हुए बाहर निकली जिसे सुनते ही नफ़ीसा की गाँड और फुद्दी में सरसराहट दौड़ गयी। "ऊऊऊहहह आआओहहह सुनीईईल तूने तो कमाल ही कर दिया... आहहह मार मेरी गाँड और जोर-जोर से... आँआँहहह ओंओंओंहहहह हाँआआआ ऐसे ही... शाबाश मेरे शेर ओअहहह और तेज... पाद निकाल दे... सुनील... फक मॉय ऐस ओहहहह ओंओंहहह!"

सुनील अब बिना किसी परवाह के नफ़ीसा की गाँड में अपना लंड तेजी से अंदर-बाहर कर रहा था और बीच-बीच में नफ़ीसा की गाँड में से हवा बाहर निकल कर पुर्रर्र-पुर्रर्र की आवाज़ करती और सुनील की जाँघें नफ़ीसा के मोटे चूतड़ों के साथ टकराते हुए ठप-ठप की आवाज़ करती जो कमरे के अंदर नफ़ीसा की मस्ती भरी सिसकियों के साथ गूँजने लगी। थोड़ी ही देर में नफ़ीसा को अपनी गाँड और चूत के छेद में सरसराहट बढ़ती हुई महसूस हुई और फिर नफ़ीसा की चूत ने अपना लावा उगलना शुरू कर दिया। नफ़ीसा आगे की तरफ़ लुढ़क गयी और सुनील का गंदा सना हुआ लंड नफ़ीसा की गाँड से बाहर आकर हवा में झटके खाने लगा।

इस दौरान रशीदा ये सब देखते हुए अपनी चूत को रगड़ रही थी और जैसे ही उसने नफ़ीसा का काम होते देखा तो उसने नफ़ीसा की गाँड में से निकला और गंदगी से सना हुआ लंड लपक कर अपने मुँह में भर लिया और बड़े मज़े से उसे चूस कर साफ़ करने लगी। रशीदा की ये हरकत देखकर सुनील भौंचक्का रह गया लेकिन सुनील ने सोचा कि ये चुदैल औरतें जब पेशाब पी सकती हैं तो फिर ये हर्कत भी उनसे अप्रत्याशित तो नहीं है। चार-पाँच मिनट में ही रशीदा ने उसका लंड चूस-चूस कर और चाटते हुए बिल्कुल साफ़ कर दिया। जितने मज़े और बेसाख्तगी से रशिदा ने नफ़ीसा की गाँड में से निकला गंदा लंड चूस कर साफ़ किया था उससे साफ़ ज़हिर था कि ये उसके लिये कोई नयी बात नहीं थी। सुनील का लंड वायग्रा के असर के कारण अभी भी अकड़ा हुआ था। सुनील पीठ के बल लेटा हुआ था और रशीदा भूखी कुत्तिया की तरह सुनील के ऊपर चढ़ गयी और जोशीले अंदाज़ में सुनील के लंड को पकड़ कर अपनी चूत के छेद पर टिका दिया और गप्प से सुनील के लंड पर अपनी चूत को दबाते हुए बैठ गयी। एक ही पल में सुनील का लंड नफ़ीसा के चूत की गहराइयों में समा चुका था।

"ओहहहह हाऽऽय अलाहऽऽ तेरा लौड़ा तो सच में बहोत बड़ा है सुनील... कमीना नाफ़ तक पहुँच गया महसूस हो रहा है!" रशीदा जोर से सिसकते हुए बोली। "क्यों आपको अच्छा नहीं लगा..." सुनील ने पूछा तो रशीदा उसकी आँखों में झाँकती हुई बोली, "ओहहहह सुनील... ऐसा लौड़ा हासिल करने के लिये ना जाने कितनी मुद्दत से तरस रही थी... काश कि तू दस साल पहले ही मेरी जवानी में मिला होता... ओहहह सुनील... तेरे जैसे लंड वाले लड़के से चुदने का मज़ा ही कुछ और है...!"

"तो अब आप कौन सा बुड्ढी हो गयी हो... एक दम सैक्सी और हॉट हो आप!" सुनील बोला तो रशीदा ने कहा, "अरे मेरी जान... तेरी उम्र का मेरा बेटा है...!" रशीदा ने अपने हाथों को सुनील की चौड़ी छाती पर रखा और अपनी गाँड को ऊपर नीचे करना शुरू कर दिया। सुनील का लंड रशीदा की पनियाई हुई चूत में रगड़ खाता हुआ अंदर-बाहर होने लगा। अपनी चूत और गाँड दोनों चुदवा चुकी नफ़ीसा अपनी सहेली रशीदा के पेशाब से भरा गिलास होंठों से लगा कर सिप करती हुई अपनी नशीली आँखों से उन दोनों को देख कर फिर से सुरूर और मस्ती में आने लगी थी। सुनील रशीदा की चूत में अपना लंड पेलते हुए उसकी गाँड को अपने हाथों से दबा-दबा कर मसलने लगा। नफ़ीसा ने गिलास में भरा रशीदा का सारा मूत पीने के बाद खाली गिलास साइड-टेबल पे रखा और अपने होंठों पे ज़ुबान फिराती हुई वो रशीदा के पीछे आ गयी और बोली, "सुनील चल इस साली राँड की गाँड को खोल दे तो मैं इसकी गाँड को नरम कर दूँ... फिर इसकी गाँड का ढोल भी तो बजाना है..!"

सुनील ने रशीदा की गाँड को दोनों तरफ़ से पकड़ कर फैला दिया। जैसे ही रशीदा की गाँड का छेद नफ़ीसा की हवस ज़दा आँखों के सामने आया तो नफ़ीसा ने झुक कर अपनी ज़ुबान रशीदा की गाँड के छेद पर लगा दी। "ऊँऊँहहहह याल्लाहऽऽऽ... आहहहह ओहहह नफ़ीसाऽऽऽ मेरीईईई जान क्या कर रही है.... ओहहहह सक मीईईई ओहहह येस्स्स्स.!" सुनील के लौड़े पर ऊपर-नीचे कूदती हुई रशीदा अपनी गाँड के छेद पर नफ़ीसा की ज़ुबान महसूस करती हुई मचल कर जोर से सिसक उठी। नीचे लेटा सुनील रशीदा की मस्ती भरी सिसकारियाँ सुन कर और ज्यादा जोश में आ गया और अपनी कमर को तेजी से ऊपर की ओर उछालने लगा। सुनील का लंड रेल-इंजन के पिस्टन की तरह रशीदा की चूत के अंदर बाहर होने लगा। "ओहहहह सुनील आहहहह ऐसे ही... और तेज़ तेज़ ऊऊऊँऊँहहह ऊऊऊहहहह ओहहहह सुनील मेरी जान...!" रशीदा अब एक दम मस्त हो चुकी थी। उसने झुक कर सुनील के होंठों को अपने होंठों में भर कर चूसना शुरू कर दिया। उधर नफ़ीसा पीछे से रशीदा की गाँड में अपनी ज़ुबान घुसेड़-घुसेड़ कर चूसती हुई रशीदा की मस्ती में इज़ाफ़ा कर रही थी। लेस्बियन चुदाई के वक़्त दोनों औरतें अक्सर एक दूसरी की गाँड ज़ुबान से चाटने के साथ-साथ गाँड में अंदर तक उंगलियाँ घुसेड़-घुसेड़ कर गंदगी से सनी हुई उंगलियाँ खूब मज़े से चाट जाती थीं और एक-दूसरे के पाद सूँघने में भी उन्हें बेहद मज़ा आता था।

रशीदा के मुँह से "ऊँहहह ऊँहहह" जैसी सिसकारियों के आवाज़ें आने लगी और फिर उसका जिस्म एक दम ऐंठने लगा। जिस्म का सारा लहू उसे अपनी चूत की तरफ़ दौड़ता हुआ महसूस हुआ और अगले ही पल रशीदा की चूत से गाढ़े लेसदार पानी की धार बह निकाली। रशीदा बुरी तरह काँपते हुए झड़ने लगी और फिर सुनील के ऊपर निढाल होकर गिर पढ़ी। रूम में एक दम से सन्नाटा सा छा गया। थोड़ी देर बाद साँसें बहाल होने पर रशीदा सुनील के ऊपर से उतर कर बेड पे लेट गयी सुनील ने नफ़ीसा के कहने पर रशीदा की गाँड के नीचे एक तकिया लगा कर उसकी गाँड ऊपर उठा दी। नफ़ीसा ने पहले ही उसकी गाँड के छेद को अपनी जीभ और उंगलियों से चोद कर नरम कर दिया था। सुनील ने जैसे ही अपने लंड का सुपाड़ा रशीदा की गाँड के छेद पर रख कर दबाया तो सुनील के लंड का सुपाड़ा रशीदा की गाँड के छेद को फैलाता हुआ अंदर की ओर फिसल गया। सुनील के लंड का सुपाड़ा जैसे ही रशीदा की गाँड के छेद में घुसा तो रशीदा की आँखें फैल गयी और साँसें जैसे अटक गयी हों। "सुनील... फ़िक्र करने के जरूरत नहीं है... शाबाश मेरे शेर... फाड़ दे इस राँड की गाँड भी...!" नफ़ीसा ने नीचे झुक कर सुनील के टट्टों को सहलाते हुए कहा। रशीदा पत्थरायी हुई आँखों से सुनील को देख रही थी और अगले ही पल सुनील ने एक ज़ोरदार झटका मारा। "हाआआआयल्लाआआआआह.. फाआआड़ दी ना मेरी गाँड ओहहहहह.. ऊँऊँहहह.!"

"अभी तो शुरुआत है मेरी जान... आगे-आगे देख कितना मज़ा आता है... देख तेरी गाँड के आज कैसे चिथड़े उड़ते हैं..!" नफ़ीसा ने कहा और फिर सुनील से बोली, "सुनील कोई रहम मत करना इस राँड पे... खूब गाँड मरवायी हुई है इसने... कुछ नहीं होगा इसे!" ये सुनते ही सुनील ने एक बार और करारा झटका मार कर अपना पूरा का पूरा लंड रशीदा की गाँड के छेद में चाँप दिया। रशीदा के चेहरे पर दर्द के आसार देख कर नफ़ीसा का दिल उसके लिये पिघल गया। उसने झुक कर पहले रशीदा की चूत की फ़ाँकों को फैलाया और उसकी चूत के मोटे अंगूर जैसे दाने को बाहर निकला कर अपने मुँह में भर लिया। जैसे ही रशीदा के चूत का दाना नफ़ीसा के मुँह में गया तो रशीदा एक बार फिर से सिसक उठी, "आआहहहह चूस साआलीईईई... मेरीईईई चूत ओहहह नफ़ीसाआआआ... चाट ले मेरे चूत ओहहहह देख तेरे सहेली की चूत ने आज कितना रस बहाया है..!"

नफ़ीसा ने भी रशीदा की बात सुनते हुए उसकी चूत के छेद पर अपना मुँह लगा दिया और उसकी चूत की फ़ाँकों और छेद को चाटते हुए उसकी चूत से निकल रहे गाढ़े लेसदार पानी को चाटने लगी। उसने रशीदा की चूत चाटते हुए सुनील की जाँघ पे चपत लगा कर धक्के लगाने का इशारा किया और सुनील ने धीरे-धीरे अपना लंड बाहर निकाल कर अंदर पेलना शुरू कर दिया। सुनील का लंड पुरी तरह फंसता हुआ रशीदा की गाँड के छेद के अंदर-बाहर हो रहा था। रशीदा की चूत चाटते हुए नफ़ीसा की नाक सुनील के लंड की जड़ में टकरा रही थी। कुछ ही पलों में रशीदा भी अपने रंग में आ गयी। सुनील का लंड जब उसकी गाँड के छेद में अंदर-बाहर होता तो उसके जिस्म में मस्ती की लहरें दौड़ जातीं। "ओहहहह सुनील येस्स्स फक मॉय ऐस ओहहहहहह फाड़ दे मेरी गाँड... ओहह आहहहह ऊँहहहह आहहहहह.!"

सुनील ने भी ऐसे कस-कस के शॉट्स लगाये कि रशीदा की गाँड में सुरसुरी दौड़ने लगी। अब सुनील अपना पूरा लंड बाहर निकाल-निकाल कर रशीदा की गाँड में पेल रहा था और रशीदा की चूत का पानी और नफ़ीसा का थूक बह कर सुनील के लंड गीला कर रहा था। एक बार फिर से वही पुर्रर्र-पुर्रर्र की आवाज़ें रशीदा की सिसकारियों के साथ मिलकर पूरे कमरे में गूँजने लगी। रशीदा और नफ़िसा दोनों की चूत की धुनकी बज उठी... खासतौर पर रशीदा की चूत बुरी तरह कुलबुलाने लगी और वो "आहहहह ओहहहह सुनील... आहहहहह ऊँहहह आआईईई" करते हुए झड़ने लगी। सुनील ने भी अपनी रफ़्तार को चरम तक पहुँचा दिया जिससे बेड भी चरमराने लगा। "ओहहहह सुनील इसकी गाँड के अंदर नहीं झड़ना... हमें तेरे लंड के पानी का ज़ायक़ा चखना है...!" नफ़ीसा बोली तो सुनील ने जल्दी से अपना लंड बाहर निकाल लिया। नफ़ीसा ने जल्दी से घुटनों के बल बैठते हुए सुनील के लंड को अपने हाथ में ली लिया और उसके लंड के सुपाड़ा पर अपनी जीभ फेरते हुए उसपे अपनी सहेली की गाँड की गंदगी चाटने लगी। रशीदा भी भी रंडी की तरह सुनील के टट्टों को अपने मुँह मैं भर कर चूसने लगी और अपनी ही गाँड का ज़ायक़ा लेने लगी। कुछ ही पलों में सुनील के लंड की नसें फूलने लगी और फिर जैसे ही दोनों रंडियों को अंदाज़ा हुआ कि सुनील के लंड से अब मनी इखराज़ होने वाली है... दोनों ने अपने मुँह खोल लिये और फिर सुनील के लंड से वीर्य की लंबी-लंबी पिचकारियाँ निकलने लगी जो सीधा जाकर दोनों के मुँह और मम्मों पर गिरने लगी। सुनील के लंड इतना पानी निकला कि दोनों के चेहरे और मम्मे पूरी तरह से सन गये। फिर सुनील झड़ने के बाद बेड पर लेट गया और दोनों औरतें एक दूसरे का चेहरे और मम्मे चाटते हुए सुनील की मनी का ज़ायका लेने लगीं। तीनों सुबह तीन बजे तक चुदाई का खेल खेलते रहे और सुबह तीन बजे सोये।

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